बजट में रोजगार की अपार संभावनाएं
वाणिज्य अध्ययनशाला में बजट परिचर्चा आयोजित
उज्जैन। केंद्रीय बजट ग्रोथ बूस्टर बजट है जिसके दूरगामी परिणाम प्राप्त होंगे। यह अल्पकालीन महत्वाकांक्षाओं की पूर्ति न कर भविष्य में रोजगार की अपार संभावनाओं को ध्यान में रखकर बनाया गया है।
उक्त उद्गार चार्टर्ड अकाउंटेंट श्री अतुल नीमा ने वाणिज्य अध्ययनशाला, विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन में आयोजित बजट परिचर्चा में मुख्य वक्ता के रूप में व्यक्त किये। आपने कहा कि, वर्तमान केंद्रीय बजट अर्थव्यवस्था की दूरगामी सुदृढ़ता की दिशा में एक कारगर कदम है।
इस अवसर पर पंडित जवाहरलाल नेहरू व्यवसाय प्रबंध संस्थान (एमबीए डिपार्टमेंट), विक्रम विश्वविद्यालय के वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ. धर्मेंद्र मेहता ने बजट को सर्वस्पर्शी बजट की उपमा दी। आपने कहा कि, बजट में किसानों, वेतनभोगियों, नौजवानों, सैनिकों तथा नए उद्यमियों को ध्यान में रखकर एक-एक प्रावधान बारीकी से रखे गए हैं जिसका फायदा आने वाले समय में सभी वर्गों को होगा।
बजट परिचर्चा पर बोलते हुए वाणिज्य अध्ययनशाला के समन्वयक डॉ. शैलेंद्र कुमार भारल ने कहा कि, बजट से आम आदमी की क्रय शक्ति बढ़ेगी। नई मांग का सृजन होने से अर्थव्यवस्था में तेजी से गतिशीलता बढ़ेगी। आपने वर्तमान बजट को डिजिटलाइजेशन के युग की ओर बढ़ता अग्रणी कदम बताते हुए डिजिटल रूपी, डिजिटल बैंक, डिजिटल यूनिवर्सिटी, डिजिटल खेती की भावी अवधारणा को रेखांकित किया है।
बजट परिचर्चा की अध्यक्षता करते हुए विभागाध्यक्ष एवं अर्थशास्त्री डॉ. एस. के. मिश्रा ने कहा कि, केंद्रीय बजट भारत को आत्मनिर्भर, रोजगारोन्मुखी तथा डिजिटल महाशक्ति बनाने वाला दुरगामी बजट है।
प्रारंभ में अतिथियों का स्वागत डॉ. नागेश पाराशर, डॉ. आशीष मेहता, डॉ. अनुभा गुप्ता, डॉ. अजय शर्मा, डॉ. कायनात तंवर, डॉ. परिमिता सिंह, डॉ. नेहा माथुर, छात्र प्रतिनिधि आदर्श चौधरी, युवराज सिंह, रितिक मोढ एवं सुनील मालवीय, प्रवीण शर्मा, मुकेश बठानिया ने किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. रुचिका खंडेलवाल ने किया तथा आभार डॉ. आशीष मेहता ने व्यक्त किया।
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