एडवांस महाविद्यालय में नई शिक्षा नीति पर सेमिनार आयोजित
उज्जैन। आजाद भारत की यह तीसरी वृहत शिक्षा नीति है जिसमें टेक्नोलॉजी, भाषा एवं उच्च शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया गया है। नई शिक्षा नीति स्किल बेस्ड होने के साथ ही इसमें प्रोफेशनल स्टडीज को विद्यालय स्तर पर ही प्राथमिक शिक्षा के बाद से प्रारंभ किया गया है । यह भारत के 1.25 लाख बुद्धिजीवियों के सुझाव एवं विचारों के मंथन से निकला अमृत है।
उक्त विचार वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ शैलेंद्र कुमार भारल ने एडवांस महाविद्यालय में नई शिक्षा नीति पर आयोजित सेमिनार में मुख्य वक्ता के रूप में व्यक्त किये। आपने कहा कि देश में शोध को बढ़ावा देने के लिए नेशनल रिसर्च फाउंडेशन की स्थापना की जा रही है वही पाठ्यक्रम की संरचना क्रेडिट के आधार पर रहेगी जो कि डिजिटल स्टोर होगी। इसके लिए एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट बनाया गया है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. श्रद्धा मिश्रा ने कहा कि नई शिक्षा नीति में छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए बहुत सारे विकल्प दिए गए हैं इनमें विद्यार्थी अपने कैरियर के अनुरूप श्रेष्ठ विकल्प का चयन कर सकता है।
अतिथि परिचय विभागाध्यक्ष डॉ. वर्षा जोशी ने दिया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. सुनीता श्रीवास्तव ने किया तथा आभार डॉ मोना कटारिया ने व्यक्त किया।
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