विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन और मेलबोर्न, ऑस्ट्रेलिया की सेरा बायो लाइफ कम्पनी के मध्य एम. ओ. यू. पर हस्ताक्षर किए गए
एम. ओ. यू. से लाभान्वित होंगे जैव प्रौद्योगिकी, कृषि तकनीकी और खाद्य प्रौद्योगिकी के अध्येता
उज्जैन : विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन एवं सेरा बायो लाइफ प्रायवेट लिमिटेड, मेलबोर्न, ऑस्ट्रेलिया के मध्य एम.ओ.यू. पर हस्ताक्षर किए गए। ऑस्ट्रेलिया स्थित यह कम्पनी, जैवप्रौद्योगिकी, कृषि तकनीकी, खाद्य प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में कार्यरत है। कंपनी के निदेशक डॉ अनूप स्वरूप हैं। एमओयू पर हस्ताक्षर विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पांडेय और कंपनी के सीईओ डॉ बल्ला कुंबले ने किए। इस एमओयू का लाभ विक्रम विश्वविद्यालय में अध्ययनरत विद्यार्थियों, शोधार्थियों एवं शिक्षकों को अध्ययन एवं अनुसंधान हेतु प्राप्त होगा।
विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन शिक्षा में नवाचार, कौशल विकास एवं शैक्षणिक गुणवत्ता हेतु दृढ़ संकल्पित है। प्रो. अखिलेश कुमार पाण्डेय, कुलपति विक्रम विश्वद्यालय द्वारा अनुसंधानपरक शिक्षा को निरन्तर प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसके लिए देश एवं विदेश में स्थित कई उत्कृष्ट संस्थानों तथा औद्योगिक इकाइयों से विश्वविद्यालय का एम.ओ.यू. किया गया है। आज इसी कड़ी में मेलबोर्न, ऑस्ट्रेलिया स्थित सेरा बायो लाइफ प्रा लिमिटेड कम्पनी एवं विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के मध्य एम.ओ.यू. पर हस्ताक्षर किए गए। यह कम्पनी जैवप्रौद्योगिकी, खाद्य प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अनुसंधान कार्य तथा पौधों, जन्तुओं और सूक्ष्म जीवों की सहायता से निर्मित खाद्य पदार्थों का निर्यात, उनकी प्रोसेसिंग आदि का कार्य करती है। कम्पनी द्वारा समय-समय पर अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठियों, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अनुसंधान हेतु मानव संसाधन का प्रशिक्षण आदि कार्य किया जाता है। वर्तमान समय में इस कम्पनी द्वारा पटना, बिहार में मखाना फार्मिक एण्ड प्रोसेसिंग का कार्य भी किया जा रहा है।
विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. पाण्डेय ने बताया कि सेरा बायो लाइफ, कंपनी एम.ओ.यू. से जैव प्रौद्योगिकी एवं कृषि एवं खाद्य प्रौद्योगिकी के शोध छात्रों एवं शिक्षकों को अनुसंधानपरक नई तकनीकी का लाभ प्राप्त होगा। विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ प्रशांत पुराणिक ने शैक्षणिक एवं अनुसंधान गुणवत्ता हेतु इस एम.ओ.यू. को उपयोगी बताया। कुलानुशासक प्रो. शैलेन्द्र कुमार शर्मा ने कहा कि उत्कृष्ट संस्थानों से एम.ओ.यू. द्वारा विद्यार्थियों एवं शिक्षकों को अनुसंधान कार्य हेतु प्रयोगशालाओं की नई तकनीकी की जानकारी प्राप्त होती है, जो किसी भी शैक्षणिक संस्थान के लिए आवश्यक है। उपरोक्त दोनों संस्थानों के मध्य एम.ओ.यू. कार्यक्रम के संयोजक डॉ अरविंद शुक्ल एवं डॉ. शिवी भसीन थे। इस कार्यक्रम में डॉ सलिल सिंह विभागाध्यक्ष, प्राणिकी एवं जैव प्रौद्योगिकी अध्ययनशाला, उप कुलसचिव डॉ डी. डी. बग्गा तथा कर्मचारीगण उपस्थित थे।
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