उक्त विचार राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना की 178वीं आभासी संगोष्ठी में पराक्रम दिवसःसुभाषचन्द्र बोस जयंती के अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप मेमं व्यक्त किये । संगोष्ठी का शुभारंभ में सरस्वती वंदना डॉ. सुरेखा मंत्री ने की। स्वागत भाषण गरिमा गर्ग ने दिया एवं प्रस्तावना डॉ. भरत शेणकर ने रखी।
बोस के संबंध में उद्बोधन विशिष्ट अतिथि डॉ. अनसूया अग्रवाल, श्रीमती सुवर्णा जाधव, नूतन सिन्हा ने दिया एवं काव्यमयी प्रस्तुति डॉ. मुक्ता कौशिक, डॉ. दीपिका सुतोदिया, सपना साहू, सुन्दरलाल जोशी, डॉ. सुरेखा मंत्री, डॉ. भरत शेणकर, ज्योति जलज, भुवनेश्वरी जायसवाल, रेणू अमि, सरिता सिद्धी तथा मुख्य अतिथि डॉ. अंजना संधीर ने दिया एवं अध्यक्षीय भाषण डॉ. शहाबुद्दीन शेख ने दिया।
संगोष्ठी का संचालन सुश्री रोहिणी डावरे ने एवं आभार सुनीता हडके ने माना।
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