उज्जैन : विक्रम विश्वविद्यालय की पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान अध्ययनशाला में सूर्य नमस्कार का आयोजन किया गया । इस अवसर पर सभी शिक्षक, कर्मचारी और विद्यार्थियों ने सम्मिलित होकर सूर्य नमस्कार किया । विभागाध्यक्ष डॉ सोनल सिंह तथा डॉ अनिल जैन और डॉ राज बोरिया ने विद्यार्थियों को सूर्य नमस्कार, योग, प्राणायाम और ध्यान के लाभ समझाये । सभी विद्यार्थियों ने योग को अपनी दैनिक दिनचर्या में सम्मिलित करने का संकल्प लिया ।
संक्षेप में श्री मोरवीनंदन श्री श्याम देव कथा ( स्कंद्पुराणोक्त - श्री वेद व्यास जी द्वारा विरचित) !! !! जय जय मोरवीनंदन, जय श्री श्याम !! !! !! खाटू वाले बाबा, जय श्री श्याम !! 'श्री मोरवीनंदन खाटू श्याम चरित्र'' एवं हम सभी श्याम प्रेमियों ' का कर्तव्य है कि श्री श्याम प्रभु खाटूवाले की सुकीर्ति एवं यश का गायन भावों के माध्यम से सभी श्री श्याम प्रेमियों के लिए करते रहे, एवं श्री मोरवीनंदन बाबा श्याम की वह शास्त्र सम्मत दिव्यकथा एवं चरित्र सभी श्री श्याम प्रेमियों तक पहुंचे, जिसे स्वयं श्री वेद व्यास जी ने स्कन्द पुराण के "माहेश्वर खंड के अंतर्गत द्वितीय उपखंड 'कौमारिक खंड'" में सुविस्तार पूर्वक बहुत ही आलौकिक ढंग से वर्णन किया है... वैसे तो, आज के इस युग में श्री मोरवीनन्दन श्यामधणी श्री खाटूवाले श्याम बाबा का नाम कौन नहीं जानता होगा... आज केवल भारत में ही नहीं अपितु समूचे विश्व के भारतीय परिवार ने श्री श्याम जी के चमत्कारों को अपने जीवन में प्रत्यक्ष रूप से देख लिया हैं.... आज पुरे भारत के सभी शहरों एवं गावों में श्री श्याम जी से सम्बंधित संस्थाओं...
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