श्रीकृष्ण सरलजी की 104वीं जयन्ती आयोजित
उज्जैन। छोड़ो लीक पुरानी छोड़ो/युग को नई दिशा में मोड़ो/प्रेरक बने अतीत तुम्हारा/नए क्षितिज की ओर चरण हो/रखे बांधकर जो जीवन को /ऐसे हर बंधन को तोड़ो /छोड़ो लीक पुरानी छोड़ो।
राष्ट्रकवि, अमर शहीदों के चारण, श्रीयुत श्रीकृष्ण सरल की 104वीं जयंती मनाते हुए उनकी उक्त पंक्तियां संस्था सरल काव्यांजलि के सदस्यों ने आज सुनाईं और सरल प्रतिमा पर पुष्पांजलि की। संस्था के नितिन पोल ने बताया कि इस अवसर पर संस्था अध्यक्ष सन्तोष सुपेकर, महासचिव राजेन्द्र देवधरे दर्पण, सचिव डॉक्टर संजय नागर, डॉक्टर पुष्पा चौरसिया, डॉक्टर वन्दना गुप्ता, महेश कानूनगो, संजय जौहरी, प्रदीप सरल, डॉ. डीके शर्मा, विजय गोपी, हरदयालसिंह ठाकुर (एडवोकेट), के.एन. शर्मा अकेला, रामचन्द्र धर्मदासानी ने अपने उद्बोधन में सरलजी का स्मरण किया।
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