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गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर रावी का संकल्प : सांस्कृतिक स्वराज के अंतर्गत हुई देशभक्तिपूर्ण गीत- संगीत की प्रस्तुतियां

उज्जैन : विक्रम विश्वविद्यालय, राष्ट्रीय सेवा योजना द्वारा गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर 25 जनवरी को रावी का संकल्प : सांस्कृतिक स्वराज  के अंतर्गत देशभक्तिपूर्ण सांस्कृतिक प्रस्तुतियां हुईं। स्वाधीनता के अमृत महोत्सव के अवसर पर यह आयोजन विक्रम कीर्ति मंदिर में विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो अखिलेश कुमार पांडेय की अध्यक्षता में संपन्न हुआ। विशिष्ट अतिथि कार्यपरिषद सदस्य श्री सचिन दवे, कुलसचिव डॉ प्रशांत पुराणिक, कुलानुशासक प्रो शैलेंद्र कुमार शर्मा एवं क्षेत्रीय प्रचार निदेशालय, भारत सरकार के क्षेत्रीय प्रचार अधिकारी श्री दिलीपसिंह परमार थे। 

कुलपति प्रो अखिलेश कुमार पांडेय ने कहा कि हमें स्वाधीनता सेनानियों के सपने के अनुरूप पूर्ण स्वतंत्रता के लिए प्रयास करना होगा। वर्तमान दौर में मानसिक गुलामी से मुक्ति आवश्यक है। अखण्ड भारत का  सपना पूरा होना चाहिए। हमारी संस्कृति को लेकर गहरा स्वाभिमान होना चाहिए। देश को आत्मनिर्भर भारत के रूप में आगे ले जाने का संकल्प लेना होगा। स्वदेशी वस्तुओं को लेकर  स्वाभिमान का भाव प्रत्येक भारतवासी में होना चाहिए।  यह प्रसन्नता का विषय है कि श्रेष्ठतम कार्यों के लिए एनएसएस का  अवार्ड विक्रम विश्वविद्यालय को मिला है।

कार्यपरिषद सदस्य श्री सचिन दवे ने कहा कि रावी नदी के तट पर पूर्ण स्वराज्य की शपथ ली गई थी। विश्वविद्यालय इस अवसर पर महत्त्वपूर्ण आयोजन करता है, यह उपलब्धिपूर्ण है। हमें पूर्ण स्वराज्य प्राप्त करने के लिए आगे आना होगा। 

 कुलसचिव डॉ प्रशांत पुराणिक ने कहा कि हमारे अमर सेनानियों के संकल्पों को साकार करने के लिए युवा पीढ़ी के निष्ठापूर्ण प्रयास जरूरी हैं। उनके सपनों की परिपूर्णता के लिए शुरुआत की जरुरत है। 

कुलानुशासक प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा ने कहा कि सांस्कृतिक – सामाजिक दृष्टि से देश को पूर्ण स्वराज दिलाने की दिशा में अनेक लोगों ने शहादत दी थी। उनकी स्मृति महान प्रेरणा जगाती है।     

आयोजन में विश्वविद्यालय की रासेयो इकाइयों से जुड़े स्वयंसेवकों और विभिन्न अध्ययनशालाओं के युवाओं ने देशभक्तिपूर्ण गीत, नृत्य आदि की प्रस्तुति की। अतिथि स्वागत डॉ प्रदीप लाखरे, प्रो प्रेमलता चुटैल, डॉ डी डी बेदिया, डॉ गणपत अहिरवार, डॉ रमण सोलंकी, डॉ अजय शर्मा  आदि ने किया। 

सांस्कृतिक कार्यक्रमों के अंतर्गत पाश्वी आचार्य ने कथक नृत्य की प्रस्तुति से कार्यक्रम की शुरुआत की। अर्पिता आंजना ने देशभक्तिपूर्ण नृत्य की प्रस्तुति की। पूर्वा शर्मा ने लोकनृत्य की प्रस्तुति की।   श्री राजेश हुकमानी, दीपक सोनी, तुषार ठाकुर, संजय सेन, विशाल मालवीय, अमय सोनी ने देशभक्ति गीतों की प्रस्तुति की। सिमरन डागर ने लोक नृत्य और तनिषा जैन ने कथक नृत्य का प्रदर्शन किया।

संचालन दुर्गाशंकर सूर्यवंशी ने किया।  आभार प्रदर्शन डॉ अजय शर्मा ने किया।

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