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प्राणिकी एवं जैव प्रौद्योगिकी के विद्यार्थियों ने किया आशा कनफेक्शनरी इंडस्ट्री का शैक्षणिक भ्रमण

 पब्लिक आउटरीच कार्यक्रम में कुलपति प्रो पाण्डेय के मार्गदर्शन में हुआ 

उज्जैन : पब्लिक आउटरीच कार्यक्रम के अन्तर्गत प्राणिकी एवं जैव प्रौद्योगिकी अध्ययनशाला, विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन, के बी. एससी. (आनर्स) जैव प्रौद्योगिकी के विद्यार्थियों ने आशा इंडस्ट्री इन्दौर का शैक्षणिक भ्रमण कुलपति अखिलेश कुमार पाण्डेय के मार्गदर्शन में किया। उन्होंने कई प्रकार के उत्पादों की निर्माण विधि, उपयोगी मशीनरी के नियंत्रण एवं पैकिंग से सम्बंधित विस्तृत जानकारी प्राप्त की।                     

प्राणिकी एवं जैवप्रौद्योगिकी अध्ययनशाला, विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के बी.एससी. (ओनर्स) जैवप्रौद्योगिकी में अध्ययनरत विद्यार्थियों के द्वारा आशा इंडस्ट्री इन्दौर का शैक्षणिक भ्रमण पब्लिक आउटरीच प्रोग्राम के अंतर्गत किया गया। जैवप्रौद्योगिकी के विद्यार्थियों द्वारा कुछ समय पूर्व स्थानीय जैव-विविधता का उपयोग करते हुए कई उत्पाद जैसे मशरूम चाकलेट, चाकलेट बिस्किट्स, चाकलेट, आँवला मुरब्बा, आँवला कैंडी तथा हर्बल केक का निर्माण किया गया था।

                

विद्यार्थियों द्वारा शिक्षा के साथ नवाचार एवं कौशल विकास के प्रयासों से प्रसन्न होकर कुलपति प्रो. पाण्डेय ने स्वयं अपने मार्गदर्शन में विभाग के शिक्षकों के साथ विद्यार्थियों का अकादमिक भ्रमण इस प्रतिष्ठित औद्योगिक इकाई में कराया। वहाँ पर विद्यार्थियों ने कई प्रकार के बिस्किट, केक एवं चाकलेट निर्माण की प्रक्रिया, फर्मेंटेशन क्रिया, निर्मित उत्पादों का गुणवत्ता आकलन, नियंत्रण,  पैकेजिंग तथा विपणन के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त की। विद्यार्थियों द्वारा इस औद्योगिक इकाई की प्रयोगशाला में माइक्रो बायोलोजिकल एवं जैव रासायनिक परीक्षण की विधियों की जानकारी प्राप्त की गई। विद्यार्थियों ने अपशिष्ट जल उपचार तकनीकी की प्रक्रिया का अध्ययन किया । आशा कनफेक्शनरी इण्डस्ट्री के प्रबन्ध संचालक एवं मालिक श्री दीपक दरयानी ने कुलपति प्रो. पाण्डेय तथा विभाग के शिक्षकों के साथ बैठक की तथा इस प्रतिष्ठित औद्योगिक इकाई की प्रगति, मशीनरी आदि की जानकारी प्रदान की। उल्लेखनीय है कि श्री दीपक दरयानी अत्यन्त सहज एवं प्रभावशील व्यक्तित्व के धनी है, जिन्होंने कई संस्थानों के विद्यार्थियों में कौशल विकास हेतु नि: शुक्ल इंटर्नशिप के साथ-साथ उनकी भोजन की भी व्यवस्था की है। इस औद्योगिक इकाई द्वारा कोविड-19 के समय में मरीजों एवं डयूटी में कार्यरत दल को सामाजिक दायित्व निभाते हुए भोजन प्रदान किया जा चुका है। प्रो. अखिलेश कुमार पाण्डेय ने इस औद्योगिक इकाई की गुणवत्ता व प्रबन्धन क्षमता की प्रशंसा करते हुए यहाँ के “एक्सपोजर विथ इमिनेन्ट पर्सनालिटी” कार्यक्रम के अंतर्गत एक व्याख्यान कराने तथा भविष्य में एमओयू कराने का आश्वासन दिया, जो विश्वविद्यालय के जैव प्रौद्योगिकी, सूक्ष्मविज्ञान, फ़ूड-टेक्नोलॉजी, जीव रसायन विभाग में अध्यनरत विद्यार्थियों के लिए उपयोगी होगा। डॉ सलिल सिंह विभागाध्यक्ष, प्राणिकी एवं जैवप्रौद्योगिकी अध्ययनशाला ने कहा कि छात्रों के कौशल विकास हेतु यह भ्रमण अत्यंत उपयोगी सिद्ध हुआ। 

इस कार्यक्रम के सयोजक डॉ अरविन्द शुक्ल एवं डॉ शिवि भसीन थे। औद्योगिक भ्रमण के कार्यक्रम में डॉ स्मिता सोलंकी, डॉ गरिमा शर्मा तथा बी. एससी. (आनर्स) जैवप्रौद्योगिकी के छात्र उपस्थित थे। यह जानकारी  देते हुए विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के कुलानुशासक प्रो. शैलेन्द्र कुमार शर्मा ने बताया कि औद्योगिक इकाइयों के भ्रमण से विद्यार्थियों में कौशल विकास एवं नवाचार भावनाओं का सृजन होता है, जो आत्मनिर्भर भारत के निर्माण हेतु आवश्यक है।

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