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भौतिकी अध्ययनशाला में आयोजित हुआ संवाद - ओपन हाउस कार्यक्रम

उज्जैन : विक्रम विश्वविद्यालय की भौतिकी अध्ययनशाला में  संवाद- एन ओपन हाउस मीटिंग का आयोजन किया गया । इस मीटिंग का संयोजन डॉ निश्छल यादव, डाॅ गणपत अहिरवार', डॉ. स्वाति दुबे द्वारा किया गया।  आयोजन में अध्ययनशाला के सभी‌ विद्यार्थी , शिक्षक गण और कर्मचारी भी शामिल थे। इस अवसर पर विद्यार्थियों ने विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे नेट, गेट, जेस्ट, जेम, व्यक्तित्व विकास, कम्यूनिकेशन स्किल  इत्यादि के लिये मार्गदर्शन कक्षाओं एवं साक्षात्कार तैयारी के लिये विशेष प्रशिक्षण कक्षाओं के संचालन के लिये अनुरोध किया।

इस मीटिंग में  विद्यार्थियों ने अपनी  एक ओपन लाइब्रेरी की मांग रखी और वाद विवाद एवं विज्ञान प्रश्नोत्तरी जैसी प्रतियोगिताओं के विभागीय स्तर पर आयोजन  करवाने का सुझाव दिया। डॉ. निश्छल यादव, सहायक प्राध्यापक, भौतिकी अ. शा . ने उपस्थित समुदाय को इस मंच के माध्यम से फिजिक्स क्लब एवं फिजीसिस्ट एलूमिनी एसोसियेशन के साथ मिलकर आगामी वर्ष भर आयोजित किये जाने वाले कार्यक्रमों एवं  नवाचारों से अवगत कराया। विभागाध्यक्ष डॉ. स्वाति दुबे  ने सभी विद्यार्थियों की जिज्ञासाओं का समाधान किया।  साथ  ही आशा व्यक्त की कि विद्यार्थी अपने कैरियर एवं पढ़ाई के लिये सार्थक समयबद्ध योजना के साथ काम करेंगे। इस अवसर पर डॉ. कमल जैन एवं डॉ . रत्ना अग्रवाल ने भी संस्था के विकास एवं   बेहतर अध्ययन-अध्यापन के लिये शिक्षक-शिक्षार्थी के मध्य समन्वय स्थापना के लिये बहुमूल्य सुझाव दिए ।  संवाद में शोधार्थी सुभाष चौहान, अमरसिंह चौधरी, नीति टंडन एवं साई शिखा नायडू भी शरीक हुए। उन्होने अ.शा. में शोध सुविधाओं एवम प्रयोगशाला उपकरणों को परिष्कृत करने का सुझाव दिया। 

अध्ययनशाला में प्रवेशित अधिकतम विद्यार्थी हिंदी माध्यम के हैं। उन्हें अंग्रेजी माध्यम में अध्ययन करने में परेशानियां आती है। उनकी इस प्रकार की समस्याओं के समाधान के लिए अध्ययनशाला में एक अंग्रेजी स्पोकन इकाई के गठन एवं व्यवस्थित संचालन पर सहमति हुई। ये सेल विभिन्न प्रकार के शिक्षण टूल का सामूहिक प्रयोग करके विद्यार्थियों की अंग्रेजी से संबंधित समस्याओं का समाधान करने का प्रयास करेगी। साथ ही भविष्य में विद्यार्थियों को साक्षात्कार के लिए तैयार करने में भी मदद करेगी। विभाग के पूर्व विद्यार्थी जो उच्च पदों पर आसीन है एवं अपनी सेवाएं दे रहे है, वे विद्यार्थियों को समय समय पर सेमिनार, व्याख्यान एवं परिचर्चा के माध्यम से अपनी सहभागिता निभाएंगे।

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