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सीडीएस स्व. जनरल रावत और शहीदों की स्मृति में किया गया वृक्षारोपण


उज्जैन : भारत के प्रथम रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) स्व. जनरल विपिन रावत और शहीदों के स्मरणार्थ प्राणिकी एवं जैवप्रौद्योगिकी अध्ययनशाला, विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन तथा वृक्षामित्र सेवासमिति उज्जैन के संयुक्त प्रयास से वृक्षारोपण का कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम में उज्जैन के गणमान्य नागरिकों के साथ विश्वविद्यालय के अधिकारी, प्राध्यापक, विद्यार्थी एवं कर्मचारीगण उपस्थित थे। तमिलनाडु के कुन्नूर के निकट 8 दिसम्बर 2021 को हुई हेलीकॉप्टर दुर्घटना में भारत के प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सी.डी.एस.) श्री विपिन रावत जी, उनकी पत्नी श्रीमती मधुलिका रावत सहित13 लोगों का दुखद निधन हो गया था। पूरा देश इस हादसे से दुखी है। जनरल रावत जी के अचानक चले जाना प्रत्येक राष्ट्रभक्त के किए बहुत बड़ी क्षति है। जनरल विपिन रावत जी व सभी शहीदों के स्मरणार्थ राष्ट्र रक्षा में अपने शौर्य व पराक्रम से समूचे देश क सुख समृद्धि के लिए प्रतिपल डटी भारतीय सेना अपनी, शूरवीरता व बलिदान के लिए सदैव जानी जाती है। हमारी सेनाएँ और वीर सैनिक सीमाओं पर अचल- अड़िक डटे हुए है, इसलिए हम पूर्णरूपेण सुरक्षित हैं।

प्राणिकी एवं जैवप्रौद्योगिकी अध्ययनशाला, विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया तथा वृक्षमित्र सेवा समिति के सहयोग से वृक्षारोपण किया गया। इस कार्यक्रम के अध्यक्षीय उद्बोधन में प्रो. अखिलेश कुमार पाण्डेय, कुलपति विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन ने कहा कि जनरल रावत जी का असामयिक निधन देश की बहुत बड़ी क्षति है। जनरल श्री विपिन रावत जी के सेवाकाल में अनेक अविस्मरणीय कार्य हुए, जिनमें मुख्य हैं- म्यांमार मे 2015 की सीमा पार ऑपरेशन, 2016 की सर्जिकल स्ट्राइक, तथा 2020 में गलवान घाटी पर भारत चीन सीमा विवाद में भारत की सफलता आदि। ऐसे वीर सपूत सदैव याद किये जाते रहेंगे। उनके स्मरण में पौधारोपण किया जाना हम सभी के लिए गौरव की बात है। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. प्रशांत पुराणिक ने कहा कि जनरल विपिन रावत ने देश की सुरक्षा में अपनी अहम भूमिका निभाई है, देश के सभी नागरिक इनके ऋणी है। प्रो. शैलेन्द्र कुमार शर्मा कुलानुशासक, विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन ने कहा कि जनरल विपिन रावत जी का देश की सेना को रक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने में सराहनीय योगदान सदैव याद किया जाता रहेगा। प्रणिकी एवं जैवप्रौद्योगिकी अध्ययनशाला के विभागाध्यका डा. सलिल सिह ने बताया कि जनरल रावत जी का चोपर केश हादसे में आचनक मृत हो जाना हर भारत प्रेमी के लिए अविस्मरणीय क्षति है। इस कार्यक्रम के संयोजक, डॉ अरविंद शुक्ला एवं डॉ.शिवी भसीन थीं। इस अवसर पर वृक्षमित्र सेवा समिति उज्जैन की ओर से श्री प्रवीण साठे, श्री रविंद्र सुलेर, श्री आशुतोष पंडित, श्रीकांत जोशी, श्री मिलन लेले, श्रीमती मीरा यादव, श्रीमती ज्योति पोरवाल, श्री दीपक शाहपुरकर एवं श्री अजय भातखण्डे उपस्थित थे। विक्रम विश्वविद्यालय से डॉ. मुकेश वाणी, अधिकारीगण, कर्मचारीगण तथा विद्यार्थी उपस्थित थे।

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