राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना के प्रमुख उद्देश्यो में मातृभाषा एवं राजभाषा हिन्दी को राष्ट्रभाषा बनाने के लिये प्रचार-प्रसार के साथ-साथ विश्व में हिन्दी ने द्वितीय स्थान से प्रथम विश्व की प्रथम भाषा का स्थान प्राप्त होगा। इसी विषय पर विद्वान अतिथि एवं वक्ता ‘विश्व में हिन्दी का बढ़ता प्रभाव‘ पर राष्ट्रीय संगोष्ठी में विचार व्यक्त करेंगे। यह जानकारी राष्ट्रीय महासचिव डॉ. प्रभु चौधरी ने देते हुए बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न श्री अटलबिहारी वाजपेयी जी की जयंती समारोह हिन्दी भवन भोपाल के महादेवी वर्मा सभागार मे द्वितीय सत्र राष्ट्रीय संगोष्ठी संगोष्ठी के मुख्य अतिथि डॉ. शैलेन्द्रकुमार शर्मा(संकायाध्यक्ष, विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन), विशिष्ट अतिथि श्री दिग्विजय शर्मा प्राध्यापक आगरा , श्री नरेन्द्रसिंह परिहार(संपादक दिवाना मेरा नागपुर), श्री जवाहर कर्नावट(निदेशक हिन्दी भवन भोपाल), विशेष वक्ता श्रीमती विनया राजाराम(बाल साहित्यकार भोपाल), श्री एस. विनयकुमार(सम्पादक कनार्टक हिन्दी पत्रिका), अध्यक्षता श्री हरेराम वाजपेयी(अध्यक्ष हिन्दी परिवार इन्दौर) करेंगे। स्वागत भाषण श्री ब्रजकिशोर शर्मा(अध्यक्ष राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना उज्जैन) एवं संचालन डॉ. रश्मि चौबे(महासचिव इकाई महिला गाजियाबाद) करेंगे।
संक्षेप में श्री मोरवीनंदन श्री श्याम देव कथा ( स्कंद्पुराणोक्त - श्री वेद व्यास जी द्वारा विरचित) !! !! जय जय मोरवीनंदन, जय श्री श्याम !! !! !! खाटू वाले बाबा, जय श्री श्याम !! 'श्री मोरवीनंदन खाटू श्याम चरित्र'' एवं हम सभी श्याम प्रेमियों ' का कर्तव्य है कि श्री श्याम प्रभु खाटूवाले की सुकीर्ति एवं यश का गायन भावों के माध्यम से सभी श्री श्याम प्रेमियों के लिए करते रहे, एवं श्री मोरवीनंदन बाबा श्याम की वह शास्त्र सम्मत दिव्यकथा एवं चरित्र सभी श्री श्याम प्रेमियों तक पहुंचे, जिसे स्वयं श्री वेद व्यास जी ने स्कन्द पुराण के "माहेश्वर खंड के अंतर्गत द्वितीय उपखंड 'कौमारिक खंड'" में सुविस्तार पूर्वक बहुत ही आलौकिक ढंग से वर्णन किया है... वैसे तो, आज के इस युग में श्री मोरवीनन्दन श्यामधणी श्री खाटूवाले श्याम बाबा का नाम कौन नहीं जानता होगा... आज केवल भारत में ही नहीं अपितु समूचे विश्व के भारतीय परिवार ने श्री श्याम जी के चमत्कारों को अपने जीवन में प्रत्यक्ष रूप से देख लिया हैं.... आज पुरे भारत के सभी शहरों एवं गावों में श्री श्याम जी से सम्बंधित संस्थाओं...
Comments