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बैंकों के निजीकरण के प्रयासों के विरोध में आज बैंक कर्मियों ने किया प्रभावी प्रदर्शन, 16 एवं 17 दिसंबर 2021 को राष्ट्रव्यापी बैंक हड़ताल

बैंकों के निजीकरण के प्रयासों के विरोध में आज बैंक कर्मियों ने किया प्रभावी प्रदर्शन
16 एवं 17 दिसंबर 2021 को राष्ट्रव्यापी बैंक हड़ताल

भोपाल : यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस जो कि बैंकिंग उद्योग के करीब करीब शत प्रतिशत बैंक कर्मचारियों एवं अधिकारियों का प्रतिनिधित्व करता है के आह्वान पर बैंकों के निजीकरण के प्रयासों के विरोध में 16 एवं 17 दिसंबर 2021 को दस लाख बैंककर्मी दो दिवसीय राष्ट्रव्यापी बैंक हड़ताल में भाग लेंगे। हड़ताल के कारण देश भर की बैंकों में काम काज ठप्प रहेगा। हड़ताल के पूर्व देश भर में बैंकों के निजीकरण के प्रयासों के विरोध में हस्ताक्षर अभियान, धरना, प्रदर्शन एवं सभाओं के आयोजन किए जा रहे हैं। इसी तारतम्य में आज, 8 दिसंबर 2021 बुधवार को, शाम 6:00 बजे अरेरा हिल्स भोपाल स्थित यूको बैंक जोनल ऑफिस के सामने राजधानी की विभिन्न बैंकों के सैकड़ों कर्मचारी एवं अधिकारी एकत्रित हुए उन्होंने अपनी मांगों के समर्थन में जोरदार नारेबाजी कर प्रभावी प्रदर्शन किया। आंदोलित बैंक कर्मी बैंकों के निजीकरण के प्रयासों का एवं प्रतिगामी बैंकिंग सुधारों का विरोध कर रहे थे। उनकी मांग है कि बैंकिंग कानून (संशोधन) बिल वापस लिया जाए। प्रदर्शन के पश्चात सभा हुई जिसे बैंक कर्मचारी- अधिकारी नेताओं साथी वी के शर्मा, संजीव सबलोक, नलिन शर्मा,संजय कुदेशिया, मोहम्मद नजीर कुरैशी, दीपक रत्न शर्मा,मदन जैन,आशीष तिवारी, दर्शन भाई, जे पी झंबर, एम जी शिंदे, गुणशेखरण,प्रभात खरे,धर्मेंद्र श्रीवास्तव, मिलिंद डेकाटे, ए एस तोमर आदि ने संबोधित किया।


वी के शर्मा कोऑर्डिनेटर यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस मध्य प्रदेश के कहा कि, वक्ताओं ने बताया कि, हमारे देश में 19 जुलाई 1969 को 14 बड़े निजी बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया गया था और पिछले 50 से अधिक वर्षों में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने हमारे राष्ट्र के समग्र आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान किया है। संभ्रांत बैंकिंग अब जन बैंकिंग में परिवर्तित हो गई है। आज बैंकिंग सेवाएं जनसाधारण को बड़ी आसानी से उपलब्ध हैं और बैंकों की हजारों शाखाएं ग्रामीण क्षेत्रों और गांवों में खुल गई हैं। ऋण की सुविधा सभी जरूरतमंदों और उपेक्षित क्षेत्रों को प्राथमिकता के आधार पर उपलब्ध है। ये सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक आम आदमी की मेहनत की कमाई और बहुमूल्य बचत का प्रतिनिधित्व करते हैं। इनकी सुरक्षा की जानी चाहिए। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को आम जनता, हमारी अर्थव्यवस्था और हमारे राष्ट्रहित में और अधिक सुदृढ़ किया जाना चाहिए। निजी कॉरपोरेट कंपनियों एवं औद्योगिक घरानों के विशाल मात्रा में खराब ऋणों की वसूली के लिए कठोर एवं कारगर कदम उठाए जाने की जरूरत है। खराब ऋणों को बट्टे खाते में डालने के लिए उन्हें छूट देने की बजाय लघु एवं सीमांत कर्जदारों को छूट दी जानी चाहिए, साथ ही साथ जनता की जमा राशियों पर ब्याज दर में वृद्धि कर बैंक के ग्राहकों की सेवा शुल्कों में कमी की जानी चाहिए। हम सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजी करण के प्रयासों की वर्तमान कार्यवाही और इन बैंकों को निजी कॉरपोरेट कंपनियों एवं औद्योगिक घरानों जिनमें से कई बैंकों के विशाल खराब ऋणों के लिए जिम्मेवार हैं, के हाथों में सौंपने के वर्तमान कदमों का भी विरोध करते हैं। बैंकों का निजीकरण जन, श्रम, किसान ,मजदूर ,गरीब ,रोजगार, आरक्षण, बैंक कर्मियों की नौकरी एवं नौकरी की सुरक्षा विरोधी है।

हमारी केंद्र सरकार से मांग है कि बैंकों के निजीकरण के प्रयासों पर पुनर्विचार करें और इसे तत्काल प्रभाव से रोक दें, अन्यथा आगामी 16 एवं 17 दिसंबर 2021 को देश भर की एक लाख से ज्यादा शाखाओं में कार्यरत दस लाख से अधिक बैंक कर्मचारी एवं अधिकारी राष्ट्रव्यापी हड़ताल करेंगे। इसके बाद भी यदि सरकार नहीं मानी तो बैंकिंग उद्योग में और कई लंबी लंबी हड़तालें की जाएंगी तथा आवश्यकता पड़ने पर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने से भी बैंक कर्मचारी अधिकारी नहीं हिचकेंगे।


विभिन्न बैंकों के अधिकारी - कर्मचारी संगठनों एवं यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस के पदाधिकारियों साथी वी के शर्मा, संजीव सबलोक ,अरुण भगोलीवाल, संजय कुदेशिया, दीपक रत्न शर्मा, मदन जैन,नजीर कुरेशी , नलिन शर्मा,आशीष तिवारी, दीपक शुक्ला ,जे पी झंवर, एम जी शिंदे, गुणशेखरण, प्रभात खरे, देवेंद्र खरे, गोपाल राठौर, ए एस तोमर, आर एन भारद्वाज, रवि कांत गुप्ता,भगवान स्वरूप कुशवाह, संजीव चौबे , अनिल मारोती, वी एस नेगी, अनुराग पांडे, योगेश मनुजा, आर के निगम,के के त्रिपाठी, टी एन विन्डैया, विभु जोशी,संतोष जैन, जे पी दुबे,अशोक पंचोली,सत्येंद्र चौरसिया, किशन खैराजानी, जे डी मलिक, कुलदीप स्वर्णकार,सतीश चौबे, दर्शन भाई, जी डी पाराशर, गोपाल राठौर, पी जे महेश्वरी,ए एस तोमर, सुंदर किसनानी,जी पी चांदवानी, तपन व्यास, सितांशु शेखर,धर्मेंद्र श्रीवास्तव, शोभित वाडेल, अमित शर्मा, सिद्धार्थ सिंह, बासु जेठानी, अतुल बाकोटकर, अंकिता, रश्मि,सनी श्रीवास्तव, तिलक राज सिंह,वैभव गुप्ता, राकेश कटारे,कैलाश माखीजानी, तिलक परिहार, महेश पहलाजानी, दिनेश झा, पंकज चौबे,जी बी आनेकर, मिलिंद डेकाटे, हरीश अग्रवाल, स्वराज सिंह सिसोदिया, बाबूलाल राठौर,विश्वामित्र दुबे, रितेश शर्मा,सुनील देसाई, पुरुषोत्तम नाथानी, संदीप तिवारी, जगदीश चांदवानी, संतोष मालवीय, राम चौरसिया, विवेक मालवीय, नानक केसवानी, महेंद्र गुप्ता,कृष्णा पांडे, कमलेश बरमैया, सौरभ पाराशर, इकबाल बहादुर ,एस पी मालवी,बाबूलाल राठौर, मंगेश दवांदे,विशाल धमेजा, आशीष पगारे, मनीष भार्गव, संजय धान, शैलेंद्र नरवरे, प्रदीप कटारिया, अवध वर्मा, गजेंद्र भाई,बी एल पुष्पद, आर एस हथिया, घाशीराम, इमरत मुन्ना रायकवार, आदि ने 16 एवं 17 दिसंबर 2021 की राष्ट्रव्यापी बैंक हड़ताल को सफल बनाने का आह्वान किया है

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