"निगमीय सामाजिक उत्तरदायित्व : बांगड़ समूह के सहयोग से पंडित जवाहरलाल नेहरू व्यवसाय प्रबंध संस्थान में व्यावहारिक क्रियान्वन प्रयास सम्पन्न"
पंडित जवाहरलाल नेहरू व्यवसाय प्रबंध संस्थान (एमबीए डिपार्टमेंट) विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन
"निगमीय सामाजिक उत्तरदायित्व: बांगड़ समूह के सहयोग से पंडित जवाहरलाल नेहरू व्यवसाय प्रबंध संस्थान में व्यावहारिक क्रियान्वन प्रयास सम्पन्न"
उज्जैन । 'निगमीय सामाजिक उत्तरदायित्व आज के समय की व्यवहार जन्य प्रणाली हैं, समस्त शैक्षणिक संस्थानों को इस प्रणाली की नितांत आवश्यकता है" उपरोक्त उद्गार प्रो. डॉ. दीपक गुप्ता ने श्रीजी पॉलीमर्स इंडिया लिमिटेड के उद्योग प्रवर्तक श्री आनंद बाँगड़ जी के उदात्त सामाजिक शैक्षणिक सरोकारों के प्रति अपने हार्दिक आभार व्यक्त करते हुए किये।
मालवा के उद्योग जगत की शीर्ष औद्योगिक इकाइयों में से एक श्रीजी पॉलीमर्स इंडिया लिमिटेड के नवोन्मेषी प्रवर्तक श्री आनंद बाँगड़ जी एवं संस्थान के निदेशक प्रो. डॉ. दीपक गुप्ता के संयुक्त अथक निगमीय सामाजिक उत्तरदायित्व प्रयासों के फलस्वरूप पंडित जवाहरलाल नेहरू व्यवसाय प्रबंध संस्थान, विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन में विभागीय एवं विद्यार्थियों के त्वरित ऑनलाइन कार्यो के निराकरण हेतु श्रीजी पॉलीमर्स इंडिया लिमिटेड द्वारा संस्थान को नवीनतम प्रौद्योगिकी आधारित डेस्कटॉप यूनिट, सहायक उपकरणों सहित नवीनतम उपलब्ध मॉडल को श्रीजी पॉलीमर्स इंडिया लिमिटेड की एचआर विभाग प्रमुख श्रीमती समीक्षा बाँगड़ के निर्देशन में एचआर कार्यकारी अधिकारीगण श्री विक्रम सिंह तोमर, श्री पुनीत दुबे द्वारा संस्थान के निदेशक प्रो. डॉ. दीपक गुप्ता को शिक्षक गणों, कर्मचारीगण एवं विद्यार्थियों की उपस्थिति में सौंपे गए।
संस्थान के संकाय सदस्यों डॉ. कामरान सुल्तान, डॉ धर्मेन्द्र मेहता, डॉ.सचिन राय, डॉ. डी. डी. बेदिया, डॉ. नयनतारा डामोर ने अकादमिक-उद्योग जगत के इस नवोन्मेषी एवं अथक निगमीय सामाजिक उत्तरदायित्व प्रयासों पर हर्ष व्यक्त करते हुए ऐसे और संयुक्त नवाचार के विश्वविद्यालयीन में क्रियान्वयन पर जोर देते हुए उद्योगपति श्री आनंद बाँगड़ जी एवं संस्थान के निदेशक प्रो. डॉ. दीपक गुप्ता को बधाई दी एवं कार्पोरेट सलाहकारिता को तीव्र गति से स्वीकार करने के प्रत्येक सद्प्रयास में अपनी हरसंभव निष्ठा एवं सहभगिता के दृढ़ संकल्प को व्यक्त किया।
डॉ. धर्मेन्द्र मेहता ने आयोजन रूपरेखा एवं डॉ. संध्या सक्सेना ने अंत में आभार व्यक्त किया।
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