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संगठन के विस्तार में आयोजन एवं सम्पर्क महत्वपूर्ण होते है-डॉ. चौधरी



समाज में किसी भी संगठन को परिचित कराने के लिये पर्याप्त समय देने वाले कार्यकर्ताओं की भूमिका होती है चाहे वह संस्था सामाजिक, साहित्यीक या कोई भी हो। अपने संगठनो को आगे बढ़ाने में कार्यकर्ताओं की सक्रियता अति आवश्यक होती है। संगठन के विस्तार में कार्यकर्ताओं द्वारा सामूहिक आयोजन एवं नए-पुराने कार्यकर्ताओं से सतत् सम्पर्क महत्वपूर्ण होता है।

यह विचार राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना के राष्ट्रीय महासचिव डॉ. प्रभु चौधरी ने संगठन द्वारा आयोजित राष्ट्रीय एवं प्रदेश पदाधिकारियों के दीपावली मिलन सम्मेलन में व्यक्त किये। आगामी राष्ट्रीय संचेतना महोत्सव के अटलश्री काव्य सम्मान समारोह भोपाल में पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिवस पर भव्य समारोह के संबंध में विस्तृत विचार विमर्श करके दि. 25 एवं 26 दिसम्बर को भोपाल में समारोह पर निर्णय हुआ। 

सम्मेलन में विशिष्ट अतिथि एवं राष्ट्रीय मुख्य कार्यकारी अध्यक्ष श्रीमती सुवर्णा जाधव ने कहा कि भारतरत्न श्री वाजपेयीजी के जन्मदिवस पर राष्ट्रीय संगोष्ठी के माध्यम से कवि साहित्यकार के रूप में श्री अटलबिहारी वाजपेयी का परिचय होना चाहिये। संगोष्ठी में राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. बालासाहेब तोरस्कर, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. सुरेखा मंत्री, राष्ट्रीय संयोजक डॉ. अनसूया अग्रवाल, राष्ट्रीय सचिव डॉ. ए. प्रिया, डॉ. अरूणा, समारोह में विशेष अतिथि प्रदेश अध्यक्ष महाराष्ट्र डॉ. भरत शेणकर, प्रदेश अध्यक्ष मध्यप्रदेश ज्योति वर्मा जलज, महासचिव रोहिणी डावरे, डॉ. जयभारती चन्द्राकर ने भी संबोधित करते हुए समारोह के लिये सुझाव देते हुए सहयोग की जानकारी दी।

संगोष्ठी की अध्यक्षता राष्ट्रीय मुख्य संयोजक डॉ. शहाबुद्दीन शेख ने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि अच्छा कार्यकर्ता वही होता है जो स्वयंसेवक के रूप में तन, मन एवं धन से संगठन को सहयोग देता है। राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना ऐसा ही संगठन है जो अपने कार्यकर्ताओं के सहयोग से ही सम्पूर्ण भारत में द्विमासिक समारोह एवं आभासी 160 संगोष्ठी को सफलतापूर्वक संचालित किये जा रहे है।

संगोष्ठी में डॉ. मुक्ता कौशिक राष्ट्रीय मुख्य प्रवक्ता के सफल संचालन में अनेक सुझाव प्रदान किये। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ प्रदेश उपाध्यक्ष श्री मोहम्मद मुकीद, डॉ. आशीष नायक, सुश्री योग्यता वैष्णव, श्रीमती भुवनेश्वरी जायसवाल, डॉ. रचना पाण्डेय, निशा झारिया, गरीमा गर्ग, पूर्णिमा कौशिक, सीमा निगम, डॉ. मंजू सरित, पुष्पा गरोठिया आदि उपस्थित रहे।

संगोष्ठी की प्रस्तावना राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. जी. डी. अग्रवाल ने एवं आभार भुवनेश्वरी जायसवाल ने माना।

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