Skip to main content

बुधनी में बनेगा खिलौना क्लस्टर- मुख्यमंत्री श्री चौहान, मुख्यमंत्री श्री चौहान ने किया बुधनी खिलौना महोत्सव का वर्चुअल शुभारंभ

 बुधनी में बनेगा खिलौना क्लस्टर- मुख्यमंत्री श्री चौहान

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने किया बुधनी खिलौना महोत्सव का वर्चुअल शुभारंभ

भोपाल : मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि बुधनी की खिलौना कला को बढ़ावा देने और रोजगार के अवसर सृजित करने के उद्देश्य से बुधनी में खिलौना क्लस्टर का निर्माण कराया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज निवास से बुधनी के दशहरा मैदान में 1 से 14 नवंबर तक आयोजित बुधनी खिलौना महोत्सव का वर्चुअल शुभारंभ कर रहे थे।

एक जिला - एक उत्पाद

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि "एक जिला - एक उत्पाद योजना" में हर जिले के एक उत्पाद को बढ़ावा दिया जा रहा है। इससे रोजगार के अवसर बढ़ाने में मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने आत्म-निर्भर भारत का मंत्र दिया था। कोरोना के संकट काल में हमने आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश का रोडमैप तैयार किया है। आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश का मतलब गरीब तक विकास का प्रकाश पहुँचाना है। जब आम आदमी आत्म-निर्भर बनेगा तभी मध्यप्रदेश को आत्म-निर्भर बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि खिलौने बेचने वालों को कम कीमत पर लकड़ी उपलब्ध कराने और उनके लिए रोजगार का प्रबंध करने का पूरा ध्यान रखा जाएगा।

बुधनी के लकड़ी के खिलौने की माँग दूर-दूर तक

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि बुधनी के लकड़ी के खिलौने की माँग दूर-दूर तक है। हम इस कला को बढ़ावा देने के लिए प्राथमिकता से कार्य करेंगे। उन्होंने होनहार काष्ठ शिल्पकारों की आर्थिक उन्नति की बात कही। उन्होंने कहा कि बुधनी के काष्ठ शिल्पकारों की बेहतरी के लिए पहल की जाएगी।

बुधनी के खिलौनों को राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई जाएगी

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि बुधनी के खिलौनों को राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई जाएगी। लकड़ी के परंपरागत खिलौनों की कला को बढ़ावा देने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। लकड़ी के खिलौने हानिकारक नहीं होते हैं। इस कला में लगे हुए कारीगरों को ट्रेनिंग, कच्चा माल तथा पूंजी की पूर्ति के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। खिलौनों की कला का प्रचार-प्रसार एवं मार्केटिंग जेम पोर्टल एवं बड़ी-बड़ी कंपनियों से बात करके की जाएगी।

बुधनी को आत्म-निर्भर बनाया जाएगा

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि बुधनी को आत्म-निर्भर बनाया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने खिलौना निर्माताओं को बधाई दी। उन्होंने कहा कि आज कोरोना कंट्रोल में है, लेकिन अभी भी इससे सावधान रहने की जरूरत है। उन्होंने अद्भुत कार्य करने वाले कोरोना वॉरियर्स को बधाई एवं सम्मान दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सभी की सजगता से प्रदेश में तीसरी लहर नहीं आई है, लेकिन संपूर्ण सुरक्षा के लिए वैक्सीन के दोनों डोज़ अवश्य लगवाएँ।

लोकल फॉर वोकल को मिलेगा बढ़ावा

लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री तथा सीहोर जिले के प्रभारी मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने कहा कि आज शुभ दिन है कि मुख्यमंत्री श्री चौहान की प्रेरणा से बुधनी में खिलौना महोत्सव हो रहा है। बुधनी अपनी काष्ठ कला के लिए प्रसिद्ध रहा है। इस तरह के आयोजन से बुधनी की कला प्रदेश के साथ देश एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाएगी और लोकल फॉर वोकल को बढ़ावा मिल सकेगा। बुधनी के लोगों को रोजगार मिलेगा और व्यापार बढ़ेगा।

सांसद रमाकांत भार्गव, पूर्व विधायक राजेंद्र सिंह राजपूत, श्री गुरु प्रसाद शर्मा, श्री रवि मालवीय, श्री महेश उपाध्याय सहित अन्य जन-प्रतिनिधि तथा आमजन उपस्थित थे।

Comments

मध्यप्रदेश समाचार

देश समाचार

Popular posts from this blog

आधे अधूरे - मोहन राकेश : पाठ और समीक्षाएँ | मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे : मध्यवर्गीय जीवन के बीच स्त्री पुरुष सम्बन्धों का रूपायन

  आधे अधूरे - मोहन राकेश : पीडीएफ और समीक्षाएँ |  Adhe Adhure - Mohan Rakesh : pdf & Reviews मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे - प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा हिन्दी के बहुमुखी प्रतिभा संपन्न नाट्य लेखक और कथाकार मोहन राकेश का जन्म  8 जनवरी 1925 को अमृतसर, पंजाब में  हुआ। उन्होंने  पंजाब विश्वविद्यालय से हिन्दी और अंग्रेज़ी में एम ए उपाधि अर्जित की थी। उनकी नाट्य त्रयी -  आषाढ़ का एक दिन, लहरों के राजहंस और आधे-अधूरे भारतीय नाट्य साहित्य की उपलब्धि के रूप में मान्य हैं।   उनके उपन्यास और  कहानियों में एक निरंतर विकास मिलता है, जिससे वे आधुनिक मनुष्य की नियति के निकट से निकटतर आते गए हैं।  उनकी खूबी यह थी कि वे कथा-शिल्प के महारथी थे और उनकी भाषा में गज़ब का सधाव ही नहीं, एक शास्त्रीय अनुशासन भी है। कहानी से लेकर उपन्यास तक उनकी कथा-भूमि शहरी मध्य वर्ग है। कुछ कहानियों में भारत-विभाजन की पीड़ा बहुत सशक्त रूप में अभिव्यक्त हुई है।  मोहन राकेश की कहानियां नई कहानी को एक अपूर्व देन के रूप में स्वीकार की जाती हैं। उनकी कहानियों में आधुनिक जीवन का कोई-न-कोई विशिष्

तृतीय पुण्य स्मरण... सादर प्रणाम ।

https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=1003309866744766&id=395226780886414 Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खबर Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खबर Bkk News Bekhabaron Ki Khabar, magazine in Hindi by Radheshyam Chourasiya / Bekhabaron Ki Khabar: Read on mobile & tablets -  http://www.readwhere.com/publication/6480/Bekhabaron-ki-khabar

खाटू नरेश श्री श्याम बाबा की पूरी कहानी | Khatu Shyam ji | Jai Shree Shyam | Veer Barbarik Katha |

संक्षेप में श्री मोरवीनंदन श्री श्याम देव कथा ( स्कंद्पुराणोक्त - श्री वेद व्यास जी द्वारा विरचित) !! !! जय जय मोरवीनंदन, जय श्री श्याम !! !! !! खाटू वाले बाबा, जय श्री श्याम !! 'श्री मोरवीनंदन खाटू श्याम चरित्र'' एवं हम सभी श्याम प्रेमियों ' का कर्तव्य है कि श्री श्याम प्रभु खाटूवाले की सुकीर्ति एवं यश का गायन भावों के माध्यम से सभी श्री श्याम प्रेमियों के लिए करते रहे, एवं श्री मोरवीनंदन बाबा श्याम की वह शास्त्र सम्मत दिव्यकथा एवं चरित्र सभी श्री श्याम प्रेमियों तक पहुंचे, जिसे स्वयं श्री वेद व्यास जी ने स्कन्द पुराण के "माहेश्वर खंड के अंतर्गत द्वितीय उपखंड 'कौमारिक खंड'" में सुविस्तार पूर्वक बहुत ही आलौकिक ढंग से वर्णन किया है... वैसे तो, आज के इस युग में श्री मोरवीनन्दन श्यामधणी श्री खाटूवाले श्याम बाबा का नाम कौन नहीं जानता होगा... आज केवल भारत में ही नहीं अपितु समूचे विश्व के भारतीय परिवार ने श्री श्याम जी के चमत्कारों को अपने जीवन में प्रत्यक्ष रूप से देख लिया हैं.... आज पुरे भारत के सभी शहरों एवं गावों में श्री श्याम जी से सम्बंधित संस्थाओं