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विश्वविद्यालय परिसर में छात्रों के प्रायोगिक एवं अनुसंधान कार्य हेतु मशरुम की कई प्रजातियां उपलब्ध - कुलपति प्रो पांडेय



उज्जैन : विक्रम विश्वविद्यालय परिसर में मशरुम की कई प्रजातियां दूसरे पौधों पर वृद्धि करती हुई दिखाई देती हैं। प्रातःकालीन भ्रमण एवं विभागों के निरीक्षण के दौरान विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के कुलपति प्रो अखिलेश कुमार पांडेय ने विश्वविद्यालय परिसर में कुछ वृक्षों पर मशरुम की विशिष्ट प्रजातियों की कई कॉलोनीज पायीं। देवास रोड पर स्थित सर्किट हाउस के परिसर में स्थित पेड़ों पर भी उन्होंने विशिष्ट प्रजाति के मशरूम पाए। उन्होंने इन प्रजातियों की पहचान कराते हुए प्राणिकी एवं जैवप्रौद्योगिकी, वनस्पति विज्ञान, फार्मेसी, माइक्रोबायोलॉजी एवं रसायनशास्त्र के शिक्षकों को निर्देशित किया कि मशरुम की जैव विविधता का अध्ययन छात्रों के प्रायोगिक एवं अनुसंधान कार्य में शामिल किया जाये। 

छात्रों को परिसर का भ्रमण कराते हुए मशरुम की प्रजातियों की पहचान, उपयोग एवं उनके आवास स्थल के बारे में विस्तृत अध्ययन रिपोर्ट बनवाई जाये। यह सर्वमान्य है कि प्रो पांडेय देश के प्रसिद्ध कवक वैज्ञानिक हैं, जिन्होंने इस क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण अनुसन्धान परियोजनाओं को पूर्ण किया है। उनके निर्देशन में कई छात्रों को शोध उपाधि प्राप्त हुई है। 

मशरुम में एंटी-ऑक्सीडेंट, प्रोटीन, विटामिन एवं अन्य पोषक तत्व पाए जाते हैं जो कि इम्यून पावर को बढ़ाने के साथ-साथ हृदय के रोग, पेट की समस्याएँ, कैंसर एवं डॉयबटीज आदि बीमारियों के उपचार के लिए उपयोगी हैं। अतः मशरुम के क्षेत्र में अनुसन्धान एवं औद्योगिक उत्पादन की अपार संभावनाएं उपलब्ध हैं। छात्रों को मशरुम की खेती एवं उनके औद्योगिक उपयोग की ओर प्रेरित करते हुए, स्वरोजगार स्थापित करा कर आत्मनिर्भर भारत की संकल्पना को पूर्ण किया जा सकता है। प्रो पांडेय ने बताया कि विश्वविद्यालय परिक्षेत्र में मुख्य रूप से गैनोडर्मा एवं एगेरिकस अदि प्रजातियां पायी जाती हैं।


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