विक्रम विश्वविद्यालय एवं उज्जैन इंजीनियरिंग महाविद्यालय के बीच हुआ एम.ओ.यू
प्राचीन ग्रन्थों और पुराणों का अध्ययन कर बढ़ाएंगे रिसर्च एण्ड डेवलपमेन्ट कार्य
उज्जैन : स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एण्ड टेक्नोलॉजी संस्थान, विक्रम विश्वविद्यालय एवं उज्जैन इंजीनियरिंग महाविद्यालय, उज्जैन के मध्य अकादमिक कार्यों के विस्तार के लिए एमओयू किया गया। प्राचीन ग्रन्थ रामायण, रामचरितमानस एवं पुराणों का अध्ययन कर टेक्नोलॉजी को विकसित करने हेतु विक्रम विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति प्रो. अखिलेश कुमार पांडेय एवं उज्जैन इंजीनियरिंग महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. जे.के. श्रीवास्तव द्वारा एम.ओ.यू पर हस्ताक्षर किये गये। दोनों संस्थान संयुक्त रूप से प्राचीन इतिहास एवं संस्कृति का अध्ययन कर रिसर्च एवं डेवलपमेन्ट कार्य करेंगे। इस हेतु संस्कृत अध्ययनशाला विक्रम विश्वविद्यालय की भी सहायता ली जावेगी। एस.ओ.ई.टी संस्थान के निदेशक डॉ. गणपत अहिरवार द्वारा एम.ओ.यू के लाभ बताये गये। एस.ओ.ई.टी एवं उज्जैन इंजीनियरिंग महाविद्यालय रिसर्च एवं डेवलपमेन्ट कार्य हेतु दोनों संस्थान एक दूसरे की प्रयोगशाला का उपयोग करेंगे।
स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एण्ड टेक्नोलॉजी के रिसर्च सेन्टर में उज्जैन इंजीनियरिंग महाविद्यालय के प्राध्यापक रिसर्च एवं स्नात्कोत्तर कार्य हेतु अध्यापन करवा सकेंगे।
बैठक के दौरान महत्त्वपूर्ण बिन्दुओं पर चर्चा हुई।
1. बायो डिग्रेडेबल मटेरियल एवं मशरुम मायसिलियम आदि का उपयोग कर निर्माण कार्य में लगने वाले ईट का निर्माण किया जायेगा। इस कार्य हेतु दोनों संस्थान द्वारा मिलकर रिसर्च किया जायेगा।
2. रामसेतु निर्माण में उपयोग किये गये तैरने वाले पत्थर पर रिसर्च कार्य कर उसके समतुल्य सामान आधुनिक मटेरियल का निर्माण कर सकेंगे।
संस्थान के निदेशक डॉ. गणपत अहिरवार, विश्वविद्यालय के कुलानुशासक प्रो. शैलेन्द्र कुमार शर्मा, विद्यार्थी संकाय के अध्यक्ष डॉ. एस.के. मिश्रा द्वारा इस उपलब्धि पर हर्ष व्यक्त किया गया एवं बधाई दी गई। कार्यक्रम में उज्जैन इंजीनियरिंग महाविद्यालय के प्राध्यापक डॉ. संजय वर्मा, डॉ. अशोक शर्मा, डॉ. विजय हिंगे, डॉ. हेमन्त परमार एवं स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग संस्थान के शिक्षक आशीष सूर्यवंशी, राजेश चौहान, रघुनन्दनसिंह बघेल, सचिन सिरानिया, चेतन गुर्जर, योगेश पाटीदार आदि उपस्थित रहे।
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