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विक्रम विश्वविद्यालय परिसर में मौजूद जैव-विविधता का अध्ययन किया गया बायोटेक्नोलॉजी के विद्यार्थियों द्वारा

उज्जैन : प्राणिकी एवं जैवप्रौद्योगिकी अध्ययनशाला, विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन में बी एससी (ऑनर्स) बायोटेक्नोलॉजी प्रथम सेमेस्टर के विद्यार्थियों द्वारा विश्वविद्यालय परिसर में उपस्थित महत्त्वपूर्ण जैवविविधता का अध्ययन किया गया, जिसके अंतर्गत परिसर में उपस्थित विभिन्न प्रकार के पौधों, कवक, उनके भोजन, आवास स्थल तथा उनके संभावित उपयोग की जानकारी प्राप्त की गयी। 

विश्वविद्यालय परिसर की अध्यनशालाओं के निरीक्षण के दौरान विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पांडेय ने अध्ययनरत विद्यार्थियों से स्वयं चर्चा करते हुए उन्हें नवीन प्रयोगों द्वारा वैज्ञानिक सम्भावनाओं हेतु प्रोत्साहित किया। प्राणिकी एवं जैवप्रौद्योगिकी अध्ययनशाला के एक कार्यक्रम कुलपति प्रो पांडेय ने छात्रों को विश्वविद्यालय परिसर की जैवविविधता के अध्ययन एवं उससे भविष्य की सम्भावनाओं के अध्ययन हेतु प्रेरित किया। 

कुलपति प्रो पांडेय के उद्बोधन से प्रभावित होकर बीएससी ऑनर्स बायोटेक्नोलॉजी प्रथम वर्ष के विद्यार्थी समूह ने वनस्पतिकी अध्ययनशाला के परिसर में उपस्थित पौधों एवं जीव-जन्तुओं का अध्ययन प्राणिकी एवं जैवप्रौद्योगिकी अध्ययनशाला की प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष डॉ लता भट्टाचार्य, शिक्षकगण डॉ सलिल सिंह, डॉ अरविन्द शुक्ल, डॉ संतोष कुमार ठाकुर, डॉ शिवि भसीन, डॉ स्मिता सोलंकी एवं डॉ गरिमा शर्मा के मार्गदर्शन में किया। इस समूह में कुमारी चारवी मदान, कुमारी हर्षिता पांडेय, कुमारी युक्ता लुल्ला, कुमारी सुरभि सिंह, कुमारी चेल्सी पॉल, कुमारी अश्विनी कुशवाह, कुमारी पलक शर्मा एवं कुमारी निशा शोभाकार शामिल थे। इन विद्यार्थियों ने परिसर में मौजूद औषधीय  महत्व के कई पौधों की प्रजातियों की पहचान की और उन्हें अपने प्रायोगिक रिकॉर्ड में कलमबद्ध किया। 

इसी प्रकार से छात्रों ने कई मोलस्क, ऐनीलीड्स, इंसेक्ट्स जन्तुओं की कुछ प्रजातियों की पहचान की। कवक की दो प्रजातियाँ गैनोडर्मा एवं एगेरिकस को भी अपने अध्ययन रिपोर्ट में छात्रों द्वारा शामिल किया गया। 

कुलानुशासक प्रोफेसर शैलेन्द्रकुमार शर्मा ने बताया कि छात्रों ने अपने द्वारा संग्रहित सैंपल की पहचान हेतु कुलपति जी से मार्गदर्शन प्राप्त किया और उन्होंने इन जीव-जन्तुओं से बनने वाले उपयोगी पदार्थ जैसे प्रोटीन, एंजाइम, हार्मोन के बारे में भी  सकारात्मक चर्चा की।

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