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मनुष्य के व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास करती है शिक्षा – कुलपति प्रो पांडेय

मनुष्य के व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास करती है शिक्षा – कुलपति प्रो पांडेय

विक्रम विश्वविद्यालय में हुआ वरिष्ठ शिक्षकों का सम्मान समारोह


उज्जैन : विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के शलाका दीर्घा सभागार में विक्रम विश्वविद्यालय शिक्षक संघ एवं विद्यार्थी कल्याण विभाग द्वारा वरिष्ठ शिक्षकों का सम्मान किया गया। समारोह की अध्यक्षता विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो अखिलेश कुमार पांडेय ने की। विशिष्ट अतिथि मध्य प्रदेश विश्वविद्यालय पेंशनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रो गोपाल कृष्ण शर्मा एवं कुलसचिव डॉ प्रशांत पुराणिक थे। इस अवसर पर विक्रम विश्वविद्यालय के पन्द्रह से अधिक सेवानिवृत्त एवं वरिष्ठ शिक्षकों का सम्मान किया गया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो अखिलेश कुमार पांडेय ने कहा कि शिक्षा मनुष्य के व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास करती है। व्यक्ति हीनता से उच्चता, हिंसा से अहिंसा की ओर शिक्षा के माध्यम से जाता है। शिक्षा का सीमित उद्देश्य है भौतिकतावादी अभ्युदय, किंतु वास्तविक और भारतीय दृष्टि से उसका उद्देश्य आध्यात्मिक और नैतिक विकास है। प्राचीन भारतीय मूल्यों के साथ आधुनिक दृष्टिकोण का विकास उच्च शिक्षा का लक्ष्य होना चाहिए। सेवानिवृत्त वरिष्ठ शिक्षकों के माध्यम से बौद्धिक विरासत प्राप्त होती है। पूर्व शिक्षकों का सम्मान विश्वविद्यालय का सम्मान है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का क्रियान्वयन शिक्षकों के सार्थक प्रयासों से ही संभव है। वरिष्ठ शिक्षकों के ज्ञान और अनुभव का लाभ लेकर हम भावी पीढ़ी के निर्माण में योगदान दे सकते हैं।

विशिष्ट अतिथि प्रो गोपाल कृष्ण शर्मा ने कहा कि विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त शिक्षकों ने इस संस्था की सेवा माता के समान की है। पेंशनरों ने अपने आत्मसम्मान के लिए निरंतर संघर्ष किया। नए पाठ्यक्रमों के खुलने से विश्वविद्यालय से जुड़े सभी पक्ष लाभान्वित होंगे। कुलसचिव डॉ प्रशांत पुराणिक कहा कि विश्वविद्यालय की स्थापना के पीछे अनेक महान विभूतियों का योगदान रहा है। विश्वविद्यालय पूर्व शिक्षकों के योगदान को कभी भुला नहीं सकेगा। प्रारंभ में सम्मानित शिक्षकों के योगदान पर कुलानुशासक प्रो शैलेंद्र कुमार शर्मा ने प्रकाश डाला। स्वागत भाषण विक्रम विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ कानिया मेड़ा ने दिया। कार्यक्रम में डॉ अनिल जैन एवं कर्मचारी संघ की ओर से श्री कमल जोशी ने भी विचार व्यक्त किए।

कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त आचार्य डॉ एस एन गुप्ता, डॉ एस सी कोठारी, डॉ पी के गोयल, डॉ आर के छजलानी, डॉ गोपालकृष्ण शर्मा, डॉ सुधा मल्ल, डॉ बी के मेहता, डॉ आरसी वर्मा, डॉ बालकृष्ण शर्मा, डॉ शरद श्रीवास्तव, डॉ एच एस राठौड़, डॉ नागेश शिंदे, डॉ हरिमोहन बुधौलिया, डॉ वी एच बादशाह, डॉ शैलेंद्र पाराशर, डॉ सुधीर कुमार, वरिष्ठ शिक्षक डॉ लता भट्टाचार्य, डॉ प्रेमलता चुटैल आदि को शॉल एवं श्रीफल अर्पित कर उनका सम्मान कुलपति, कुलसचिव एवं शिक्षक संघ के पदाधिकारियों ने किया।
विश्वविद्यालय के शिक्षकों की ओर से कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पांडेय एवं कुलसचिव डॉ प्रशांत पुराणिक का सम्मान शॉल एवं श्रीफल अर्पित कर किया गया। अतिथियों का स्वागत कुलानुशासक प्रो शैलेंद्र कुमार शर्मा, डीएसडब्ल्यू डॉ सत्येंद्र किशोर मिश्रा, विक्रम विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ कानिया मेड़ा, उपाध्यक्ष डॉ राज बोरिया, सचिव डॉ नयनतारा डामोर, कोषाध्यक्ष डॉ सलिल सिंह, कर्मचारी संघ के अध्यक्ष श्री जसवंत सिंह आंजना, डॉ डी डी बेदिया एवं उपस्थित शिक्षकों और कर्मचारियों ने किया। कार्यक्रम का संचालन डीएसडब्ल्यू डॉ सत्येंद्र किशोर मिश्रा ने किया। आभार प्रदर्शन डॉ राज बोरिया ने किया है।

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