Skip to main content

प्रधानमंत्री ने अलीगढ़ में राजा महेंद्र प्रताप सिंह राज्य विश्वविद्यालय की आधारशिला रखी

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 14 सितंबर, 2021 को उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में राजा महेंद्र प्रताप सिंह राज्य विश्वविद्यालय की आधारशिला रखी। साथ में उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और अन्य गणमान्य लोग भी हैं।

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने अलीगढ़ में राजा महेंद्र प्रताप सिंह राज्य विश्वविद्यालय की आधारशिला रखी। प्रधानमंत्री उत्तर प्रदेश रक्षा औद्योगिक गलियारे के अलीगढ़ नोड तथा राजा महेंद्र प्रताप सिंह राज्य विश्वविद्यालय के प्रदर्शनी मॉडल को भी देखने गए।

इस कार्यक्रम को संबोधित करने के दौरान, प्रधानमंत्री ने दिवंगत कल्याण सिंह जी को याद किया। उन्होंने कहा कि रक्षा क्षेत्र में अलीगढ़ के उभरते महत्व और अलीगढ़ में राजा महेंद्र प्रताप सिंह राज्य विश्वविद्यालय की स्थापना देखकर कल्याण सिंह जी को बहुत खुशी होती।

प्रधानमंत्री ने इस बात को रेखांकित किया कि ऐसी कितनी महान हस्तियों ने स्वतंत्रता आंदोलन में अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया। लेकिन यह देश का दुर्भाग्य था कि आजादी के बाद, देश की आने वाली पीढ़ियों को ऐसे राष्ट्रीय नायकों और राष्ट्रीय नायिकाओं के बलिदान से अवगत नहीं कराया गया। प्रधानमंत्री ने अफ़सोस जताते हुए कहा कि देश की कई पीढ़ियां, उनकी कहानियों को जानने से वंचित रहीं। प्रधानमंत्री ने कहा, आज 21वीं सदी का भारत 20वीं सदी की इन गलतियों को सुधार रहा है।     

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 14 सितंबर, 2021 को उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में राजा महेंद्र प्रताप सिंह राज्य विश्वविद्यालय की आधारशिला रखने के उपलक्ष्य में आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए।

 

प्रधानमंत्री ने राजा महेंद्र प्रताप सिंह जी को भावभीनी श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि राजा महेंद्र प्रताप सिंह जी के जीवन से हमें अदम्य इच्छाशक्ति, अपने सपनों को पूरा करने के लिए किसी भी हद तक जाने की इच्छा रखने की सीख देता है। उन्होंने कहा कि राजा महेंद्र प्रताप सिंह जी भारत की आजादी चाहते थे और अपने जीवन का एक-एक पल उन्होंने इसी के लिए समर्पित कर दिया था। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज जब आजादी का अमृत महोत्सव के समय भारत शिक्षा और कौशल विकास के पथ पर आगे बढ़ रहा है तो मां भारती के इस योग्य सपूत के नाम पर विश्वविद्यालय की स्थापना ही उनके लिए वास्तविक 'कार्यांजलि' है। प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि विश्वविद्यालय न केवल उच्च शिक्षा का एक बड़ा केंद्र बनेगा बल्कि आधुनिक रक्षा अध्ययन, रक्षा निर्माण से संबंधित प्रौद्योगिकी और कार्यबल विकास के केंद्र के रूप में भी उभरेगा। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति की, स्थानीय भाषा में कौशल और शिक्षा की विशेषताओं से इस विश्वविद्यालय को बहुत लाभ होगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज देश ही नहीं दुनिया भी देख रही है कि आधुनिक ग्रेनेड और राइफल से लेकर लड़ाकू विमान, ड्रोन, युद्धपोत तक भारत में ही निर्मित किए जा रहे है। उन्होंने कहा कि भारत दुनिया के बड़े रक्षा आयातक की छवि को खत्म करने की कोशिश कर रहा है और दुनिया के एक महत्वपूर्ण रक्षा निर्यातक की नई पहचान हासिल कर रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश इस परिवर्तन का एक बड़ा केंद्र बनता जा रहा है और उत्तर प्रदेश से सांसद होने के नाते उन्होंने इस पर गर्व किया। उन्होंने बताया कि डेढ़ दर्जन रक्षा निर्माण कंपनियां सैकड़ों करोड़ रुपये के निवेश से हजारों नौकरियों का सृजन करेंगी। डिफेंस गलियारे के अलीगढ़ नोड में छोटे हथियारों, आयुधों, ड्रोन और एयरोस्पेस से संबंधित उत्पादों के निर्माण में मदद करने के लिए नए उद्योगों की स्थापना हो रही है। इससे अलीगढ़ और आसपास के इलाकों को नई पहचान मिलेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि अलीगढ़, जो अपने प्रसिद्ध ताले से घरों और दुकानों की रक्षा के लिए जाना जाता था, अब देश की सीमाओं की रक्षा करने वाले उत्पादों के निर्माण के लिए भी जाना जाएगा। उन्होंने कहा कि इससे युवाओं और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) के लिए नए अवसर पैदा होंगे।

प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि आज उत्तर प्रदेश देश और दुनिया के हर छोटे-बड़े निवेशक के लिए बहुत आकर्षक स्थान बनता जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह तब होता है जब निवेश के लिए जरूरी माहौल बनता है, जरूरी सुविधाएं मिलती हैं। आज उत्तर प्रदेश, डबल इंजन सरकार के दोहरे लाभ का एक बहुत बड़ा उदाहरण बन रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें आज यह देखकर बहुत खुशी होती है कि जिस उत्तर प्रदेश को देश के विकास में एक रुकावट के रूप में देखा जाता था, वही उत्तर प्रदेश आज देश के बड़े अभियानों का नेतृत्व कर रहा है।

प्रधानमंत्री ने 2017 से पहले उत्तर प्रदेश की स्थिति का उल्लेख करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश के लोग भूल नहीं सकते कि पहले यहां किस तरह के घोटाले होते थे, किस तरह राज-काज को भ्रष्टाचारियों के हवाले कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि आज योगी जी की सरकार पूरी ईमानदारी से राज्य के विकास में जुटी हुई है। एक दौर था जब यहां शासन-प्रशासन, गुंडों और माफियाओं की मनमानी से चलता था। लेकिन अब वसूली करने वाले, माफियाराज चलाने वाले सलाखों के पीछे हैं।

प्रधानमंत्री ने महामारी के दौरान सबसे कमजोर वर्गों की सुरक्षा सुनिश्चित करने से जुड़े उत्तर प्रदेश सरकार के प्रयासों पर प्रकाश डाला और जिस तरह से महामारी के दौरान कमजोर और गरीब वर्गों को खाद्यान्न उपलब्ध कराया गया, उसकी प्रशंसा की। प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार का निरंतर प्रयास है कि छोटी जोत वाले किसानों को ताकत दी जाए। उन्होंने कहा कि चाहे डेढ़ गुना एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) हो, किसान क्रेडिट कार्ड का विस्तार हो, बीमा योजना में सुधार हो, तीन हजार रुपए की पेंशन की व्यवस्था हो, ऐसे अनेक फैसले छोटे किसानों को सशक्त कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि राज्य के गन्ना किसानों को एक लाख 40 हजार करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के गन्ना किसानों को पेट्रोल में इथेनॉल की मात्रा बढ़ने से फायदा होगा।

 

Comments

मध्यप्रदेश समाचार

देश समाचार

Popular posts from this blog

आधे अधूरे - मोहन राकेश : पाठ और समीक्षाएँ | मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे : मध्यवर्गीय जीवन के बीच स्त्री पुरुष सम्बन्धों का रूपायन

  आधे अधूरे - मोहन राकेश : पीडीएफ और समीक्षाएँ |  Adhe Adhure - Mohan Rakesh : pdf & Reviews मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे - प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा हिन्दी के बहुमुखी प्रतिभा संपन्न नाट्य लेखक और कथाकार मोहन राकेश का जन्म  8 जनवरी 1925 को अमृतसर, पंजाब में  हुआ। उन्होंने  पंजाब विश्वविद्यालय से हिन्दी और अंग्रेज़ी में एम ए उपाधि अर्जित की थी। उनकी नाट्य त्रयी -  आषाढ़ का एक दिन, लहरों के राजहंस और आधे-अधूरे भारतीय नाट्य साहित्य की उपलब्धि के रूप में मान्य हैं।   उनके उपन्यास और  कहानियों में एक निरंतर विकास मिलता है, जिससे वे आधुनिक मनुष्य की नियति के निकट से निकटतर आते गए हैं।  उनकी खूबी यह थी कि वे कथा-शिल्प के महारथी थे और उनकी भाषा में गज़ब का सधाव ही नहीं, एक शास्त्रीय अनुशासन भी है। कहानी से लेकर उपन्यास तक उनकी कथा-भूमि शहरी मध्य वर्ग है। कुछ कहानियों में भारत-विभाजन की पीड़ा बहुत सशक्त रूप में अभिव्यक्त हुई है।  मोहन राकेश की कहानियां नई कहानी को एक अपूर्व देन के रूप में स्वीकार की जाती हैं। उनकी कहानियों में आधुनिक जीवन का कोई-न-कोई विशिष्

तृतीय पुण्य स्मरण... सादर प्रणाम ।

https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=1003309866744766&id=395226780886414 Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खबर Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खबर Bkk News Bekhabaron Ki Khabar, magazine in Hindi by Radheshyam Chourasiya / Bekhabaron Ki Khabar: Read on mobile & tablets -  http://www.readwhere.com/publication/6480/Bekhabaron-ki-khabar

खाटू नरेश श्री श्याम बाबा की पूरी कहानी | Khatu Shyam ji | Jai Shree Shyam | Veer Barbarik Katha |

संक्षेप में श्री मोरवीनंदन श्री श्याम देव कथा ( स्कंद्पुराणोक्त - श्री वेद व्यास जी द्वारा विरचित) !! !! जय जय मोरवीनंदन, जय श्री श्याम !! !! !! खाटू वाले बाबा, जय श्री श्याम !! 'श्री मोरवीनंदन खाटू श्याम चरित्र'' एवं हम सभी श्याम प्रेमियों ' का कर्तव्य है कि श्री श्याम प्रभु खाटूवाले की सुकीर्ति एवं यश का गायन भावों के माध्यम से सभी श्री श्याम प्रेमियों के लिए करते रहे, एवं श्री मोरवीनंदन बाबा श्याम की वह शास्त्र सम्मत दिव्यकथा एवं चरित्र सभी श्री श्याम प्रेमियों तक पहुंचे, जिसे स्वयं श्री वेद व्यास जी ने स्कन्द पुराण के "माहेश्वर खंड के अंतर्गत द्वितीय उपखंड 'कौमारिक खंड'" में सुविस्तार पूर्वक बहुत ही आलौकिक ढंग से वर्णन किया है... वैसे तो, आज के इस युग में श्री मोरवीनन्दन श्यामधणी श्री खाटूवाले श्याम बाबा का नाम कौन नहीं जानता होगा... आज केवल भारत में ही नहीं अपितु समूचे विश्व के भारतीय परिवार ने श्री श्याम जी के चमत्कारों को अपने जीवन में प्रत्यक्ष रूप से देख लिया हैं.... आज पुरे भारत के सभी शहरों एवं गावों में श्री श्याम जी से सम्बंधित संस्थाओं