गौरवशाली इतिहास को भुलाना उचित नहीं - फिल्म निर्देशक श्री दुधैया ; प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक और लेखक श्री अभिषेक दुधैया को हिंदी सेवा सम्मान अर्पित
गौरवशाली इतिहास को भुलाना उचित नहीं - फिल्म निर्देशक श्री दुधैया
प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक और लेखक श्री अभिषेक दुधैया को हिंदी सेवा सम्मान अर्पित
उज्जैन : मालवा रंगमंच समिति एवं विश्व हिंदी अकादमी, मुंबई द्वारा कालिदास संस्कृत अकादेमी के नाट्यगृह में आयोजित हिंदी सेवा सम्मान समारोह एवं राष्ट्रीय परिसंवाद के अवसर पर प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक एवं लेखक श्री अभिषेक दुधैया, मुंबई को हिंदी सेवा सम्मान से अलंकृत किया गया। फ़िल्म भुज : द प्राइड ऑफ इंडिया के निर्देशक एवं लेखक श्री अभिषेक दुधैया को सम्मान पत्र विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो अखिलेश कुमार पांडेय, संस्था अध्यक्ष श्री केशव राय, कुलानुशासक प्रो शैलेंद्र कुमार शर्मा, प्रो शैलेंद्र पाराशर, श्री प्रतीक सोनवलकर, श्री मनीष कोठारी, डॉ पिलकेन्द्र अरोरा एवं श्री यू एस छाबड़ा ने अर्पित कर उन्हें सम्मानित किया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए फिल्म निर्देशक श्री अभिषेक दुधैया, मुंबई ने कहा कि हमें अपने गौरवशाली इतिहास को नहीं भुलाना चाहिए। भुज : द प्राइड ऑफ इंडिया फ़िल्म इतिहास के महत्वपूर्ण पृष्ठ को याद दिलाने का प्रयास है। हम सभी को हिंदी से जुड़े स्वाभिमान को लेकर आगे बढ़ना होगा।

गर्विता जैन ने जब तलक हिंदी है हिंदुस्तान में और भुज : द प्राइड ऑफ इंडिया फिल्म का गीत सुनाया। गीतांजलि कश्यप में अपना गीत दिले नादान तू संभल संभल के धड़क सुनाया।
अतिथि स्वागत श्री केशव राय, रंगकर्मी श्री प्रकाश बांठिया, कोषाध्यक्ष श्री राजेश राय, श्री प्रमोद राय ने किया।
कार्यक्रम का संचालन संस्था के अध्यक्ष श्री केशव राय ने और आभार प्रदर्शन श्री ऋषि राय ने किया।
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