विक्रम विश्वविद्यालय की संभावनाओं को मूर्त्त करने के लिए आगे आएं – कुलपति प्रो पांडेय
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के परिप्रेक्ष्य में विक्रम विश्वविद्यालय की उपलब्धियों और संभावनाओं पर परिसंवाद सम्पन्न
कुलपति प्रो अखिलेश कुमार पांडेय ने अपने उद्गार व्यक्त करते हुए कहा कि विक्रम विश्वविद्यालय में अपार संभावनाएं हैं, जिन्हें मूर्त्त करने के लिए व्यापक प्रयास जरूरी है। समेकित विकास के लिए शिक्षकों, अधिकारियों, कर्मचारियों और विद्यार्थियों - सभी का योगदान आवश्यक है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन और विश्वविद्यालय के विकास के लिए शिक्षकगण ऊर्जा के साथ कार्य कर रहे हैं। नवीन पाठ्यक्रम, स्टार्टअप, पेटेंट, नवाचार, पर्यावरण संरक्षण जैसे क्षेत्रों में विश्वविद्यालय आज प्रदेश में अग्रणी बन गया है। सभी विभागों में नई ऊर्जा का संचार हुआ है। नवीन पाठ्यक्रमों के लिए पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। समाज के साथ विश्वविद्यालय के रिश्ते को और अधिक मजबूत करने की जरूरत है। सामाजिक मूल्यों के संवर्धन में विश्वविद्यालय का योगदान होना चाहिए। विश्वविद्यालय के सभी पाठ्यक्रम व्यावसायिक क्षेत्र से जुड़े हैं, जिनका लाभ विद्यार्थी लें। कुलसचिव डॉ प्रशांत पुराणिक ने कहा कि परीक्षा परिणाम और अनुसंधान कार्यों को परिपूर्णता देने में विश्वविद्यालय अग्रणी बना हुआ है। विश्वविद्यालय का विकास छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों के हितों का ध्यान रखते हुए सम्भव है। कुलपति प्रो पांडेय जी ने स्वच्छता अभियान, जल एवं पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया, जिसका व्यापक प्रभाव पड़ा। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो अखिलेश कुमार पांडेय के उपलब्धिपूर्ण कार्यकाल के एक वर्ष पूर्ण होने पर उनका साफा पहनाकर और शॉल, श्रीफल अर्पित कर उनका सम्मान किया गया।
कुलानुशासक प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा ने पॉवरपॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से विक्रम विश्वविद्यालय की उपलब्धियों और संभावनाओं पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में कार्यपरिषद सदस्य श्री संजय नाहर, सुश्री ममता बेंडवाल, प्रो देवेंद्र मोहन कुमावत, प्रो अलका व्यास, डीएसडब्ल्यू डॉ एस के मिश्रा, डॉ उमेशकुमार सिंह, डॉ कानिया मेड़ा, डॉ चित्रलेखा कड़ेल, डॉ रुचिका खंडेलवाल, श्री कमल जोशी आदि ने विचार व्यक्त किए। डॉ शिवी भसीन, डॉ कंचन थूल, डॉ ब्रह्मदत्त शुक्ल, डॉ अरविंद शुक्ला, पूर्णिमा त्रिपाठी ने पॉवरपॉइंट प्रस्तुतीकरण में सहयोग दिया। प्रारम्भ में अंजली उपाध्याय ने सरस्वती वंदना की।
अतिथि स्वागत विद्यार्थी कल्याण संकायाध्यक्ष डॉ सत्येंद्र किशोर मिश्रा, विक्रम विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ कानिया मेड़ा, श्री जसवंत सिंह आंजना, प्रो प्रेमलता चुटैल, प्रो लता भट्टाचार्य, डॉ राज बोरिया, डॉ सलिल सिंह, श्री कमल जोशी, श्री तेजपाल यादव, श्री सुभाष चौहान, श्री अमरनाथ सिंह, श्री योगेश शर्मा, श्री दीपक दुबे, श्री संजीव सिंह, श्री लक्ष्मीनारायण संगत, श्री राजेश ठाकुर, श्री संतोष मालवीय, श्री दीपकपुरी गोस्वामी आदि ने किया।
संचालन कुलानुशासक प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा ने किया। आभार प्रदर्शन डीएसडब्ल्यू डॉ एस के मिश्रा ने किया। इस महत्त्वपूर्ण परिसंवाद में विभागाध्यक्ष, शिक्षकगण, अधिकारियों, कर्मचारियों एवं विद्यार्थियों ने सहभागिता की।
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