विक्रम यूनिवर्सिटी,उज्जैन में हुआ
देवशिल्पी विश्वकर्मा जी का पूजन एवं परिसंवाद
उज्जैन : स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन में देवशिल्पी विश्वकर्मा जयंती पर परिसंवाद का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता माननीय कुलपति अखिलेश कुमार पांडेय ने की। विशिष्ट अतिथि के रूप में कुलानुशासक प्रो. शैलेंद्र कुमार शर्मा थे। एसओईटी ने निदेशक डॉ गणपत अहिरवार ने कार्यक्रम की पीठिका प्रस्तुत की।
परिसंवाद को संबोधित करते हुए कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पांडेय ने कहा कि देवशिल्पी विश्वकर्मा ने भारतीय सभ्यता और संस्कृति के विकास में अविस्मरणीय योगदान दिया है। उनके योगदान को सभी स्तर के पाठ्यक्रमों में शामिल किया जाना चाहिए। नए दौर में भारतीय ज्ञान परंपरा की विशेषताओं पर अध्ययन, अध्यापन और अनुसंधान की आवश्यकता है। हमारी ज्ञान संपदा को लेकर युवा पीढ़ी में गौरव का भाव होना चाहिए। कुलपति प्रो पांडेय द्वारा विश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग संस्थान में नए कोर्स कृषि अभियांत्रिकी प्रारम्भ करने की घोषणा की। उन्होंने इंजीनियरिंग के शिक्षकों को पढ़ने,पढ़ाने और बढ़ाने का भी सन्देश दिया।
कुलपति प्रो अखिलेश कुमार पांडेय, संस्थान के निदेशक डॉ गणपत अहिरवार एवं कुलानुशासक डॉ शैलेंद्र कुमार शर्मा ने भगवान विश्वकर्मा जी का पूजन कर सभी मशीनों और लैब इक्विपमेंट्स की पूजा की। कृषि में बढ़ते अवसर को देखते हुए विश्वविद्यालय ने कृषि अभियांत्रिकी प्रारम्भ करने का निर्णय लिया है। इस पाठ्यक्रम में लगभग रु तीस हजार फीस के साथ 60 सीट की घोषणा हुई, जिसकी लिंक शीघ्र खोली जायेगी। साथ ही जिन्होंने पूर्व में बीएस सी एग्रीकल्चर में आवेदन कर दिया है, वे भी एक आवेदन देकर बीटेक कृषि में बिना अतिरिक्त फीस के ट्रांसफर करवा सकते हैं।
कार्यक्रम में संस्थान की समस्त अधिकारी, शिक्षक एवं कर्मचारी उपस्थित थे। अंत में संस्थान के निदेशक डॉ. गणपत अहिरवार ने आभार प्रकट करते हुए कार्यक्रम का समापन किया।
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