उज्जैन : विक्रम विश्वविद्यालय द्वारा कुलपति प्रो अखिलेश कुमार पांडेय की अध्यक्षता तथा डॉ. प्रशांत पुराणिक, कुलसचिव के विशिष्ट आतिथ्य में दिनांक 17 सितंबर 2021 शुक्रवार को दोपहर 12:00 बजे से माधव भवन में रक्तदान शिविर का आयोजन किया जाएगा। शिविर में एनएसएस, एनसीसी तथा विश्वविद्यालय के विद्यार्थी, शिक्षक एवं कर्मचारी अधिकारीगण भाग लेंगे। रक्तदान शिविर विद्यार्थी कल्याण विभाग एनसीसी 10 वीं बटालियन तथा राष्ट्रीय सेवा योजना फार्मेसी यूनिट के सहयोग से संपन्न होगा।
समस्त विभागाध्यक्षों, शिक्षकों, विद्यार्थियों तथा स्टाफ मेंबर से इस रक्तदान शिविर में भाग लेने का अनुरोध विद्यार्थी कल्याण संकायाध्यक्ष डॉ सत्येंद्र किशोर मिश्रा ने किया है।
आधे अधूरे - मोहन राकेश : पाठ और समीक्षाएँ | मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे : मध्यवर्गीय जीवन के बीच स्त्री पुरुष सम्बन्धों का रूपायन
आधे अधूरे - मोहन राकेश : पीडीएफ और समीक्षाएँ | Adhe Adhure - Mohan Rakesh : pdf & Reviews मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे - प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा हिन्दी के बहुमुखी प्रतिभा संपन्न नाट्य लेखक और कथाकार मोहन राकेश का जन्म 8 जनवरी 1925 को अमृतसर, पंजाब में हुआ। उन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय से हिन्दी और अंग्रेज़ी में एम ए उपाधि अर्जित की थी। उनकी नाट्य त्रयी - आषाढ़ का एक दिन, लहरों के राजहंस और आधे-अधूरे भारतीय नाट्य साहित्य की उपलब्धि के रूप में मान्य हैं। उनके उपन्यास और कहानियों में एक निरंतर विकास मिलता है, जिससे वे आधुनिक मनुष्य की नियति के निकट से निकटतर आते गए हैं। उनकी खूबी यह थी कि वे कथा-शिल्प के महारथी थे और उनकी भाषा में गज़ब का सधाव ही नहीं, एक शास्त्रीय अनुशासन भी है। कहानी से लेकर उपन्यास तक उनकी कथा-भूमि शहरी मध्य वर्ग है। कुछ कहानियों में भारत-विभाजन की पीड़ा बहुत सशक्त रूप में अभिव्यक्त हुई है। मोहन राकेश की कहानियां नई कहानी को एक अपूर्व देन के रूप में स्वीकार की जाती ...
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