वातावरण एवं जीवन को सुरक्षित रखने के लिए वृक्षारोपण एक मात्र विकल्प ; प्राणिकी एवं जैव-प्रौद्योगिकी अध्ययनशाला, विक्रम विश्वविद्यालय परिसर में हुआ वृक्षारोपण
वातावरण एवं जीवन को सुरक्षित रखने के लिए वृक्षारोपण एक मात्र विकल्प
प्राणिकी एवं जैव-प्रौद्योगिकी अध्ययनशाला, विक्रम विश्वविद्यालय परिसर में हुआ वृक्षारोपण
वृक्षों के इन्हीं उपयोगी गुणों को दृष्टिगत रखते हुए हरियाली अमावस्या के अवसर पर वृक्षमित्र सेवा समिति उज्जैन, महाराष्ट्र समाज उज्जैन तथा विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के संयुक्त तत्वावधान में दिनांक 8/8/2021 को प्राणिकी एवं जैव-प्रौद्योगिकी अध्ययनशाला में सघन वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमे विभिन्न प्रजातिओ के पौधों का रोपण किया गया। उक्त पौधे औषधीय एवं जैवविविधिता अध्ययन के लिए महत्वपूर्ण हैं।
इस कार्यक्रम के कार्यक्रम के प्रेरणा स्रोत विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पांडेय थे। मुख्य अतिथि श्री अरविन्द जैन, एडीजे उज्जैन एवं श्री संजय सूर्यवंशी, लेबर जज उज्जैन थे । कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रोफेसर शैलेन्द्र कुमार शर्मा कुलानुशासक विक्रम विश्वविद्यालय ने की। कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में विद्यार्थी कल्याण संकायाध्यक्ष डॉ सत्येंद्र किशोर मिश्रा, प्राणिकी एवं जैव प्रौद्योगिकी अध्ययनशाला की विभागाध्यक्ष प्रोफेसर लता भट्टाचार्य, महाराष्ट्र समाज, उज्जैन की अध्यक्ष श्रीमती राजश्री जोशी एवं वृक्षमित्र सेवा समिति के श्री प्रवीण साठे, श्री गोपाल महाकाल, श्री कंजी भाई चन्दन, श्री सदाशिव नायगावकर, श्री जीतेन्द्र आप्टे, श्री राजेश सोहनी एवं श्री दिलीप मेंडे उपस्थित थे।
कार्यक्रम का संचालन श्री अजय भातखण्डे द्वारा किया गया। प्रोफेसर लता भट्टाचार्य विभागाध्यक्ष प्राणिकी एवं जैव-प्रौद्योगिकी अध्ययनशाला विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन ने अपने आभार उद्भोधन में कहा कि वृक्षारोपण से प्रदूषण की मात्रा को कम किया जा सकता है। श्री अजय भातखण्डे एवं श्री प्रवीण साठे ने बताया कि वृक्षमित्र समिति द्वारा पिछले तीन वर्षों में इंजीनियरिंग कॉलेज, विश्वविद्यालय के माइक्रोबायोलॉजी एवं गणित विभाग में अभी तक 6000 पौधे लगाए जा चुके है। वृक्षारोपण कार्यक्रम के आयोजन सचिव डॉ सलिल सिंह, डॉ अरविन्द शुक्ल एवं डॉ शिवि भसीन थे। प्राणिकी एवं जैव-प्रौद्योगिकी अध्ययनशाला में इस अवसर पर डॉ संतोष कुमार ठाकुर, डॉ जितेश पोरवाल, डॉ मुकेश वाणी, डॉ स्मिता सोलंकी, डॉ गरिमा शर्मा एवं कर्मचारीगण उपस्थित थे।
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