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विक्रम विश्वविद्यालय ने प्रारंभ किए हैं नई संभावनाओं वाले पाठ्यक्रम - कुलपति प्रो पांडेय

विक्रम विश्वविद्यालय ने प्रारंभ किए हैं नई संभावनाओं वाले पाठ्यक्रम - कुलपति प्रो पांडेय

विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित कॅरियर काउंसलिंग एवं प्रवेश उत्सव के शुभारंभ दिवस पर हुए 200 से अधिक विद्यार्थी लाभान्वित

26 अगस्त तक वाग्देवी भवन में आयोजित उत्सव में मिलेगा विद्यार्थियों को विशेष मार्गदर्शन 


उज्जैन :विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन द्वारा दिनांक 24 से 26 अगस्त तक कॅरियर काउंसलिंग एवं प्रवेश उत्सव का आयोजन विश्वविद्यालय परिसर, देवास रोड स्थित वाग्देवी भवन में प्रतिदिन प्रातः 11 से सायं 4 : 30 तक किया जा रहा है। इस महत्त्वपूर्ण उत्सव का शुभारंभ मंगलवार को प्रातः 11 बजे वाग्देवी भवन में अतिथियों द्वारा माँ वाग्देवी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि के साथ किया गया। आयोजन की अध्यक्षता विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के कुलपति प्रो अखिलेश कुमार पांडेय ने की। विशिष्ट अतिथि कुलसचिव डॉ प्रशांत पुराणिक, कार्यपरिषद सदस्य श्री राजेशसिंह कुशवाह, श्री संजय नाहर एवं सुश्री ममता बैंडवाल थे। शुभारंभ दिवस पर विभिन्न अध्ययन क्षेत्रों से संबंधित 200 से अधिक विद्यार्थी लाभान्वित हुए। 

उद्घाटन अवसर पर कुलपति प्रो अखिलेश कुमार पांडेय ने संबोधित करते हुए कहा कि विक्रम विश्वविद्यालय भूमि, इंफ्रास्ट्रक्चर एवं शिक्षकों की संख्या की दृष्टि से पर्याप्त सुविधा संपन्न है। इस वर्ष अनेक नए कोर्स प्रारंभ किए गए हैं। इन पाठ्यक्रमों में युवा पीढ़ी के लिए पर्याप्त संभावनाएं एवं अवसर हैं। विक्रम विश्वविद्यालय देश का पहला पारंपरिक विश्वविद्यालय है, जिसने कृषि का पाठ्यक्रम प्रारंभ किया है। फॉरेंसिक साइंस, डी फार्मा, शारीरिक शिक्षा में स्नातक और स्नातकोत्तर, फूड टेक्नोलॉजी, टैक्सेशन लॉ आदि जैसे नवीनतम पाठ्यक्रम यहां प्रारंभ किए गए हैं। विश्वविद्यालय में सकारात्मकता का वातावरण बनाने के लिए सभी को तत्पर होना होगा। प्रवेश महायज्ञ है, जिसमें सभी को आहुति डालनी होगी। इस कार्यक्रम के माध्यम से विद्यार्थियों को यह ज्ञात हो रहा है कि पाठ्यक्रम की महत्ता क्या है और उसके माध्यम से वे अपने भविष्य का निर्माण किस तरह कर सकते हैं।

कुलसचिव डॉ प्रशांत पुराणिक ने कहा कि वर्तमान सत्र में विक्रम विश्वविद्यालय द्वारा प्रारंभ किए गए अनेक पाठ्यक्रमों के माध्यम से रोजगार की तलाश में जुटे युवा लाभान्वित होंगे। विभिन्न अकादमिक निकायों के सहयोग से कई नए पाठ्यक्रम प्रारंभ हुए हैं। उन्होंने इस कार्यक्रम के लिए माननीय डॉ मोहन यादव, मंत्री, उच्च शिक्षा, मध्यप्रदेश शासन द्वारा प्रेषित मंगलकामना संदेश के लिए उनका आभार माना। 

कार्यपरिषद सदस्य श्री राजेशसिंह कुशवाह ने कहा कि विश्वविद्यालय ने इस आयोजन के माध्यम से सार्थक पहल प्रारंभ की है। उज्जैन सर्वाधिक प्राचीन विश्वविद्यालय है। कृषि क्षेत्र को पारंपरिक विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाने के लिए माननीय मुख्यमंत्री जी ने कैबिनेट के माध्यम से महत्त्वपूर्ण निर्णय करवाया। 

कार्यपरिषद सदस्य श्री संजय नाहर ने कहा वर्तमान दौर में विद्यार्थियों के सामने कई प्रकार के विकल्प उपलब्ध है। शिक्षकगण उन्हें सार्थक दिशा दे सकते हैं।

कार्यपरिषद सदस्य सुश्री ममता बैंडवाल ने कहा कि युवा पीढ़ी को मार्गदर्शन की आवश्यकता होती है। विश्वविद्यालय में अनेक नए पाठ्यक्रम खुले हैं। इस आयोजन के माध्यम से विद्यार्थियों के लिए विषय क्षेत्र का चयन करना आसान होगा।

आयोजन की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए कुलानुशासक प्रो शैलेंद्र कुमार शर्मा ने कहा कि विश्व पटल पर ज्ञान के विस्तार के साथ-साथ विविध क्षेत्रों में नित नए आयाम उद्घाटित हो रहे हैं। ऐसे में युवाओं के मध्य विषय क्षेत्र के चयन और कॅरियर परामर्श की आवश्यकता बढ़ती जा रही है। यह आयोजन इस दिशा में सार्थक प्रयास है।

कार्यक्रम का संचालन प्राध्यापक डॉ विश्वजीतसिंह परमार ने किया। आभार प्रदर्शन विद्यार्थी कल्याण संकायाध्यक्ष डॉ सत्येंद्र किशोर मिश्रा ने किया। अतिथियों का स्वागत कुलानुशासक प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा, डीएसडब्ल्यू डॉ एस के मिश्रा, प्रो डी एम कुमावत, प्रो शुभा जैन, प्रो प्रेमलता चुटैल, प्रो गीता नायक, डॉ उमेशकुमार सिंह, डॉ कमलेश दशोरा, डॉ कानिया मेड़ा, डॉ संग्राम भूषण, श्री जसवंतसिंह आंजना, श्री कमल जोशी, श्री राजू यादव, शोधार्थी श्री युगेश द्विवेदी आदि ने किया। 

वर्तमान सत्र में विश्वविद्यालय में विभिन्न अध्ययनशालाओं एवं संस्थानों में संचालित 180 से अधिक पाठ्यक्रमों में स्नातक, स्नातकोत्तर, डिप्लोमा एवं प्रमाण पत्र पाठ्यक्रमों में मेरिट के आधार पर प्रवेश की प्रक्रिया जारी है। ये पाठ्यक्रम वाणिज्य, शारीरिक शिक्षा, कृषि, विज्ञान, जीव विज्ञान, कंप्यूटर विज्ञान, इंजीनियरिंग, व्यवसाय प्रबंधन, कला, समाज विज्ञान, नॉन फॉर्मल एजुकेशन, विधि आदि संकाय और विषय क्षेत्रों से जुड़े हैं। वाग्देवी भवन में आयोजित इस शिविर के माध्यम से संबंधित विषयों के 70 से अधिक विशेषज्ञ परामर्शदाता युवा वर्ग को भावी कॅरियर एवं 180 से अधिक पाठ्यक्रमों में प्रवेश के संबंध में महत्वपूर्ण मार्गदर्शन दे रहे हैं। प्रथम दिवस पर विभिन्न विषयों के विशेषज्ञ और कॅरियर परामर्शदाताओं ने 200 से अधिक विद्यार्थियों को उच्च अध्ययन, रोजगार और स्वरोजगार के अवसरों को लेकर मार्गदर्शन दिया गया। हायर सेकंडरी स्कूलों और महाविद्यालयों में विभिन्न संकायों में अध्ययनरत विद्यार्थियों के साथ ही अध्ययन छोड़ चुके और कॅरियर चयन में जुटे युवाओं ने भी इस शिविर का लाभ लिया। विश्वविद्यालय की अध्ययनशालाओं एवं संस्थानों में संचालित 180 से अधिक स्नातक, स्नातकोत्तर, डिप्लोमा एवं सर्टिफिकेट पाठ्यक्रमों में प्रवेश हेतु एमपी ऑनलाइन के माध्यम से 31 अगस्त 2021 तक आवेदन किए जा सकते हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन ने तीन दिवसीय आयोजन के अंतर्गत दिनांक 25 एवं 26 अगस्त को प्रातः 11:00 से संध्या 4:30 बजे तक आयोजित इस आयोजन का लाभ लेने का अनुरोध विद्यार्थियों और शोधार्थियों से किया है। विश्वविद्यालय में संचालित विभिन्न पाठ्यक्रमों से संबन्धित विस्तृत विवरण विक्रम विश्वविद्यालय की वेबसाइट   http://vikramuniv.ac.in/ से प्राप्त किया जा सकता है। आयोजन के दौरान शासन द्वारा जारी कोविड-19 गाइडलाइन का पालन किया जा रहा है।


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