राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना द्वारा योग सप्ताह का शुभारम्भ में मुख्य अतिथि एवं मार्गदर्शक श्री हरेराम वाजपेयी(इन्दौर) ने कहा कि योग भगाए रोग की उक्ति को चरितार्थ करने के लिये योग-प्राणायाम एवं व्यायाम से नियमित अभ्यास आवश्यक है। इसीलिये ऋषि मुनियों एवं योगाचार्यो का कहना है कि मानव के शरीरिक-मानसिक विकास में योग का महत्वपूर्ण एवं सहायक होता है। यदि बचपन से ही योग अपनाया जाये तो सम्पूर्ण विकास भी बेहतर ढंग से हो सकता है।
योग सप्ताह का शुभारम्भ सरस्वती वंदना से डॉ. रश्मि चौबे ने किया। स्वागत भाषण योगाचार्य डॉ. शिवा लोहारिया ने दिया। अतिथि परिचय डॉ. मुक्ता कौशिक ने प्रस्तुत किया। इस अवसर पर राष्ट्रीय महासचिव डॉ. प्रभु चौधरी ने कहा कि घर में रहने उनका शारीरिक श्रम नहीं होने से मनुष्यों के विकास में परेशानी आ रही है। बेहतर विकास के लिये अपने बच्चो को चरित्रवान, बलवान और विद्वान बने।
समारोह के अध्यक्ष डॉ. शहाबुद्दीन शेख ने अध्यक्षीय भाषण में बताया कि वृक्षासन के नियमित अभ्यास से एकाग्रता एवं स्मरण शक्ति बढ़ती है। पैरो की मांसपेशियां मजबूत होती है। समस्त आसन-प्राणायाम से मन, बुद्धि सकारात्मक होते है।
समारोह में निशा जोशी योग अकादमी इन्दौर की योग शिक्षिका पूजा शर्मा ने योग-व्यायाम प्रायोगिक करवाया। इस कार्यशाला में योग शिक्षिका डॉ. एकता डंग अम्बाला, डॉ. सुनीता गर्ग पंचकू, श्रीमती सुवर्णा जाधव, नम्रता शर्मा, सुनीता चौहान, मनीषासिंह, वाणी उपाध्याय, विशाखा राजपूत, कृष्णा भोजावत, रंजु मिश्रा आदि ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। संचालन पूर्णिमा कौशिक ने एवं आभार डॉ. मुक्ता कौशिक ने माना।
राष्ट्रीय महासचिव डॉ. चौधरी ने बताया कि योग प्रशिक्षण दिनांक 14 से 21 जून तक रहेगा तथा 21 जून को सायं 5 बजे समापन समारोह में प्रमाण पत्र एवं सम्मान पत्र अतिथियों द्वारा प्रदान किये जायेंगे।
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