Skip to main content

डाॅ. रूचिर वार्ष्णेय ने उद्देश्य युवा सामाजिक जन कल्याण संस्था के फेसबुक पेज से निःशुल्क परामर्श दिया ; उद्देश्य युवा सामाजिक एवं जनकल्याण संस्था ने फेसबुक पेज के माध्यम से निःशुल्क चिकित्सा परामर्श करवाया

 डाॅ. रूचिर वार्ष्णेय ने उद्देश्य युवा सामाजिक जन कल्याण संस्था के फेसबुक पेज से निःशुल्क परामर्श दिया

उद्देश्य युवा सामाजिक एवं जनकल्याण संस्था ने फेसबुक पेज के माध्यम से निःशुल्क चिकित्सा परामर्श करवाया

भोपाल -: उद्देश्य युवा सामाजिक एवं जन कल्याण समिति द्वारा कोरोना महामारी में जो संक्रमित मरीज घरों में आइसोलेट है ओर जो मरीज कोरोना की वजह से किसी समस्या को लेकर डॉक्टरों से परामर्श नहीं ले पा रहे हैं उनके लिये संस्था के फेसबुक पेज NGO uddeshya yuva samajik evam jankalyan samity से लाइव कर  नाक काल गला एवं एलर्जी विशेषज्ञ डॉक्टर रुचिर वार्ष्णेय  से परामर्श करवाया 

संस्था के समन्वयक भव्य सक्सेना ने बताया कि फेसबुक पर 100 से अधिक मरीजों ने डाॅ. रुचिर वार्ष्णेय से परामर्श के लिये चर्चा की जिसमें कई कोविड पाॅजिटीव मरीजों ने भी अपने उपचार ओर स्वास्थ्य को लेकर सवाल पूछे ओर सामान्य मरीजों ने भी अपने सवाल पूछे 

जिसमें मुख्य सवाल ये सवाल  थे  -: 

सवाल 1 - कोरोना होने पर हमें  कौनसा टेस्ट करवाना है रैपिड एंटीजन या आरटी-PCR मे से कौनसा ज्यादा भरोसेमंद हैं ?

सवाल 2 - अगर कोविड पॉजिटिव मरीजों की बीपी शुगर  की दवाई चल रही हो तो क्या लेना चाहिए ?

सवाल 3 - गले में  खरास हो रही उसके लिये क्या उचित होगा ? 

सवाल 4 - कोविड से रिकवर होने के कितने दिन बाद हम प्लाज्मा डोनेट कर सकते हैं ? 

सवाल 5 - कोविड की वजह से शरीर में काफी ज्यादा कमजोरी आती है तो उसके लिये आहार ( Diet ) में क्या बदलाव करे  ? 





डाॅ. रुचिर वार्ष्णेय ने बताया कि अगर कोविड होता हैं तो घबराने की आवश्यकता नहीं आप को अगर कोई समस्या नहीं हो तो आप डॉक्टर की सलाह लेकर घर पर ही आइसोलेट होकर उपचार ले सकते हैं ओर किसी प्रकार की समस्या होने पर नजदीकी कोविड सेंटर पर दिखा सकते हैं


डॉ रुचिर ने कोरोना से बचाव के लिये कहा कि कोरोना वायरस नाक ओर मुँह के माध्यम से ही फैलता है इसलिये आप हमेशा मास्क को उपयोग करे ओर हमेशा नाक , मुंह को छूने से पहले हाथो को अच्छे तरीके से धोये या सैनिटाइज करें ओर अगर आवश्यक कार्य हो तो ही घर से निकले | 


संस्था के संदीप राजपूत ने मरीजों को निशुल्क परामर्श और अपना अनुभव साझा करने के लिए डाॅक्टर रूचिर वार्ष्णेय का आभार व्यक्त किया |


Comments

मध्यप्रदेश समाचार

देश समाचार

Popular posts from this blog

आधे अधूरे - मोहन राकेश : पाठ और समीक्षाएँ | मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे : मध्यवर्गीय जीवन के बीच स्त्री पुरुष सम्बन्धों का रूपायन

  आधे अधूरे - मोहन राकेश : पीडीएफ और समीक्षाएँ |  Adhe Adhure - Mohan Rakesh : pdf & Reviews मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे - प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा हिन्दी के बहुमुखी प्रतिभा संपन्न नाट्य लेखक और कथाकार मोहन राकेश का जन्म  8 जनवरी 1925 को अमृतसर, पंजाब में  हुआ। उन्होंने  पंजाब विश्वविद्यालय से हिन्दी और अंग्रेज़ी में एम ए उपाधि अर्जित की थी। उनकी नाट्य त्रयी -  आषाढ़ का एक दिन, लहरों के राजहंस और आधे-अधूरे भारतीय नाट्य साहित्य की उपलब्धि के रूप में मान्य हैं।   उनके उपन्यास और  कहानियों में एक निरंतर विकास मिलता है, जिससे वे आधुनिक मनुष्य की नियति के निकट से निकटतर आते गए हैं।  उनकी खूबी यह थी कि वे कथा-शिल्प के महारथी थे और उनकी भाषा में गज़ब का सधाव ही नहीं, एक शास्त्रीय अनुशासन भी है। कहानी से लेकर उपन्यास तक उनकी कथा-भूमि शहरी मध्य वर्ग है। कुछ कहानियों में भारत-विभाजन की पीड़ा बहुत सशक्त रूप में अभिव्यक्त हुई है।  मोहन राकेश की कहानियां नई कहानी को एक अपूर्व देन के रूप में स्वीकार की जाती हैं। उनकी कहानियों में आधुनिक जीवन का कोई-न-कोई विशिष्

तृतीय पुण्य स्मरण... सादर प्रणाम ।

https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=1003309866744766&id=395226780886414 Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खबर Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खबर Bkk News Bekhabaron Ki Khabar, magazine in Hindi by Radheshyam Chourasiya / Bekhabaron Ki Khabar: Read on mobile & tablets -  http://www.readwhere.com/publication/6480/Bekhabaron-ki-khabar

खाटू नरेश श्री श्याम बाबा की पूरी कहानी | Khatu Shyam ji | Jai Shree Shyam | Veer Barbarik Katha |

संक्षेप में श्री मोरवीनंदन श्री श्याम देव कथा ( स्कंद्पुराणोक्त - श्री वेद व्यास जी द्वारा विरचित) !! !! जय जय मोरवीनंदन, जय श्री श्याम !! !! !! खाटू वाले बाबा, जय श्री श्याम !! 'श्री मोरवीनंदन खाटू श्याम चरित्र'' एवं हम सभी श्याम प्रेमियों ' का कर्तव्य है कि श्री श्याम प्रभु खाटूवाले की सुकीर्ति एवं यश का गायन भावों के माध्यम से सभी श्री श्याम प्रेमियों के लिए करते रहे, एवं श्री मोरवीनंदन बाबा श्याम की वह शास्त्र सम्मत दिव्यकथा एवं चरित्र सभी श्री श्याम प्रेमियों तक पहुंचे, जिसे स्वयं श्री वेद व्यास जी ने स्कन्द पुराण के "माहेश्वर खंड के अंतर्गत द्वितीय उपखंड 'कौमारिक खंड'" में सुविस्तार पूर्वक बहुत ही आलौकिक ढंग से वर्णन किया है... वैसे तो, आज के इस युग में श्री मोरवीनन्दन श्यामधणी श्री खाटूवाले श्याम बाबा का नाम कौन नहीं जानता होगा... आज केवल भारत में ही नहीं अपितु समूचे विश्व के भारतीय परिवार ने श्री श्याम जी के चमत्कारों को अपने जीवन में प्रत्यक्ष रूप से देख लिया हैं.... आज पुरे भारत के सभी शहरों एवं गावों में श्री श्याम जी से सम्बंधित संस्थाओं