उज्जैन : कोविड संक्रमण की बढ़ती रफ्तार से उत्पन्न हो रहे भयावह माहौल में विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन द्वारा महामारी से बचाव एवं सुरक्षा के उपायों एवं टीकाकरण अभियान की ओर नागरिकों को प्रेरित करने हेतु जिले के ग्रामीण अंचलों में जनजागरण अभियान चलाया जा रहा है।
माननीय प्रधानमंत्री, मध्यप्रदेश की राज्यपाल महोदया, माननीय मुख्यमंत्री एवं माननीय उच्चशिक्षा मंत्री के आह्वान एवं निर्देशानुसार विक्रम विश्वविद्यालय द्वारा दिनांक 11 अप्रैल से 14 अप्रैल तक अनेक ग्रामीण इलाकों तथा बस्तियों में टीकाकरण उत्सव का आयोजन किया जा रहा है। इस राष्ट्रीय अभियान के तहत टीकाकरण गाइडलाइन में आने वाले विश्वविद्यालय में पदस्थ समस्त शिक्षकों, अधिकारियों एवं कर्मचारियों के साथ-साथ विद्यार्थियों को अपने परिवार के साथ शतप्रतिशत टीकाकरण में भाग लेना है।
साथ ही अपने आस-पास कालोनी, कस्बों, गावों तथा बस्तियों में रहने वाले सभी बुजुर्गों एवं 45 वर्ष से ऊपर के नागरिकों को टीका लगवाने हेतु प्रेरित तथा मदद करनी है। जरूरत हो तो टीका केन्द्रों तक पहुॅंचने में भी मदद कर टीकारण उत्सव अभियान को शत-प्रतिशत सफल बनाना है।
इसी क्रम में दिनांक 13 अप्रेल को विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अखिलेश कुमार पाण्डेय ग्राम धतरावदा तथा लालपुर पहुॅंच कर कुलसचिव डॉ बग्गा, अनेक शिक्षकों तथा कर्मचारियों के साथ ग्रामवासियों को महामारी से बचाव हेतु टीकाकरण के लिए प्रोत्साहित किया।
सभी ग्रामवासियों को बेफिकर टीका लगवाने तथा अफवाहों पर ध्यान न देते हुए खुद को तथा अपने परिवार, मित्रों, सगे-सम्बन्धियों तथा समस्त ग्रामवासियों एवं प्रदेशवासियों को सुरक्षित रखने की अपील भी की। इस अवसर पर ग्राम के सरपंच श्री कैलाश चौहान तथा ग्रामपंचायत सचिव संजय गोठवाल, सीएचओ पुष्पा सूर्यवंशी एवं आंगनवाड़ी कार्यकर्ता रामकनया भारती एवं अनीता परमार की उपस्थिति में ग्रामवासियों से चर्चा कर अपील की गयी कि, टीकाकरण उत्सव को सफल बनाने के लिए अधिक से अधिक पात्र ग्रामीणों को टीका लगवाएं, जिससे कि महामारी को फैलने से रोका जा सके एवं जानमाल की सुरक्षा हो सके। ग्रामवासियों ने भी कुलपति की बातों से प्रेरित होकर लोगों को टीकाकरण बूथों पर लाने का वचन दिया।
प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा, कुलानुशासक, विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन ने जानकारी देते हुए बताया कि, इस अवसर पर कुलपति के साथ कुलसचिव डॉ डी. के. बग्गा, डॉ. एस. के. मिश्रा, डॉ कनिया मेड़ा, डॉ. राज बोरिया एवं डॉ कमल बुनकर के साथ-साथ विश्वविद्यालय कर्मचारी श्री लालसिंह, ललित सिंह तथा अन्य अनेक ग्रामीण नागरिक भी उपस्थित थे।
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