Skip to main content

मध्यप्रदेश के सभी शहरों में 9 अप्रैल शाम 6 बजे से 12 अप्रैल प्रात: 6 बजे तक लॉकडाउन ; मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कोरोना संक्रमण पर की उच्च-स्तरीय समीक्षा

प्रदेश के सभी शहरों में 9 अप्रैल शाम 6 बजे से 12 अप्रैल प्रात: 6 बजे तक लॉकडाउन

प्रदेश में बिस्तरों की संख्या एक लाख की जाएगी

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कोरोना संक्रमण पर की उच्च-स्तरीय समीक्षा 

भोपाल : गुरूवार, अप्रैल 8, 2021


मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए लॉकडाउन जैसे उपाय अंतिम विकल्प हैं। यह अभूतपूर्व संकट है। कोरोना संक्रमण को रोकने और मरीजों के इलाज के लिए आवश्यक व्यवस्था करने का कार्य निरंतर जारी है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने स्मार्ट पार्क में पौध-रोपण के बाद मीडिया के प्रतिनिधियों से चर्चा करते हुए कहा कि बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए प्रदेश के सभी शहरों में शुक्रवार शाम 6 बजे से सोमवार सुबह 6 बजे तक लॉकडाउन करना आवश्यक हो रहा है। इस संबंध में सभी अधिकारियों को निर्देश दिए जा चुके हैं। सभी जिलों के क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप को बैठक कर अपने जिलों के पेशेंट लोड और परिस्थितियों को देखते हुए आवश्यक और उपयुक्त निर्णय करने के लिए तत्काल बैठकें आयोजित करने के निर्देश भी दिए गए हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोरोना संक्रमण की स्थिति को देखते हुए आवश्यक होने पर बड़े शहरों में कंटेनमेंट एरिया भी बनाए जाएंगे।

ऑक्सीजन आपूर्ति का कोई संकट नहीं

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि इन उपायों के साथ-साथ इलाज की व्यवस्था के विस्तार पर भी राज्य सरकार लगातार कार्य कर रही है। प्रदेश में बिस्तरों की संख्या 36 हजार से बढ़ाकर एक लाख की जा रही है। प्रत्येक जिले में कोविड केयर सेंटर स्थापित किया जा रहा है। शासकीय चिकित्सालयों के साथ निजी अस्पतालों का सहयोग भी लिया जा रहा है। राज्य शासन निजी अस्पतालों में नि:शुल्क उपचार की व्यवस्था भी कर रहा है। भोपाल में पीपुल्स और जे.के. अस्पताल में व्यवस्था की जा रही है। इंदौर और अन्य शहरों में भी निजी अस्पतालों की क्षमता का उपयोग करने संबंधी निर्देश दिए गए हैं। ऑक्सीजन आपूर्ति का कोई संकट नहीं है। ऑक्सीजन के संबंध में भारत सरकार और गुजरात राज्य से बात की है। भिलाई स्टील प्लांट से ऑक्सीजन की आपूर्ति आरंभ हो गई है। शासकीय स्तर पर रेमिडिसीवर इंजेक्शन की खरीद भी आरंभ हो रही है। दवाइयों की कोई कमी न रहे, इसका भी समुचित प्रबंध किया जाएगा।

यह परीक्षा की घड़ी है, हम साथ मिलकर लड़ेंगे और सफल होंगे

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि यह ऐसी महामारी है, जिसके संबंध में कोई आकलन कर पाना संभव नहीं है। देश और प्रदेश में पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़ रही है। इसमें संयम, धैर्य और आत्म-विश्वास बनाए रखना आवश्यक है। राज्य सरकार सबको साथ लेकर इस संकट का सामना करेगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री जी की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के बाद प्रदेश के सभी जिलों के कलेक्टर और पुलिस अधीक्षकों से वीडियो कॉन्फ्रेंस करूँगा। मंत्रि-परिषद के साथियों के साथ 9 अप्रैल को 3 बजे और प्रदेश के सभी सांसद तथा विधायकों से शाम 5 बजे चर्चा होगी। सबको विश्वास में लेकर कोरोना के विरूद्ध युद्ध की रणनीति विकसित की जाएगी। यह परीक्षा की घड़ी है, हम साथ मिलकर लड़ेंगे और सफल होंगे।

आत्म-अनुशासन बनाए रखें

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रदेशवासियों से आत्म-अनुशासन बनाए रखते हुए मास्क का उपयोग करने, सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने, बार-बार हाथ धोने, अनावश्यक घर से बाहर न निकलने और भीड़ न लगाने की अपील की है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने पौध-रोपण से पूर्व निवास पर उच्च स्तरीय बैठक में प्रदेश में कोरोना की स्थिति की समीक्षा की। मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, पुलिस महानिदेशक श्री विवेक जौहरी, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य श्री मोहम्मद सुलेमान, अपर मुख्य सचिव गृह श्री राजेश राजौरा और भोपाल संभागायुक्त श्री कवीन्द्र कियावत सहित भोपाल जिले के अधिकारी उपस्थित थे।

Comments

Popular posts from this blog

आधे अधूरे - मोहन राकेश : पाठ और समीक्षाएँ | मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे : मध्यवर्गीय जीवन के बीच स्त्री पुरुष सम्बन्धों का रूपायन

  आधे अधूरे - मोहन राकेश : पीडीएफ और समीक्षाएँ |  Adhe Adhure - Mohan Rakesh : pdf & Reviews मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे - प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा हिन्दी के बहुमुखी प्रतिभा संपन्न नाट्य लेखक और कथाकार मोहन राकेश का जन्म  8 जनवरी 1925 को अमृतसर, पंजाब में  हुआ। उन्होंने  पंजाब विश्वविद्यालय से हिन्दी और अंग्रेज़ी में एम ए उपाधि अर्जित की थी। उनकी नाट्य त्रयी -  आषाढ़ का एक दिन, लहरों के राजहंस और आधे-अधूरे भारतीय नाट्य साहित्य की उपलब्धि के रूप में मान्य हैं।   उनके उपन्यास और  कहानियों में एक निरंतर विकास मिलता है, जिससे वे आधुनिक मनुष्य की नियति के निकट से निकटतर आते गए हैं।  उनकी खूबी यह थी कि वे कथा-शिल्प के महारथी थे और उनकी भाषा में गज़ब का सधाव ही नहीं, एक शास्त्रीय अनुशासन भी है। कहानी से लेकर उपन्यास तक उनकी कथा-भूमि शहरी मध्य वर्ग है। कुछ कहानियों में भारत-विभाजन की पीड़ा बहुत सशक्त रूप में अभिव्यक्त हुई है।  मोहन राकेश की कहानियां नई कहानी को एक अपूर्व देन के रूप में स्वीकार की जाती हैं। उनकी कहानियों में आधुनिक जीवन का कोई-न-कोई विशिष्ट पहलू उजागर

मालवी भाषा और साहित्य : प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा

MALVI BHASHA AUR SAHITYA: PROF. SHAILENDRAKUMAR SHARMA पुस्तक समीक्षा: डॉ श्वेता पंड्या Book Review : Dr. Shweta Pandya  मालवी भाषा एवं साहित्य के इतिहास की नई दिशा  लोक भाषा, लोक साहित्य और संस्कृति का मानव सभ्यता के विकास में अप्रतिम योगदान रहा है। भाषा मानव समुदाय में परस्पर सम्पर्क और अभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम है। इसी प्रकार क्षेत्र-विशेष की भाषा एवं बोलियों का अपना महत्त्व होता है। भारतीय सभ्यता और संस्कृति से जुड़े विशाल वाङ्मय में मालवा प्रदेश, अपनी मालवी भाषा, साहित्य और संस्कृति के कारण महत्त्वपूर्ण स्थान रखता है। यहाँ की भाषा एवं लोक-संस्कृति ने  अन्य क्षेत्रों पर प्रभाव डालते हुए अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है। मालवी भाषा और साहित्य के विशिष्ट विद्वानों में डॉ. शैलेन्द्रकुमार शर्मा का नाम बड़े आदर से लिया जाता है। प्रो. शर्मा हिन्दी आलोचना के आधुनिक परिदृश्य के विशिष्ट समीक्षकों में से एक हैं, जिन्होंने हिन्दी साहित्य की विविध विधाओं के साथ-साथ मालवी भाषा, लोक एवं शिष्ट साहित्य और संस्कृति की परम्परा को आलोचित - विवेचित करने का महत्त्वपूर्ण एवं सार्थक प्रयास किया है। उनकी साहित्य

खाटू नरेश श्री श्याम बाबा की पूरी कहानी | Khatu Shyam ji | Jai Shree Shyam | Veer Barbarik Katha |

संक्षेप में श्री मोरवीनंदन श्री श्याम देव कथा ( स्कंद्पुराणोक्त - श्री वेद व्यास जी द्वारा विरचित) !! !! जय जय मोरवीनंदन, जय श्री श्याम !! !! !! खाटू वाले बाबा, जय श्री श्याम !! 'श्री मोरवीनंदन खाटू श्याम चरित्र'' एवं हम सभी श्याम प्रेमियों ' का कर्तव्य है कि श्री श्याम प्रभु खाटूवाले की सुकीर्ति एवं यश का गायन भावों के माध्यम से सभी श्री श्याम प्रेमियों के लिए करते रहे, एवं श्री मोरवीनंदन बाबा श्याम की वह शास्त्र सम्मत दिव्यकथा एवं चरित्र सभी श्री श्याम प्रेमियों तक पहुंचे, जिसे स्वयं श्री वेद व्यास जी ने स्कन्द पुराण के "माहेश्वर खंड के अंतर्गत द्वितीय उपखंड 'कौमारिक खंड'" में सुविस्तार पूर्वक बहुत ही आलौकिक ढंग से वर्णन किया है... वैसे तो, आज के इस युग में श्री मोरवीनन्दन श्यामधणी श्री खाटूवाले श्याम बाबा का नाम कौन नहीं जानता होगा... आज केवल भारत में ही नहीं अपितु समूचे विश्व के भारतीय परिवार ने श्री श्याम जी के चमत्कारों को अपने जीवन में प्रत्यक्ष रूप से देख लिया हैं.... आज पुरे भारत के सभी शहरों एवं गावों में श्री श्याम जी से सम्बंधित संस्थाओं द