Skip to main content

उज्जैन कलेक्टर द्वारा धारा 144 के तहत संशोधित आदेश जारी

उज्जैन 18 अप्रैल। शनिवार 17  अप्रैल को आयोजित की गई क्राइसिस मैनेजमेंट की बैठक में लिए गए निर्णय के  परिप्रेक्ष में कलेक्टर श्री  आशीष सिंह ने विगत 12 अप्रैल को धारा 144 के तहत जारी प्रतिबंधात्मक आदेश में आंशिक संशोधन करते हुए उज्जैन नगर निगम सीमा में कोरोना कर्फ्यू हेतु नई व्यवस्था लागू करने के आदेश जारी किए हैं ।


1. कोरोना कर्फ़्यू  आदेश 19 अप्रैल की  सुबह 6:00 बजे से  26 अप्रैल सुबह 6 बजे  तक प्रभावी रहेगा। कोरोना  कर्फ्यू के दौरान समस्त प्रकार की गतिविधियां व  किसी भी व्यक्ति को अपने घर से बाहर निकलने की अनुमति नहीं होगी । सार्वजनिक स्थानों जैसे पार्क, गार्डन , मैदान , सामाजिक परिसर , मॉर्निंग वॉक, इवनिंग वॉक , शॉपिंग मॉल , शैक्षणिक संस्थान , क्रीड़ा स्थल ,जिम , धरना प्रदर्शन, ज्ञापन , जुलूस  आदि प्रतिबंधित कर दिए गए हैं।


2 . उज्जैन नगर के समस्त धार्मिक स्थल आमजन के लिए बंद कर दिए गए हैं ।  सांकेतिक रूप से दैनिक धार्मिक गतिविधियों के संपादन हेतु केवल पंडित  ,पुजारी ,इमाम ,पादरी , ज्ञानी को उपासना स्थल  में आवागमन की अनुमति रहेगी ।


3   उज्जैन नगर के  सभी व्यवसायिक  प्रतिष्ठान , सुपर स्टोर/शॉपिंग मॉल एवं इस श्रेणी के समस्त प्रतिष्ठान एवं शराब की दुकानें पूर्णत: बंद रहेगी । 


प्रतिबंध में प्रदान की गई शिथिलता:- 


1  उज्जैन शहर के थोक  व   खेरची किराना दुकानें  ,सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकानें, गैस एजेंसी , आटा चक्की,निजी कोरियर सेवाएं ,पशु आहार , थोक  फल एवं सब्जी मंडी आदि अत्यावश्यक सेवाओं से संबंधित प्रतिष्ठान केवल प्रातः 8:00 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक ही खोले जा सकेंगे । इस दौरान प्रतिष्ठान के अंदर दुकानदार को छोड़कर एक समय में अधिकतम 5  ग्राहक  उपस्थित रह सकेंगे । उक्त अवधि में अन्य समस्त प्रकार की गतिविधियां, दुकानें व कार्य प्रतिबंधित रहेगा ।

1A *वैवाहिक कार्यक्रम की दृष्टि से ज्वेलरी की दुकान है वह कपड़ा दुकान निर्धारित अवधि प्रातः 8:00 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक ही खुली रह सकेंगी  संबंधित दुकानदार यह सुनिश्चित करेंगे कि जिन घरों में वैवाहिक कार्यक्रम आयोजित हैं उन्हें ही सामान प्रदान  किया जाए ।इस हेतु  दुकानदार ग्राहक की  वैवाहिक पत्रिका  देखकर ही सामान प्रदान करेंगे ।*

2  लोकल स्थानीय फुटकर सब्जी, फल मंडी एवं हाट बाजार प्रतिबंधित रहेंगे ।  सब्जी फल विक्रेता  हाथ ठेले के माध्यम से प्रातः 8  बजे से दोपहर 12:00 बजे तक चलायमान स्थिति में सोशल डिस्टेंसिंग ,मास्क  धारण करने आदि की शर्त पर फल एवं सब्जी का  विक्रय  उपभोक्ताओं  को कर सकेंगे । थोक फल व सब्जी मंडी से आमजन को फुटकर विक्रय  पूर्णत: प्रतिबंधित रहेगा ।


3  दूध की दुकाने ,  दूध हाकर्स,  दूध डेयरी (केवल दूध) सुबह  8:00 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक एवं शाम 6:00 बजे से रात्रि 8:00 बजे तक खुली रहेगी ।


4  सभी विनिर्माण उद्योग एवं उद्योगों में तैयार माल एवं कच्चे माल का परिवहन चालू रहेगा । आवागमन में सुविधा हेतु विनिर्माण उद्योग में संलग्न मजदूरों कर्मचारियों एवं अधिकारियों को अपने संस्थान द्वारा जारी परिचय पत्र धारण करना आवश्यक होगा । प्रतिदिन शाम को औद्योगिक श्रमिकों को परिचय पत्र के आधार पर अपने घर पर लौटने की अनुमति रहेगी। 


5  केंद्र एवं राज्य के सभी शासकीय ,अर्ध  शासकीय कार्यालय शासन द्वारा निर्धारित शेड्यूल व  स्थानीय आवश्यकतानुसार खुले रहेंगे । कार्यालय में उपस्थिति शासन के निर्देशानुसार रहेगी तथा कर्मचारी केवल  आंतरिक  कार्यालयिन  कार्य कर सकेंगे । उक्त  सेवाओ से संबंधित व्यक्तियों को आवागमन हेतु अपने पहचान पत्र अपने पास रखना अनिवार्य होंगे ।


6 शासन  द्वारा संचालित कोविड-19 टीकाकरण अभियान पूर्ववत निरंतर जारी रहेगा ।


7  मंडी एवं निर्धारित स्थानों पर शासन द्वारा संचालित गेहूं उपार्जन कार्यक्रम निरंतर जारी रहेगा। इस कार्रवाई में संलग्न  कर्मचारी, अधिकारी,  हम्माल,  तुलावटी एवं विक्रयकर्ता कृषक तथा वाहन आदि उपरोक्त प्रतिबंध से मुक्त रहेंगे ।


8  इमरजेंसी सर्विसेस जैसे पेट्रोल पंप, हॉस्पिटल , मेडिकल स्टोर, एटीएम आदि प्रतिबंध से मुक्त रहेंगे ।


9  शवयात्रा  में अधिकतम 20 व्यक्ति सम्मिलित हो सकेंगे।


10.  शादी/वैवाहिक कार्यक्रम में अनुमति के साथ अधिकतम 50 व्यक्ति सम्मिलित हो सकेंगे।


11. परीक्षा केंद्र आने एवं जाने वाले परीक्षार्थी तथा परीक्षा केंद्र एवं परीक्षा आयोजन से जुड़े कर्मी, अधिकारीगण आदि प्रतिबंध से मुक्त रहेंगे।


12. बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट पर आने जाने वाले नागरिकों को टिकट दिखाए जाने पर प्रतिबंध से छूट रहेगी।


उल्लेखनीय है कि अन्य निकायों की व्यवस्था हेतु जारी किए गए आदेश के तहत तय किया गया है कि जिला स्तर से भिन्न अन्य नगरीय निकायों में संबंधित अनुभाग दण्डाधिकारी अपने स्तर से अत्यावश्यक सेवाओं हेतु बाजार खुले रखने के समय का निर्धारण करने हेतु सक्षम रहेंगे। उक्त आदेश तत्काल प्रभावशील हो गया है। पूर्व में 11 एवं 12 अप्रैल 2021 को धारा 144 के तहत जारी शेष प्रतिबंधात्मक आदेश की कंडिकाएं यथावत रहेंगी।




Comments

मध्यप्रदेश समाचार

देश समाचार

Popular posts from this blog

खाटू नरेश श्री श्याम बाबा की पूरी कहानी | Khatu Shyam ji | Jai Shree Shyam | Veer Barbarik Katha |

संक्षेप में श्री मोरवीनंदन श्री श्याम देव कथा ( स्कंद्पुराणोक्त - श्री वेद व्यास जी द्वारा विरचित) !! !! जय जय मोरवीनंदन, जय श्री श्याम !! !! !! खाटू वाले बाबा, जय श्री श्याम !! 'श्री मोरवीनंदन खाटू श्याम चरित्र'' एवं हम सभी श्याम प्रेमियों ' का कर्तव्य है कि श्री श्याम प्रभु खाटूवाले की सुकीर्ति एवं यश का गायन भावों के माध्यम से सभी श्री श्याम प्रेमियों के लिए करते रहे, एवं श्री मोरवीनंदन बाबा श्याम की वह शास्त्र सम्मत दिव्यकथा एवं चरित्र सभी श्री श्याम प्रेमियों तक पहुंचे, जिसे स्वयं श्री वेद व्यास जी ने स्कन्द पुराण के "माहेश्वर खंड के अंतर्गत द्वितीय उपखंड 'कौमारिक खंड'" में सुविस्तार पूर्वक बहुत ही आलौकिक ढंग से वर्णन किया है... वैसे तो, आज के इस युग में श्री मोरवीनन्दन श्यामधणी श्री खाटूवाले श्याम बाबा का नाम कौन नहीं जानता होगा... आज केवल भारत में ही नहीं अपितु समूचे विश्व के भारतीय परिवार ने श्री श्याम जी के चमत्कारों को अपने जीवन में प्रत्यक्ष रूप से देख लिया हैं.... आज पुरे भारत के सभी शहरों एवं गावों में श्री श्याम जी से सम्बंधित संस्थाओं...

आधे अधूरे - मोहन राकेश : पाठ और समीक्षाएँ | मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे : मध्यवर्गीय जीवन के बीच स्त्री पुरुष सम्बन्धों का रूपायन

  आधे अधूरे - मोहन राकेश : पीडीएफ और समीक्षाएँ |  Adhe Adhure - Mohan Rakesh : pdf & Reviews मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे - प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा हिन्दी के बहुमुखी प्रतिभा संपन्न नाट्य लेखक और कथाकार मोहन राकेश का जन्म  8 जनवरी 1925 को अमृतसर, पंजाब में  हुआ। उन्होंने  पंजाब विश्वविद्यालय से हिन्दी और अंग्रेज़ी में एम ए उपाधि अर्जित की थी। उनकी नाट्य त्रयी -  आषाढ़ का एक दिन, लहरों के राजहंस और आधे-अधूरे भारतीय नाट्य साहित्य की उपलब्धि के रूप में मान्य हैं।   उनके उपन्यास और  कहानियों में एक निरंतर विकास मिलता है, जिससे वे आधुनिक मनुष्य की नियति के निकट से निकटतर आते गए हैं।  उनकी खूबी यह थी कि वे कथा-शिल्प के महारथी थे और उनकी भाषा में गज़ब का सधाव ही नहीं, एक शास्त्रीय अनुशासन भी है। कहानी से लेकर उपन्यास तक उनकी कथा-भूमि शहरी मध्य वर्ग है। कुछ कहानियों में भारत-विभाजन की पीड़ा बहुत सशक्त रूप में अभिव्यक्त हुई है।  मोहन राकेश की कहानियां नई कहानी को एक अपूर्व देन के रूप में स्वीकार की जाती ...

दुर्गादास राठौड़ : जिण पल दुर्गो जलमियो धन बा मांझल रात - प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा

अमरवीर दुर्गादास राठौड़ : जिण पल दुर्गो जलमियो धन बा मांझल रात। - प्रो शैलेन्द्रकुमार शर्मा माई ऐड़ा पूत जण, जेहड़ा दुरगादास। मार मंडासो थामियो, बिण थम्बा आकास।। आठ पहर चौसठ घड़ी घुड़ले ऊपर वास। सैल अणी हूँ सेंकतो बाटी दुर्गादास।। भारत भूमि के पुण्य प्रतापी वीरों में दुर्गादास राठौड़ (13 अगस्त 1638 – 22 नवम्बर 1718)  के नाम-रूप का स्मरण आते ही अपूर्व रोमांच भर आता है। भारतीय इतिहास का एक ऐसा अमर वीर, जो स्वदेशाभिमान और स्वाधीनता का पर्याय है, जो प्रलोभन और पलायन से परे प्रतिकार और उत्सर्ग को अपने जीवन की सार्थकता मानता है। दुर्गादास राठौड़ सही अर्थों में राष्ट्र परायणता के पूरे इतिहास में अनन्य, अनोखे हैं। इसीलिए लोक कण्ठ पर यह बार बार दोहराया जाता है कि हे माताओ! तुम्हारी कोख से दुर्गादास जैसा पुत्र जन्मे, जिसने अकेले बिना खम्भों के मात्र अपनी पगड़ी की गेंडुरी (बोझ उठाने के लिए सिर पर रखी जाने वाली गोल गद्देदार वस्तु) पर आकाश को अपने सिर पर थाम लिया था। या फिर लोक उस दुर्गादास को याद करता है, जो राजमहलों में नहीं,  वरन् आठों पहर और चौंसठ घड़ी घोड़े पर वास करता है और उस पर ही बैठकर बाट...