महाशिवरात्रि एवं शिव नवरात्रि महोत्सव 2021 प्रारम्भ ... वर्ष में एक बार ही श्री महाकालेश्वर भगवान को हल्दी अर्पित की जाती हैं ... शिव नवरात्रि की सम्पूर्ण जानकारी
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वर्ष में एक बार ही,
श्री महाकालेश्वर भगवान को हल्दी अर्पित की जाती हैं
वर्ष में एक बार महाशिवरात्रि के दूसरे दिन,
अर्थात; 13/03/2021 को भस्मारती तड़के 4 बजे की बजाए,
दोपहर में 12 बजे होती है।















संवत्सर के 12वें मास फाल्गुन में जब सूर्यदेव अपनी 12 रश्मियों से इस जगत को प्रकाशित करते हैं और 12वीं राशि की ओर जाने की तैयारी करते हैं तब फाल्गुन कृष्ण पक्ष चतुर्दशी के दिन सूर्य की 12 ज्योतियों से संयुक्त 12 ज्योतिर्लिंग के प्राकट्य अवसर एवं भगवान-शिव एवं माता पार्वती के विवाह के दिन को “महाशिवरात्रि महापर्व” कहा जाता है।
श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में महाशिवरात्रि के पहले शिव नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। शिव नवरात्रि का पर्व बड़े ही उत्साह से मनाया जाता है, जिसके अतंर्गत प्रतिदिन बाबा महाकाल का आकर्षक श्रृंगार किया जाता है।
इस वर्ष श्री महाकालेश्वर मंदिर में दिनांक 03/03/2021 से 12/03/2021 तक शिव नवरात्रि उत्सव मनाया जायेगा।
इस दौरान पूरे 9 दिन तक महाकाल के दरबार में देवाधिदेव महादेव और माता पार्वती के विवाहोत्सव का उल्लास रहता है।

शैव मतानुसार; महाशिवरात्रि के 9 दिन पूर्व अर्थात; फाल्गुन कृष्ण पक्ष पंचमी 03 मार्च से फाल्गुन कृष्ण पक्ष चतुर्दशी 12 मार्च 2021 महाशिवरात्रि तक शिव नवरात्रि या महाकाल नवरात्रि का 9 दिन का उत्सव बताया गया है। जिस प्रकार शक्ति की आराधना हेतु देवी नवरात्रि रहती है, उसी प्रकार भगवान् शिव की साधना के लिए शिव नवरात्रि का विधान बताया गया है।
उज्जैन शक्तिपीठ और शक्तितीर्थ है। यहां महाकाल के साथ देवी हरसिद्धि विराजित हैं। शिव-पार्वती संबंध के कारण शक्ति की तरह शिव की भी नवरात्रि उत्सव की परंपरा है। यहां नौ रात्रि तक विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। महाकालेश्वर मंदिर में महाकाल नवरात्रि के दौरान लघुरुद्र, महारुद्र्र, अतिरुद्र, रुद्राभिषेक, शिवार्चन, हरिकीर्तन के आयोजन किए जाते हैं।

शिव नवरात्रि के अंतर्गत; भस्मारती के बाद प्रातः श्री महाकालेश्वर मंदिर के नैवेद्य कक्ष में भगवान श्री चंद्रमौलीश्वर का पूजन किया जायेगा, उसके पश्चात कोटितीर्थ कुण्ड के समीप स्थापित श्री कोटेश्वर महादेव का अभिषेक एवं पूजन किया जायेगा। उसके पश्चात 11 पंडितों द्वारा एकादश-एकादशनी, लघु रुद्र पाठ किया जाता है। गर्भगृह में भगवान महाकाल का पंचामृत अभिषेक पूजन कर केसर युक्त चंदन के लेपन से भगवान का दूल्हा बनाया जाएगा।

इस दौरान पूरे नौ दिन तक महाकाल के दरबार में देवाधिदेव महादेव और माता पार्वती के विवाहोत्सव का उल्लास रहता है। भस्म रमाने वाले बाबा महाकाल दूल्हा बनते हैं। उन्हें हल्दी लगाई जाती है और हल्दी और चंदन से ऊबटन कर उनका नित नया मनमोहक श्रृंगार किया जाता है।
मान्यतानुसार भगवान शिव को पुजन मे हल्दी नही चढ़ाई जाती है; किन्तु इन 9 दिनों मे बाबा महाकाल को नित्य हल्दी, केशर, चन्दन का उबटन, सुगंधित इत्र, ओषधी, फलो के रस आदि से स्नान करवाया जाता है।
जिस प्रकार विवाह के दौरान दूल्हे को हल्दी लगाई जाती है। उसी प्रकार भगवान महाकाल को भी हल्दी लगाई जाती है।

9 दिनों तक चलने वाले इस विवाह उत्सव में शहर सहित देशभर के श्रद्धालु पहुँचते हैं।
9 दिनों तक सांय को केसर व हल्दी से भगवान महाकालेश्वर का अनूठा श्रृंगार किया जाएगा। पुजारी भगवान को हल्दी लगाकर दूल्हा बनाएंगे। भक्तों को 9 दिन तक भगवान महाकाल अलग-अलग रूपों में दर्शन देंगे।




[1]√ 03 मार्च 2021 - श्री महाकालेश्वर भगवान जी को सोला एवं दुपट्टा तथा जलाधारी को मेखला धारण करवाया जाएगा।
]2[√ 04 मार्च 2021 :- श्री पंचमुखी शेषनाग श्रृंगार दर्शन
[3]√ 05 मार्च 2021 :- श्री घटाटोप श्रृंगार दर्शन
[4]√ 06 मार्च 2021 :- श्री छबीना श्रृंगार दर्शन
[5]√ 07 मार्च 2021 :- श्री होल्कर मुखौटा श्रृंगार दर्शन
[6]√ 08 मार्च 2021 :- श्री मनमहेश स्वरूप श्रृंगार दर्शन
[7]√ 09 मार्च 2021 :- श्री उमा महेश स्वरूप श्रृंगार दर्शन
[8]√ 10 मार्च 2021 :- श्री शिव तांडव स्वरूप श्रृंगार दर्शन
[9]√ 11 मार्च 2021 :- महाशिवरात्री विशेष श्रृंगार दर्शन

अवंतिकानाथ के दिव्य रूप के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में भक्त उमड़ते हैं। शिव विवाहोत्सव के लिए मंदिर को वस्त्र, पुष्प तथा विद्युत रोशनी से दुल्हन की तरह सजाया जाता है।
श्री महाकाल महाराज के दरबार में भगवान महाकाल और माता पार्वती के विवाह उत्सव का उल्लास; शिव नवरात्रि के प्रथम दिवस से बिखरने लगता है।
महाशिवरात्रि का पर्व यूँ तो हर ज्योतिर्लिंग और शिवालय में मनाया जाता है, किन्तु उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में महाशिवरात्रि पर्व खास होता है।
महाशिवरात्रि महापर्व के बाद दूज पर भगवान महाकाल महाराज का पंचमुखारविंद श्रृंगार होगा। यह श्रृंगार वर्ष में सिर्फ एक बार होता है।
शिव नवरात्रि में जो भक्त राजाधिराज के दर्शन नहीं कर पाए, वे दूज पर एक साथ विभिन्न रूपों के दर्शन कर सकते हैं।
मान्यता है कि; शिव नवरात्रि के 9 दिन दूल्हा स्वरूप में होने वाले राजाधिराज बाबा महाकाल के श्रृंगार के दर्शन करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। महाशिवरात्रि के दिन भगवान महाकाल का सेहरा सजाया जाता है।























● जिस प्रकार नवरात्रि में देवी भक्त माता दुर्गा की उपासना कर उपवास रखते हैं, उसी प्रकार शिव नवरात्रि में मंदिर के पुजारी तथा पुजारी परिवार उपवास रखते हैं। शिवरात्रि के बाद भगवान को अर्पित प्रसादी ग्रहण कर उपवास खोला जाता है।
● कृष्ण पक्ष में चन्द्रमा की कलाएं क्षीण हो जाती हैं। मन का कारक चंद्रमा कमजोर होने से मानसिक पीड़ा रहती है। इसलिए शिव की आराधना फलदायक है। इस दौरान की गई आराधना सर्वोत्तम फलदायक होती है।
















उज्जैन, मध्यप्रदेश, भारत, बुधवार, 03 मार्च, 2021 । श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर उज्जैन में महाशिवरात्रि के पहले शिव नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है, इस दौरान पूरे 9 दिन तक महाकाल के दरबार में देवाधिदेव महादेव और माता पार्वती के विवाहोत्सव का उल्लास रहता है।
● श्री महाकाल महाराज के दरबार में भगवान महाकाल और माता पार्वती के विवाह उत्सव का उल्लास; शिव नवरात्रि के प्रथम दिवस से बिखरने लगता है।
● शैव मतानुसार;- महाशिवरात्रि के 9 दिन पूर्व अर्थात; फाल्गुन कृष्ण पक्ष पंचमी से फाल्गुन कृष्ण पक्ष चतुर्दशी महाशिवरात्रि तक शिव नवरात्रि या महाकाल नवरात्रि का 9 दिन का उत्सव बताया गया है।
● मान्यतानुसार; श्री महाकालेश्वर भगवान को हल्दी अर्पित नहीं की जाती। ऐसा इसलिए.. क्योंकि; हल्दी स्त्री सौंदर्य प्रसाधन में प्रयोग की जाती है और शास्त्रों के अनुसार शिवलिंग पुरुषत्व का प्रतीक है।
● एक अन्य कारण यह भी है कि; हल्दी गर्म होती है और महादेव को शीतल पदार्थ अर्पित किये जाते हैं।
● किन्तु इन 9 दिनों मे बाबा महाकाल को नित्य हल्दी, केशर, चन्दन का उबटन, सुगंधित इत्र, ओषधी, फलो के रस आदि से स्नान करवाया जाता है।
● जिस प्रकार विवाह के दौरान दूल्हे को हल्दी लगाई जाती है उसी प्रकार भगवान श्री महाकालेश्वर को भी हल्दी लगाई जाती है।
● 9 दिनों तक सायंकाल को केसर व हल्दी से भगवान महाकालेश्वर जी का अनूठा श्रृंगार किया जाएगा। पुजारी पं. नरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने बताया कि, भगवान को हल्दी लगाकर, दूल्हा बनाएंगे।
● भक्तों को 9 दिन तक भगवान महाकाल अलग-अलग रूपों में दर्शन देंगे।
● शिव नवरात्रि के 9 दिन दूल्हा स्वरूप में होने वाले राजाधिराज बाबा महाकाल के श्रृंगार के दर्शन करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
● महाशिवरात्रि के दिन भगवान महाकाल का सेहरा सजाया जाता है ।
● वर्ष 2021 में शिव नवरात्रि का यह पर्व 3 मार्च से प्रारंभ होकर 12 मार्च 2021 तक रहेगा।

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