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केन्द्रीय बजट 2021 आत्मनिर्भर भारत की सोच रखने वाला बजट है

उज्जैन : अर्थशास्त्र अध्ययनशाला, विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन में प्रतिवर्ष की तरह 6 फरवरी को बजट 2021 पर परिचर्चा का आयोजन किया गया। परिचर्चा के उद्घाटन वक्तव्य में कुलपति प्रों अखिलेश पाण्डेय ने बजट को आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने वाला बजट बताया। साथ ही उन्होंने बताया कि आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए व्यवस्था के प्रत्येक स्तर पर चाहे राज्य सरकारें हों, स्थानीय प्रशासन हो, विश्वविद्यालय जैसी संस्थाएं हों या सामान्य व्यक्ति या परिवार हो सभी को प्रयास करना चाहिए।


 कार्यक्रम के प्रारम्भ में अतिथि स्वागत एवं विषय प्रर्वतन करते हुए अर्थशास्त्र अध्ययनशाला के विभागाध्यक्ष डॉ. एस.के मिश्रा ने बजट के सभी आयामों को संक्षिप्त एवं प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया। इसके पश्चात् चार्टर एकाउटेण्ट ने बजट में किये गये स्वास्थ्य प्रावधानों को प्रस्तुत करते हुए कहा कि इस बजट में सबसे जोर स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाने पर दिया गया है, परन्तु साथ में यह भी कहा कि महामारी की चपेट में आये लोगों के लिए भी कुछ किया जाता तो अच्छा होता।


जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी श्रीमती आभा शर्मा ने बजट महिला तथा बाल विकास हेतु किए जाने वाले प्रयासों को बताते हुए घरेलू हिंसा तथा महिला उत्पीड़न के प्रभावितों हेतु बजट में प्रयासों की आवश्यकता बतायी। 


शिक्षाविद् वरूण गुप्ता ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु बजट प्रावधानों को समझाया। युवा बैंकर कल्याणी सिंह ने वित्तीय तथा बैंकिंग सेक्टर पर बजट के पड़ने वाले प्रावधानों को समझाया। प्रहलाद सिंह सिसौदिया ने कृषि को आत्मनिर्भर बनाने के उपायों को समझाया। 


लघु उद्योग भारती के श्री अतीत अग्रवाल ने लघु उद्योगों की अर्थव्यवस्था में अहमियत तथा बजट में इनको प्रोत्साहित करने वाले प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष्य उपायों को बारीकी से समझाया। 


जीएसटी विशेषज्ञ श्री राजेश महेश्वरी ने जीएसटी में समय-समय पर होने वाले सुधारों तथा बजट में जीएसटी से संबन्धित बातों का जिक्र किया। जी.एस.टी. में विभिन्न प्रभावशाली सुधार हुए हैं तथा आगे भी इस क्षेत्र में सुधार जारी रहेगा। अर्थशास्त्र अध्ययनशाला के छात्र विनय कुमार ने बजट प्रावधानों को पावर प्वाइण्ट के माध्यम से प्रस्तुत करने हुए रोजगार से संबन्धित प्रावधानों का वर्णन किया। 


परिचर्चा के अन्त में अहमदाबाद से पधारे गुजराज विश्वविद्यालय के प्रसिद्ध अर्थशास्त्री प्रो प्रदीप प्रजापति ने इस साल के बजट के प्रमुख बिन्दुओं को समझाते हुए इसमे समाज तथा व्यक्ति के सुरक्षा, विकास एवं कल्याण प्रावधानों को समझाते हुए इस बजट को वित्तमन्त्री का एक सराहनीय कदम माना है। यह दीर्घकालीन दृष्टिकोण के आधार पर बनाया गया ऐसा बजट है जिसमें ग्रामीण क्षेत्र के साथ शहरी क्षेत्रों के लिए भी सरकार ने विशेष प्रयास किये है।

परिचर्चा में शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ कनिया मेड़ा, डॉ वीरेन्द्र चावरे, डॉ नलिन सिंह, डॉ दीपा द्विवेदी, श्री जितेश पोरवाल सहित भारी संख्या में शिक्षक, शोधार्थी तथा विद्यार्थी उपस्थिति थे और इस परिचर्चा का संचालन डॉ. धर्मेन्द्र सिंह ने किया तथा आभार डॉ संग्राम भूषण ने ज्ञापित किया। 


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