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विश्व हिंदी दिवस पर अटल श्री काव्य सम्मान एवं नव वैचारिकी का लोकार्पण विद्वत जनों द्वारा संपन्न

विश्व हिंदी दिवस पर अटल श्री काव्य सम्मान एवं नव वैचारिकी का लोकार्पण विद्वत जनों द्वारा संपन्न













विश्व हिंदी दिवस 10 जनवरी को राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना  द्वारा श्री मध्य भारत हिंदी साहित्यसमिति के सभागार में साहित्य उत्सव का आयोजन किया गया। इस अवसर पर संस्था की वार्षिक पत्रिका नव वैचारिकी का लोकार्पण मध्यप्रदेश शासन की पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री सुश्री उषा ठाकुर एवं अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ साहित्यकार श्री कृष्ण कुमार अस्थाना जी ने किया। इस कार्यक्रम में 5 साहित्यकारों इंदौर से श्रीमती आर्यमा सान्याल एवं श्री अनिल ओझा रायपुर से मुक्ता कौशिक डॉ आशीष कुमार नायक धमतरी से एवं श्री कमलेश दवे नागदा से को अटल काव्यश्री सम्मान प्रदान किया गया । 

मुख्य अतिथि उषा जी ने कहा कि हिंदी में बोलना लिखना सोचना पढ़ना हमारा कर्तव्य है।  यह हमारी जान है। 

डॉक्टर शैलेंद्र कुमार  शर्मा, कुलानुशासक, विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन ने कहा कि, हिंदी से प्रेम करना अर्थात राष्ट्रप्रेम करना है आज हिंदी विश्व के कोने कोने में पहुंच गई है। 

साहित्य अकादमी के निदेशक डॉक्टर विकास दवे ने कार्यक्रम की सराहना की एवं हिंदी संवर्धन पर विचार व्यक्त किए। 

अध्यक्षता करते हुए समिति के उपसभापति श्री कृष्ण कुमार अस्थाना जी ने कहा कि राष्ट्र संघ ने हिंदी को राजभाषा के रूप में सिद्धांत रूप में स्वीकार कर लिया है । उन्होंने अटल बिहारी वाजपेई जी को बहुत आदर के साथ याद किया। 

आरंभ में सरस्वती वंदना सुंदर लाल जोशी एवं स्वागत गीत लता जोशी के द्वारा प्रस्तुत किया गया।  कार्यक्रम में संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री बृजकिशोर शर्मा, विशेष अतिथि श्री कौशल किशोर पांडे ने भी उद्बोधन किया । 

राष्ट्रीय महासचिव डॉक्टर प्रभु चौधरी ने संस्था की गतिविधियों पर प्रकाश डाला। संचालन हिंदी परिवार के अध्यक्ष  हरेराम वाजपेई ने किया एवं अंत में आभार संस्था के उपाध्यक्ष डॉक्टर जी डी अग्रवाल ने व्यक्त किया।

कार्यक्रम में अमृता अवस्थी, संतोष मोहंती, सदाशिव कौतुक, प्रदीप नवीन, अनिल त्रिवेदी, डॉ वीरेंद्र मिश्र, मुकेश इंदौरी, डॉक्टर बुलाकार हरमोहननेमा, यूको बैंक के हिंदी अधिकारी अमित सरवर, ओरिएंटल इंश्योरेंस के आरसी बिरला एवं श्री हरीश कुमार के अलावा काफी संख्या मैं इंदौर, उज्जैन , नागदा आदि से साहित्यकार उपस्थित हुए सभी ने कार्यक्रम की भूरिभूरिप्रशंसा-पत्र की |

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