Skip to main content

ऑनलाईन डाउनलोड किये जा सकेगें ई-मतदाता पहचान पत्र


भोपाल : 23 जनवरी 2021 :भारत निर्वाचन आयोग द्वारा मतदाताओं के लिए ऑनलाईन ई-मतदाता पहचान पत्र डाउनलोड करने की सुविधा प्रदान की जा रही है। 25 जनवरी से यह सुविधा उन मतदाताओं के लिए उपलब्ध होगी जिनका नाम मतदाता सूची में 25 नवंबर 2020 से 31 दिसंबर 2020 के मध्य दर्ज किया गया है। एक फरवरी 2021 से सभी मतदाताओं के लिए यह सुविधा उपलब्ध हो जायेगी।

    उप जिला निर्वाचन अधिकारी भोपाल श्री संजय श्रीवास्तव ने बताया कि, राष्ट्रीय मतदाता दिवस 25 जनवरी 2021 से मतदाताओं को ई-मतदाता पहचान पत्र ऑनलाईन डाउनलोड करने की सुविधा प्रदान की जा रही है। प्रारंभ में ऐसे मतदाताओं को यह सुविधा मिलेगी जिनका नाम मतदाता सूची में 25 नवंबर 2020 से 31 दिसंबर 2020 के मध्य दर्ज किया गया है और नाम दर्ज कराते समय उनके द्वारा अपना मोबाईल नंबर दिया गया है। 01 फरवरी 2021 से यह सुविधा सभी मतदाताओं के लिए उपलब्ध हो जायेगी। इसके लिए मतदाता का यूनिक मोबाईल नंबर मतदाता पहचान पत्र से लिंक होना जरूरी है।

    ई-मतदाता पहचान पत्र आनलाईन डाउनलोड करने के लिए भारत निर्वाचन आयोग की वेवसाईट www.nvsp.in , www.voterportal.eci.gov.in पर जाकर अपना लागिन आईडी एवं पासवर्ड बनाना होगा । यह सुविधा वोटर हेल्पलाईन मोबाईल एप पर भी उपलब्ध रहेगी। ई-मतदाता पहचान पत्र ऑनलाईन डाउनलोड करने की सुविधा मिलने से मतदाता कहीं पर भी अपना वोटर पहचान पत्र डाउनलोड कर उसका प्रिंट प्राप्त कर सकता है।

Comments

मध्यप्रदेश समाचार

देश समाचार

Popular posts from this blog

आधे अधूरे - मोहन राकेश : पाठ और समीक्षाएँ | मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे : मध्यवर्गीय जीवन के बीच स्त्री पुरुष सम्बन्धों का रूपायन

  आधे अधूरे - मोहन राकेश : पीडीएफ और समीक्षाएँ |  Adhe Adhure - Mohan Rakesh : pdf & Reviews मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे - प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा हिन्दी के बहुमुखी प्रतिभा संपन्न नाट्य लेखक और कथाकार मोहन राकेश का जन्म  8 जनवरी 1925 को अमृतसर, पंजाब में  हुआ। उन्होंने  पंजाब विश्वविद्यालय से हिन्दी और अंग्रेज़ी में एम ए उपाधि अर्जित की थी। उनकी नाट्य त्रयी -  आषाढ़ का एक दिन, लहरों के राजहंस और आधे-अधूरे भारतीय नाट्य साहित्य की उपलब्धि के रूप में मान्य हैं।   उनके उपन्यास और  कहानियों में एक निरंतर विकास मिलता है, जिससे वे आधुनिक मनुष्य की नियति के निकट से निकटतर आते गए हैं।  उनकी खूबी यह थी कि वे कथा-शिल्प के महारथी थे और उनकी भाषा में गज़ब का सधाव ही नहीं, एक शास्त्रीय अनुशासन भी है। कहानी से लेकर उपन्यास तक उनकी कथा-भूमि शहरी मध्य वर्ग है। कुछ कहानियों में भारत-विभाजन की पीड़ा बहुत सशक्त रूप में अभिव्यक्त हुई है।  मोहन राकेश की कहानियां नई कहानी को एक अपूर्व देन के रूप में स्वीकार की जाती हैं। उनकी कहानियों में आधुनिक जीवन का कोई-न-कोई विशिष्

तृतीय पुण्य स्मरण... सादर प्रणाम ।

https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=1003309866744766&id=395226780886414 Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खबर Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खबर Bkk News Bekhabaron Ki Khabar, magazine in Hindi by Radheshyam Chourasiya / Bekhabaron Ki Khabar: Read on mobile & tablets -  http://www.readwhere.com/publication/6480/Bekhabaron-ki-khabar

खाटू नरेश श्री श्याम बाबा की पूरी कहानी | Khatu Shyam ji | Jai Shree Shyam | Veer Barbarik Katha |

संक्षेप में श्री मोरवीनंदन श्री श्याम देव कथा ( स्कंद्पुराणोक्त - श्री वेद व्यास जी द्वारा विरचित) !! !! जय जय मोरवीनंदन, जय श्री श्याम !! !! !! खाटू वाले बाबा, जय श्री श्याम !! 'श्री मोरवीनंदन खाटू श्याम चरित्र'' एवं हम सभी श्याम प्रेमियों ' का कर्तव्य है कि श्री श्याम प्रभु खाटूवाले की सुकीर्ति एवं यश का गायन भावों के माध्यम से सभी श्री श्याम प्रेमियों के लिए करते रहे, एवं श्री मोरवीनंदन बाबा श्याम की वह शास्त्र सम्मत दिव्यकथा एवं चरित्र सभी श्री श्याम प्रेमियों तक पहुंचे, जिसे स्वयं श्री वेद व्यास जी ने स्कन्द पुराण के "माहेश्वर खंड के अंतर्गत द्वितीय उपखंड 'कौमारिक खंड'" में सुविस्तार पूर्वक बहुत ही आलौकिक ढंग से वर्णन किया है... वैसे तो, आज के इस युग में श्री मोरवीनन्दन श्यामधणी श्री खाटूवाले श्याम बाबा का नाम कौन नहीं जानता होगा... आज केवल भारत में ही नहीं अपितु समूचे विश्व के भारतीय परिवार ने श्री श्याम जी के चमत्कारों को अपने जीवन में प्रत्यक्ष रूप से देख लिया हैं.... आज पुरे भारत के सभी शहरों एवं गावों में श्री श्याम जी से सम्बंधित संस्थाओं