Skip to main content

श्रेष्ठ रचनाएं सदैव समाज का पथ प्रदर्शन करती हैं - उच्च शिक्षा मंत्री डॉ यादव ; कृष्ण बसंती काव्य समारोह के अंतर्गत हुआ पुस्तक विमोचन एवं कवियों का सम्मान

श्रेष्ठ रचनाएं सदैव समाज का पथ प्रदर्शन करती हैं - उच्च शिक्षा मंत्री डॉ यादव

कृष्ण बसंती काव्य समारोह के अंतर्गत हुआ पुस्तक विमोचन एवं कवियों का  सम्मान  

प्रतिष्ठित संस्था कृष्ण बसंती द्वारा अक्षर वार्ता अंतरराष्ट्रीय शोध पत्रिका के सहयोग से कृष्ण बसंती काव्य समारोह का आयोजन कालिदास संस्कृत अकादमी के सभागार में किया गया।  समारोह के मुख्य अतिथि उच्च शिक्षा मंत्री, मप्र शासन डॉ मोहन यादव थे। विशेष अतिथि वरिष्ठ राजनेता श्री मनोहर बैरागी, पूर्व कुलपति प्रो रामराजेश मिश्र, विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के कुलानुशासक प्रो शैलेन्द्र कुमार शर्मा एवं आरजीपीवी, भोपाल के अधिकारी श्री शशिरंजन अकेला थे। प्रारंभ में आयोजन की रूपरेखा संस्था अध्यक्ष एवं सूत्रधार डॉ मोहन बैरागी ने प्रस्तुत की।

समारोह में स्व. कृष्णदास बैरागी के हिंदी एवं मालवी काव्य संग्रह जीवन राग का विमोचन अतिथियों द्वारा किया गया। इस अवसर पर डॉ मोहन बैरागी की तीन पुस्तकों गीत तथा नवगीत : भाव एवं शिल्प की दृष्टि में, कोविड 19 का समाज एवं साहित्य पर प्रभाव और उच्च शिक्षा शोध : वर्तमान संदर्भ में का विमोचन अतिथियों ने किया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उच्च शिक्षा मंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि श्रेष्ठ रचनाएं सदैव समाज का पथ प्रदर्शन करती हैं। मध्यप्रदेश शासन के उच्च शिक्षा विभाग द्वारा कविता लेखन स्पर्धा का आयोजन किया जाएगा। प्रतियोगिता में चयनित रचनाओं को पाठ्य पुस्तकों में स्थान दिया जाएगा। 

पूर्व कुलपति प्रो रामराजेश मिश्र ने कहा कि कोविड 19 से उपजी परिस्थितियों ने मानव जीवन और समुदायों पर गहरा प्रभाव डाला है। इससे साहित्य और संस्कृति भी अप्रभावित नहीं रहे। डॉ बैरागी की नई किताब इसका साक्ष्य देती है। 

लेखक एवं आलोचक डॉ शैलेंद्र कुमार शर्मा ने हिंदी एवं मालवी के कवि स्व. कृष्णदास बैरागी के विशिष्ट अवदान पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि मालवी लोक धारा के कवियों के मध्य श्री बैरागी ने अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है। श्री बैरागी लोक मन के अनुपम चितेरे हैं। उन्होंने लोक के साथ तादात्म्य स्थापित करते हुए उनके हर्ष – विषाद, राग – विराग, उल्लास - संघर्ष को अपनी सहज - सरस रचनाओं से मूर्त किया है। उनकी कविताओं में मालवा अंचल की लोक परम्पराओं, जीवन शैली और संस्कृति के विविध रूपों का मनोहारी अंकन हुआ है। 


कार्यक्रम में वरिष्ठ राजनेता श्री मनोहर बैरागी एवं डॉ शशिरंजन अकेला, भोपाल ने भी अपने विचार व्यक्त किए।

समारोह में लोकप्रिय कवि श्री जॉनी बैरागी, धार को स्व. बालकवि बैरागी सम्मान से सम्मानित किया गया। राष्ट्रीय चेतना के प्रसिद्ध कवि श्री अशोक चारण स्व. कृष्णदास बैरागी सम्मान से नवाजे गए। डॉ महेंद्र यादव, संयोजक ठहाका सम्मेलन को 21 वर्ष तक सफलतापूर्वक कार्यक्रम हेतु सम्मानित किया गया।

इस अवसर पर आयोजित कवि सम्मेलन में दोनों सम्मानित कवियों के अलावा वरिष्ठ कवि श्री अशोक भाटी, डॉ प्रेरणा ठाकरे, श्री सुरेन्द्र सर्किट, श्री सौरभ चातक एवं डॉ मोहन बैरागी ने काव्य पाठ किया। आमंत्रित कवियों को अंग वस्त्र एवं स्मृति चिन्ह अर्पित कर अतिथियों द्वारा सम्मानित किया गया।

अतिथियों का स्वागत संस्था अध्यक्ष डॉ मोहन बैरागी, वैष्णव बैरागी समाज के प्रदेशाध्यक्ष श्री महेश बैरागी, सुरेश बैरागी, राकेश बैरागी सहित संस्था के पदाधिकारियों ने किया। 

इस अवसर पर श्री दिनेश विजयवर्गीय, श्री राकेश चौहान, हम हिंदुस्तानी ग्रुप के श्री योगेश कुलमी, लोकेन्द्र शास्त्री, संजय शर्मा, संजय ज्ञानी सहित अनेक साहित्यकार, संस्कृतिकर्मी एवं गणमान्यजन उपस्थित थे।

पुस्तक विमोचन प्रसंग का संचालन श्री सुरेंद्र सर्किट ने किया। कवि सम्मेलन का संचालन वरिष्ठ कवि श्री अशोक भाटी ने किया। आभार डॉ. ओ पी वैष्णव ने माना।

Comments

मध्यप्रदेश समाचार

देश समाचार

Popular posts from this blog

आधे अधूरे - मोहन राकेश : पाठ और समीक्षाएँ | मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे : मध्यवर्गीय जीवन के बीच स्त्री पुरुष सम्बन्धों का रूपायन

  आधे अधूरे - मोहन राकेश : पीडीएफ और समीक्षाएँ |  Adhe Adhure - Mohan Rakesh : pdf & Reviews मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे - प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा हिन्दी के बहुमुखी प्रतिभा संपन्न नाट्य लेखक और कथाकार मोहन राकेश का जन्म  8 जनवरी 1925 को अमृतसर, पंजाब में  हुआ। उन्होंने  पंजाब विश्वविद्यालय से हिन्दी और अंग्रेज़ी में एम ए उपाधि अर्जित की थी। उनकी नाट्य त्रयी -  आषाढ़ का एक दिन, लहरों के राजहंस और आधे-अधूरे भारतीय नाट्य साहित्य की उपलब्धि के रूप में मान्य हैं।   उनके उपन्यास और  कहानियों में एक निरंतर विकास मिलता है, जिससे वे आधुनिक मनुष्य की नियति के निकट से निकटतर आते गए हैं।  उनकी खूबी यह थी कि वे कथा-शिल्प के महारथी थे और उनकी भाषा में गज़ब का सधाव ही नहीं, एक शास्त्रीय अनुशासन भी है। कहानी से लेकर उपन्यास तक उनकी कथा-भूमि शहरी मध्य वर्ग है। कुछ कहानियों में भारत-विभाजन की पीड़ा बहुत सशक्त रूप में अभिव्यक्त हुई है।  मोहन राकेश की कहानियां नई कहानी को एक अपूर्व देन के रूप में स्वीकार की जाती हैं। उनकी कहानियों में आधुनिक जीवन का कोई-न-कोई विशिष्

तृतीय पुण्य स्मरण... सादर प्रणाम ।

https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=1003309866744766&id=395226780886414 Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खबर Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खबर Bkk News Bekhabaron Ki Khabar, magazine in Hindi by Radheshyam Chourasiya / Bekhabaron Ki Khabar: Read on mobile & tablets -  http://www.readwhere.com/publication/6480/Bekhabaron-ki-khabar

खाटू नरेश श्री श्याम बाबा की पूरी कहानी | Khatu Shyam ji | Jai Shree Shyam | Veer Barbarik Katha |

संक्षेप में श्री मोरवीनंदन श्री श्याम देव कथा ( स्कंद्पुराणोक्त - श्री वेद व्यास जी द्वारा विरचित) !! !! जय जय मोरवीनंदन, जय श्री श्याम !! !! !! खाटू वाले बाबा, जय श्री श्याम !! 'श्री मोरवीनंदन खाटू श्याम चरित्र'' एवं हम सभी श्याम प्रेमियों ' का कर्तव्य है कि श्री श्याम प्रभु खाटूवाले की सुकीर्ति एवं यश का गायन भावों के माध्यम से सभी श्री श्याम प्रेमियों के लिए करते रहे, एवं श्री मोरवीनंदन बाबा श्याम की वह शास्त्र सम्मत दिव्यकथा एवं चरित्र सभी श्री श्याम प्रेमियों तक पहुंचे, जिसे स्वयं श्री वेद व्यास जी ने स्कन्द पुराण के "माहेश्वर खंड के अंतर्गत द्वितीय उपखंड 'कौमारिक खंड'" में सुविस्तार पूर्वक बहुत ही आलौकिक ढंग से वर्णन किया है... वैसे तो, आज के इस युग में श्री मोरवीनन्दन श्यामधणी श्री खाटूवाले श्याम बाबा का नाम कौन नहीं जानता होगा... आज केवल भारत में ही नहीं अपितु समूचे विश्व के भारतीय परिवार ने श्री श्याम जी के चमत्कारों को अपने जीवन में प्रत्यक्ष रूप से देख लिया हैं.... आज पुरे भारत के सभी शहरों एवं गावों में श्री श्याम जी से सम्बंधित संस्थाओं