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हिंदी के वैश्विक प्रसार और विकास के लिए व्यापक प्रयास जरूरी ; विश्व हिंदी दिवस पर अटल श्री काव्य सम्मान एवं नव वैचारिकी का लोकार्पण विद्वत जनों द्वारा संपन्न

हिंदी के वैश्विक प्रसार और विकास के लिए व्यापक प्रयास जरूरी

विश्व हिंदी दिवस पर अटल श्री काव्य सम्मान एवं नव वैचारिकी का लोकार्पण विद्वत जनों द्वारा संपन्न


विश्व हिंदी दिवस के अवसर पर देश की प्रतिष्ठित संस्था राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना द्वारा श्री मध्यभारत हिंदी साहित्य समिति सभागार में साहित्य महोत्सव का आयोजन किया गया। आयोजन की प्रमुख अतिथि मध्यप्रदेश शासन की पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री सुश्री उषा ठाकुर थीं। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार श्री कृष्णकुमार अष्ठाना, इंदौर ने की। प्रमुख वक्ता विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के कुलानुशासक एवं लेखक प्रो शैलेंद्र कुमार शर्मा थे। सारस्वत अतिथि डॉ कौशल किशोर पांडेय, इंदौर एवं मध्यप्रदेश साहित्य अकादमी, भोपाल के निदेशक डॉ विकास दवे थे।

इस अवसर पर संस्था की वार्षिक पत्रिका नव वैचारिकी का लोकार्पण  संपादक एवं संस्था के महासचिव डॉ प्रभु चौधरी, डॉ मुक्ता कौशिक, रायपुर, डॉ अमृता अवस्थी एवं सुंदरलाल जोशी, नागदा ने करवाया। 

मुख्य अतिथि संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री मध्यप्रदेश शासन सुश्री उषा ठाकुर ने कहा कि हिंदी से जुड़े गौरव को जन जन तक जगाने की आवश्यकता है। हिंदी बोलना, लिखना, सोचना और पढ़ना हमारा कर्तव्य है। यह हमारी जान है। 

मुख्य वक्ता लेखक एवं आलोचक प्रो शैलेंद्र कुमार शर्मा ने कहा कि हिंदी से प्रेम करना अर्थात राष्ट्रप्रेम करना है। आज हिंदी विश्व के कोने कोने में पहुंच गई है। हिंदी के वैश्विक प्रसार और विकास के लिए व्यापक प्रयास जरूरी हैं। देश दुनिया में बसे हिंदी सेवियों को संयुक्त राष्ट्र में हिंदी की प्रतिष्ठा के लिए संकल्पबद्ध होना होगा। हमारी अस्मिता हिंदी की अस्मिता है। वह हमारी पहचान की प्रतीक बनकर  सामने आती है। वह विश्व फलक पर सही अर्थों में वसुधैव कुटुंबकम् को चरितार्थ करती है।

मध्यप्रदेश साहित्य अकादमी के निदेशक डॉक्टर विकास दवे ने हिंदी संवर्धन के लिए अकादमी द्वारा किए जा रहे प्रयासों  पर विचार व्यक्त किए। 

अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ साहित्यकार एवं समिति के उपसभापति श्री कृष्ण कुमार अष्ठाना ने कहा कि राष्ट्र संघ ने हिंदी को आधिकारिक भाषा के रूप में सिद्धांत रूप में स्वीकार कर लिया है। उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी जी के अवदान को बहुत आदर के साथ याद किया। 

कार्यक्रम में विशेष अतिथि श्री कौशल किशोर पांडेय, इंदौर एवं संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री ब्रजकिशोर शर्मा ने भी संबोधित किया।

राष्ट्रीय महासचिव डॉक्टर प्रभु चौधरी ने संस्था की गतिविधियों और उपलब्धियों पर प्रकाश डाला।

कार्यक्रम में पाँच साहित्यकारों इंदौर से श्रीमती आर्यमा सान्याल एवं श्री अनिल ओझा, रायपुर से मुक्ता कौशिक, डॉ आशीष कुमार नायक, धमतरी एवं श्री कमलेश दवे, नागदा को अटल काव्यश्री सम्मान एवं श्रीमती लता जोशी मुंबई को भाषा भारती सम्मान प्रदान किया गया।

प्रो शैलेंद्र कुमार शर्मा ने विक्रम विश्वविद्यालय द्वारा हाल ही में प्रकाशित पुस्तकें सिंहस्थ विमर्श एवं महात्मा गांधी : विचार और नवाचार की प्रति संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री सुश्री उषा ठाकुर को अर्पित की। डॉ प्रभु चौधरी ने अपनी पुस्तक देवनागरी लिपि : तब से अब तक एवं कवयित्री हेमलता शर्मा ने मालवी लोकोक्ति कोश की प्रति माननीया मंत्री सुश्री उषा ठाकुर को अर्पित की।

कार्यक्रम का संचालन हिंदी परिवार के अध्यक्ष  हरेराम वाजपेयी ने किया एवं अंत में आभार संस्था के उपाध्यक्ष डॉ जी डी अग्रवाल ने व्यक्त किया।

आरंभ में सरस्वती वंदना श्री सुंदर लाल जोशी एवं स्वागत गीत डॉ लता जोशी, मुंबई के द्वारा प्रस्तुत किया गया।

कार्यक्रम में अमृता अवस्थी, संतोष मोहंती, सदाशिव कौतुक, प्रदीप नवीन, अनिल त्रिवेदी, डॉ वीरेंद्र मिश्र, मुकेश इंदौरी, डॉ विनायक पांडेय, डॉ शशि निगम, हेमलता शर्मा, डॉक्टर बुला कार, राम शर्मा परिंदा, पायल परदेसी,  श्रीमती उषा शर्मा, दिव्या मेहरा, दिनेश परमार, विनोद सोनगीर, सुनयना शर्मा,  हरिमोहन नेमा, यूको बैंक के हिंदी अधिकारी अमित सरवर, ओरिएंटल इंश्योरेंस के आरसी बिरला एवं श्री हरीश कुमार के अलावा बड़ी संख्या हिंदी सेवी, साहित्यकार एवं संस्कृतिकर्मी उपस्थित थे। 

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