Skip to main content

ब्रिटेन में पाए गए कोरोना वायरस के नए स्वरूप पर अपडेट ; संक्रमित लोगों की कुल संख्या अब तक 38 हो चुकी है

 

ब्रिटेन में पाए गए कोरोना वायरस के नए स्वरूप पर अपडेट

संक्रमित लोगों की कुल संख्या अब तक 38 हो चुकी है



ब्रिटेन में मिले कोरोना वायरस के नए स्वरूप (जीनोम) के कुल 38 नमूने सकारात्मक पाए गए हैं।

बेंगलुरु के निमहंस (एनआईएमएचएएनएस) में 10, हैदराबाद के सीसीएमबी में 3, पुणे के एनआईवी में 5, राजधानी दिल्ली के आईजीआईबी में 11, नई दिल्ली के एनसीडीसी में और कोलकाता के एनसीबीजी में एक संक्रमित व्यक्ति की पुष्टि हुई है।

एनसीबीएसइंस्टेम (आईएनएसटीईएम) बेंगलुरुसीडीएफ़डी हैदराबादआईएलएस भुवनेश्वर और एनसीसीएस पुणे में अब तक ब्रिटेन से निकले कोरोना वायरस के नए स्वरूप का कोई मामला नहीं पाया गया है।

 

संख्या

संस्थान / लैब

के अंतर्गत

नए कोविड स्वरुप के संक्रमितों का पता चला


1

एनसीडीसी नई दिल्ली

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय

8

 

2

आईजीआईबी नई दिल्ली

सीएसआईआर

11

 

3

एनसीबीजी कल्याणी (कोलकाता)

डीबीटी

1

 

4

एनआईवी पुणे

आईसीएमआर

5

 

5

सीसीएमबी हैदराबाद

सीएसआईआर

3

 

6

निमहंस बेंगलुरु

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय

10

 

कुल

38

 

जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए पॉजिटिव नमूनों की जांच 10 इंसाकॉग (भारतीय सार्स सीओवी-जिनोमिक्स कंसोर्टीयम) प्रयोगशालाओं में की जा रही है। जिनमें (एनआईबीएमजी) कोलकाताआईएलएस भुवनेश्वरएनआईवी पुणेएनसीसीएस पुणेसीसीएमबी हैदराबादसीडीएफ़डी हैदराबादइंस्टेम (आईएनएसटीईएम) बेंगलुरुनिमहंस बेंगलुरुआईजीआईबी दिल्ली और एनसीडीसी दिल्ली शामिल हैं।

इन सभी नये संक्रमित व्यक्तियों को संबंधित राज्य सरकारों द्वारा नामित स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं के अनुसार एकल कमरे के आइसोलेशन में रखा जा रहा है। साथ ही उनके संपर्क में आए हुए लोगों को भी संगरोध के तहत रखा गया है। सह-यात्रियोंपारिवारिक संपर्कों तथा अन्य व्यक्तियों से जुड़ी जानकारी प्राप्त करने के लिए व्यापक संपर्क पहचान कार्य शुरू कर दिया गया है। अन्य नमूनों पर भी जीनोम सिक्वेंसिंग का कार्य चल रहा है।

स्थिति पर सावधानीपूर्वक नज़र रखी जा रही है और निगरानी बढ़ाने​​नियंत्रणजांच तथा नमूनों को इंसाकॉग प्रयोगशालाओं को प्रेषण के लिए राज्यों को नियमित सलाह प्रदान की जा रही है।

Comments

मध्यप्रदेश समाचार

देश समाचार

Popular posts from this blog

आधे अधूरे - मोहन राकेश : पाठ और समीक्षाएँ | मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे : मध्यवर्गीय जीवन के बीच स्त्री पुरुष सम्बन्धों का रूपायन

  आधे अधूरे - मोहन राकेश : पीडीएफ और समीक्षाएँ |  Adhe Adhure - Mohan Rakesh : pdf & Reviews मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे - प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा हिन्दी के बहुमुखी प्रतिभा संपन्न नाट्य लेखक और कथाकार मोहन राकेश का जन्म  8 जनवरी 1925 को अमृतसर, पंजाब में  हुआ। उन्होंने  पंजाब विश्वविद्यालय से हिन्दी और अंग्रेज़ी में एम ए उपाधि अर्जित की थी। उनकी नाट्य त्रयी -  आषाढ़ का एक दिन, लहरों के राजहंस और आधे-अधूरे भारतीय नाट्य साहित्य की उपलब्धि के रूप में मान्य हैं।   उनके उपन्यास और  कहानियों में एक निरंतर विकास मिलता है, जिससे वे आधुनिक मनुष्य की नियति के निकट से निकटतर आते गए हैं।  उनकी खूबी यह थी कि वे कथा-शिल्प के महारथी थे और उनकी भाषा में गज़ब का सधाव ही नहीं, एक शास्त्रीय अनुशासन भी है। कहानी से लेकर उपन्यास तक उनकी कथा-भूमि शहरी मध्य वर्ग है। कुछ कहानियों में भारत-विभाजन की पीड़ा बहुत सशक्त रूप में अभिव्यक्त हुई है।  मोहन राकेश की कहानियां नई कहानी को एक अपूर्व देन के रूप में स्वीकार की जाती हैं। उनकी कहानियों में आधुनिक जीवन का कोई-न-कोई विशिष्

तृतीय पुण्य स्मरण... सादर प्रणाम ।

https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=1003309866744766&id=395226780886414 Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खबर Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खबर Bkk News Bekhabaron Ki Khabar, magazine in Hindi by Radheshyam Chourasiya / Bekhabaron Ki Khabar: Read on mobile & tablets -  http://www.readwhere.com/publication/6480/Bekhabaron-ki-khabar

खाटू नरेश श्री श्याम बाबा की पूरी कहानी | Khatu Shyam ji | Jai Shree Shyam | Veer Barbarik Katha |

संक्षेप में श्री मोरवीनंदन श्री श्याम देव कथा ( स्कंद्पुराणोक्त - श्री वेद व्यास जी द्वारा विरचित) !! !! जय जय मोरवीनंदन, जय श्री श्याम !! !! !! खाटू वाले बाबा, जय श्री श्याम !! 'श्री मोरवीनंदन खाटू श्याम चरित्र'' एवं हम सभी श्याम प्रेमियों ' का कर्तव्य है कि श्री श्याम प्रभु खाटूवाले की सुकीर्ति एवं यश का गायन भावों के माध्यम से सभी श्री श्याम प्रेमियों के लिए करते रहे, एवं श्री मोरवीनंदन बाबा श्याम की वह शास्त्र सम्मत दिव्यकथा एवं चरित्र सभी श्री श्याम प्रेमियों तक पहुंचे, जिसे स्वयं श्री वेद व्यास जी ने स्कन्द पुराण के "माहेश्वर खंड के अंतर्गत द्वितीय उपखंड 'कौमारिक खंड'" में सुविस्तार पूर्वक बहुत ही आलौकिक ढंग से वर्णन किया है... वैसे तो, आज के इस युग में श्री मोरवीनन्दन श्यामधणी श्री खाटूवाले श्याम बाबा का नाम कौन नहीं जानता होगा... आज केवल भारत में ही नहीं अपितु समूचे विश्व के भारतीय परिवार ने श्री श्याम जी के चमत्कारों को अपने जीवन में प्रत्यक्ष रूप से देख लिया हैं.... आज पुरे भारत के सभी शहरों एवं गावों में श्री श्याम जी से सम्बंधित संस्थाओं