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विक्रम विश्वविद्यालय में एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी 29 जनवरी को ; राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के परिप्रेक्ष्य में शिक्षक - शिक्षा की चुनौतियाँ एवं समाधान पर केंद्रित संगोष्ठी का आयोजन उज्जैन में होगा

 विक्रम विश्वविद्यालय में एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी 29 जनवरी को 

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के परिप्रेक्ष्य में शिक्षक - शिक्षा की चुनौतियाँ एवं समाधान पर केंद्रित संगोष्ठी का आयोजन उज्जैन में होगा


विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन और विद्या भारती उच्च शिक्षा संस्थान के संयुक्त तत्त्वावधान में एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन विक्रम विश्वविद्यालय के मुख्य प्रशासनिक भवन परिसर स्थित शलाका दीर्घा सभागार में 29 जनवरी 2021 को होगा। यह संगोष्ठी राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के परिप्रेक्ष्य में शिक्षक - शिक्षा की चुनौतियाँ एवं समाधान पर केंद्रित होगी। संगोष्ठी में देश के विभिन्न भागों के विद्वान और शिक्षाविद् भाग लेंगे। संगोष्ठी का उद्घाटन 29 जनवरी को प्रातःकाल 10 : 30 बजे विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के कुलपति प्रो. अखिलेश कुमार पाण्डेय की अध्यक्षता में सम्पन्न होगा। बीज वक्तव्य विद्या भारती, अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान, नई दिल्ली की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ रमा मिश्रा देंगी। विशिष्ट अतिथि महर्षि सांदीपनि राष्ट्रीय वेदविद्या प्रतिष्ठान, शिक्षा मंत्रालय, उज्जैन के सचिव प्रो विरुपाक्ष वि. जड्डीपाल होंगे।  

यह जानकारी देते हुए संगोष्ठी की समन्वयक श्रीमती डॉ. स्मिता भवालकर, प्राचार्य, सरस्वती शिक्षा महाविद्यालय, उज्जैन एवं डॉ. आर. के. अहिरवार, संकायाध्यक्ष विद्यार्थी कल्याण, विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन ने बताया कि संगोष्ठी में उद्घाटन के पश्चात तीन तकनीकी सत्र होंगे। प्रथम सत्र प्रातः 11: 45 बजे शिक्षण - अधिगम कौशल पर केंद्रित होगा। द्वितीय सत्र दोपहर 2:00 बजे समृद्ध विषय सामग्री : अन्वेषक दृष्टिकोण पर केंद्रित होगा। तृतीय सत्र दोपहर 3:30 बजे पद्धतियाँ एवं तकनीक (प्राचीन एवं अर्वाचीन) पर केंद्रित होगा। समापन सत्र 29 जनवरी को संध्या 5:00 बजे होगा।

आयोजन समन्वयकों ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 इक्कीसवीं सदी की पहली शिक्षा नीति है और इसका उद्देश्य हमारे देश की कई बढ़ती विकासात्मक अनिवार्यताओं को पूर्ण करना है। यह नीति भारत की परंपराओं और मूल्य प्रणालियों पर आधारित व्यक्तित्व का निर्माण करते हुए 21 वीं सदी की शिक्षा के आकांक्षात्मक लक्ष्यों के साथ संरेखित एक नई प्रणाली बनाने के लिए, इसके नियमन और शासन के साथ ही शिक्षा संरचना के सभी पहलुओं में संशोधन का प्रस्ताव करती है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 प्रत्येक व्यक्ति की रचनात्मक क्षमता के विकास पर विशेष जोर देती है। शिक्षक को शिक्षा प्रणाली में मूलभूत सुधारों के केंद्र में होना चाहिए। नई शिक्षा नीति सभी स्तरों पर, हमारे समाज के सबसे सम्मानित और आवश्यक सदस्यों के रूप में, शिक्षकों को स्थापित करने की भूमिका को पूर्ण करती है, क्योंकि वे वास्तव में हमारी अगली पीढ़ी के नागरिकों को आकार देते है। 29 जनवरी को आयोजित इस महत्त्वपूर्ण संगोष्ठी का उद्देश्य शिक्षक - शिक्षा के विभिन्न आयामों और शिक्षकों को शिक्षण व्यवस्था में आने वाली चुनौतियों के समाधान पर विमर्श करना है। इस संगोष्ठी के तीन उप विषय शिक्षण अधिगम कौशल, समृद्ध विषय सामग्री: अन्वेषक दृष्टिकोण एवं पद्धतियाँ एवं तकनीक ( प्राचीन एवं अर्वाचीन ) होंगे।

प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा, कुलानुशासक, विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन ने जानकारी देते हुए बताया कि,  आयोजन समिति के संयोजक डॉ.  प्रशान्त पुराणिक, समन्वयक, रासयो, विक्रम वि.वि., उज्जैन एवं सह संयोजक सुश्री डॉ. निवेदिता वर्मा, डॉ. आम्बेडकर पीठ, विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन ने इस महत्वपूर्ण संगोष्ठी में सहभागिता का अनुरोध शिक्षकों एवं गणमान्य जनों से किया है।



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