Skip to main content

अटल श्री काव्य अलंकरण एवं नव वैचारिकी का लोकार्पण 10 जनवरी को, नागदा के कमलेश दवे ‘सहज‘ को ‘अटलश्री‘ काव्य सम्मान।



नागदा -रविवार 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस पर राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना द्वारा 5 साहित्यकारों को अटल श्री काव्य सम्मान प्रदान किया जाएगा तथा संस्था की पत्रिका ‘‘नव वैचारिकी‘‘ का लोकार्पण दोपहर 1ः00 बजे श्री मध्य भारत हिंदी साहित्य समिति के सभागार में होगा। 

कार्यक्रम की मुख्य अतिथि मध्यप्रदेश शासन की पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर दीदी होंगी, अध्यक्षता मध्य भारत हिंदी साहित्य समिति के उपसभापति श्री कृष्ण कुमार अस्थाना जी करेंगे। इस अवसर पर डॉ. शैलेंद्र शर्मा, डॉ. कौशल किशोर पांडे, डॉ. विकास दवे निदेशक साहित्य अकादमी, डॉ. जी डी अग्रवाल, श्री बृजकिशोर शर्मा आदि साहित्यकार सारस्वत अतिथि होंगे। कार्यक्रम का सूत्र संचालन हिंदी परिवार के अध्यक्ष हरेराम वाजपेई करेंगे।

इस अवसर पर साहित्यकार श्रीमती आर्यमा सान्याल, श्री अनिल ओझा,  डॉ. मुक्ता कौशिक, डॉ. आशीष नायक, श्री कमलेश दवे ‘अटलश्री सम्मान‘ से सम्मानित होंगे।

समारोह को सफल बनाने की अपील राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना के अध्यक्ष श्री ब्रजकिशोर शर्मा, उपाध्यख डॉ, वीरेन्द्र मिश्रा, मार्गदर्शक श्री हरेराम वाजपेयी, उपाध्यक्ष डॉ. जी.डी. अग्रवाल, महासचिव डॉ. प्रभु चौधरी, उपमहासचिव अमृता अवस्थी, राष्ट्रीय मुख्य प्रवक्ता डॉ. शम्भू पंवार, प्रवक्ता डॉ. मुक्ता कौशिक, श्री सुंदरलाल जोशी सूरज, श्री दिनेश परमार, डॉ. चित्रा जैन, श्रीमती रमा टेमले, डॉ. उषा शर्मा, डॉ. निशा जोशी, डॉ. पूजा सक्सेना, श्रीमती सुनयना शर्मा, पायल परदेशी, विनोद सोनगिर, राम शर्मा परिन्दा, सोहनलाल परमार, प्रभा बैरागी आदि ने की है।

Comments

मध्यप्रदेश समाचार

देश समाचार

Popular posts from this blog

आधे अधूरे - मोहन राकेश : पाठ और समीक्षाएँ | मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे : मध्यवर्गीय जीवन के बीच स्त्री पुरुष सम्बन्धों का रूपायन

  आधे अधूरे - मोहन राकेश : पीडीएफ और समीक्षाएँ |  Adhe Adhure - Mohan Rakesh : pdf & Reviews मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे - प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा हिन्दी के बहुमुखी प्रतिभा संपन्न नाट्य लेखक और कथाकार मोहन राकेश का जन्म  8 जनवरी 1925 को अमृतसर, पंजाब में  हुआ। उन्होंने  पंजाब विश्वविद्यालय से हिन्दी और अंग्रेज़ी में एम ए उपाधि अर्जित की थी। उनकी नाट्य त्रयी -  आषाढ़ का एक दिन, लहरों के राजहंस और आधे-अधूरे भारतीय नाट्य साहित्य की उपलब्धि के रूप में मान्य हैं।   उनके उपन्यास और  कहानियों में एक निरंतर विकास मिलता है, जिससे वे आधुनिक मनुष्य की नियति के निकट से निकटतर आते गए हैं।  उनकी खूबी यह थी कि वे कथा-शिल्प के महारथी थे और उनकी भाषा में गज़ब का सधाव ही नहीं, एक शास्त्रीय अनुशासन भी है। कहानी से लेकर उपन्यास तक उनकी कथा-भूमि शहरी मध्य वर्ग है। कुछ कहानियों में भारत-विभाजन की पीड़ा बहुत सशक्त रूप में अभिव्यक्त हुई है।  मोहन राकेश की कहानियां नई कहानी को एक अपूर्व देन के रूप में स्वीकार की जाती हैं। उनकी कहानियों में आधुनिक जीवन का कोई-न-कोई विशिष्

तृतीय पुण्य स्मरण... सादर प्रणाम ।

https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=1003309866744766&id=395226780886414 Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खबर Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खबर Bkk News Bekhabaron Ki Khabar, magazine in Hindi by Radheshyam Chourasiya / Bekhabaron Ki Khabar: Read on mobile & tablets -  http://www.readwhere.com/publication/6480/Bekhabaron-ki-khabar

खाटू नरेश श्री श्याम बाबा की पूरी कहानी | Khatu Shyam ji | Jai Shree Shyam | Veer Barbarik Katha |

संक्षेप में श्री मोरवीनंदन श्री श्याम देव कथा ( स्कंद्पुराणोक्त - श्री वेद व्यास जी द्वारा विरचित) !! !! जय जय मोरवीनंदन, जय श्री श्याम !! !! !! खाटू वाले बाबा, जय श्री श्याम !! 'श्री मोरवीनंदन खाटू श्याम चरित्र'' एवं हम सभी श्याम प्रेमियों ' का कर्तव्य है कि श्री श्याम प्रभु खाटूवाले की सुकीर्ति एवं यश का गायन भावों के माध्यम से सभी श्री श्याम प्रेमियों के लिए करते रहे, एवं श्री मोरवीनंदन बाबा श्याम की वह शास्त्र सम्मत दिव्यकथा एवं चरित्र सभी श्री श्याम प्रेमियों तक पहुंचे, जिसे स्वयं श्री वेद व्यास जी ने स्कन्द पुराण के "माहेश्वर खंड के अंतर्गत द्वितीय उपखंड 'कौमारिक खंड'" में सुविस्तार पूर्वक बहुत ही आलौकिक ढंग से वर्णन किया है... वैसे तो, आज के इस युग में श्री मोरवीनन्दन श्यामधणी श्री खाटूवाले श्याम बाबा का नाम कौन नहीं जानता होगा... आज केवल भारत में ही नहीं अपितु समूचे विश्व के भारतीय परिवार ने श्री श्याम जी के चमत्कारों को अपने जीवन में प्रत्यक्ष रूप से देख लिया हैं.... आज पुरे भारत के सभी शहरों एवं गावों में श्री श्याम जी से सम्बंधित संस्थाओं