दिल्ली : भारत सरकार प्रतिवर्ष देश में बेहतर प्रदर्शन करने वाले पुलिस थानों का चयन करती है ताकि उनके काम-काज को प्रभावी बनाने की दिशा में प्रोत्साहित कर उनके बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा विकसित की जा सके।
वर्ष 2020 के लिए देश में 10 शीर्ष पुलिस थाने इस प्रकार हैं:-
क्रम |
राज्य |
जिला |
पुलिस
थाना |
1 |
मणिपुर |
थौबल |
नोंगपोसेक्मी |
2 |
तमिलनाडु |
सलेम सिटी |
एडब्ल्यूपीसी- सुरामंगलम |
3 |
अरुणाचल प्रदेश |
चांगलांग |
खारसांग |
4 |
छत्तीसगढ़ |
सूरजपुर |
झिलमिल (भैया थाना) |
5 |
गोवा |
दक्षिण गोवा |
संगुइम |
6 |
अंडमान और निकोबार द्वीप
समूह |
उत्तर और मध्य अंडमान |
कालीघाट |
7 |
सिक्किम |
पूर्वी जिला |
पाकयोंग |
8 |
उत्तर प्रदेश |
मुरादाबाद |
कंठ |
9 |
दादर और नगर हवेली |
दादर और नगर हवेली |
खानवेल |
10 |
तेलंगाना |
करीमनगर |
जम्मीकुंटा टाउन पीएस |
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने गुजरात के कच्छ में वर्ष 2015 में पुलिस महानिदेशकों की बैठक को संबोधित करते हुए जो निर्देश दिए थे यह उन्हीं के अनुरूप है। प्रधानमंत्री ने कहा था कि पुलिस थानों के चयन के लिए उपयुक्त मानकों को बनाया जाना चाहिए और लोगों से थानों के बारे में प्राप्त प्रतिक्रिया के आधार पर उनके प्रदर्शन का आकलन किया जाए।
गृह मंत्रालय ने इस वर्ष चुनौतीपूर्ण स्थितियों के बीच इस वर्ष के सबसे बेहतर पुलिस थानों के लिए सर्वेक्षण किया था। कोरोना महामारी की वजह से आवागमन संबंधी विभिन्न प्रतिबंधों के मद्देनजर सुदूरवर्ती क्षेत्रों में स्थित पुलिस थानों तक पहुंच पाना काफी कठिन कार्य रहा है। सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुरूप ही यह सर्वेक्षण करवाया गया। केन्द्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने कहा है कि देश के हजारों पुलिस थानों में से जिन थानों का चयन किया गया है। वे छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में हैं और जिन थानों को शीर्ष 10 थानों की श्रेणी में रखा गया है यह बात उनके लिए भी सत्य है। यह दर्शाता है कि संसाधनों की उपलब्धता एक अहम कारक है, लेकिन सबसे अधिक अहम बात हमारे पुलिस जवानों की प्रतिबद्धता और उनकी ईमानदारी है जिसकी वजह से वे अपराध की रोकथाम कर देश के प्रति सेवा करते हैं।
देश के 16,671 पुलिस थानों में से आंकड़ों के विश्लेषण, प्रत्यक्ष अवलोकन और जनता से मिली प्रतिक्रिया के आधार पर इन शीर्ष 10 थानों का चयन का मकसद था। प्रत्येक राज्य में सबसे बेहतर पुलिस थानों की सूची बनाने के बाद ही यह रैंकिंग प्रक्रिया शुरू की गई जो इन विषयों पर आधारित है।
- सम्पत्ति संबंधी अपराध
- महिलाओं के प्रति अपराध
- समाज के कमजोर वर्गों के प्रति अपराध
- गुमशुदा लोग, खोजे गए लोग लेकिन उनकी पहचान नहीं हो सकी हैं और अज्ञात शव
अंतिम मानक को इसी वर्ष शुरू किया गया है। प्रत्येक राज्य से शुरू में जिन पुलिस थानों का चयन किया गया था उनकी संख्या इस प्रकार है:
- प्रत्येक राज्य जहां 750 से अधिक पुलिस थाने हैं, 3 पुलिस थानों का चयन
- सभी राज्यों और दिल्ली से दो थानों का चयन
- प्रत्येक संघ शासित प्रदेश से एक थाने का चयन
रैंकिंग प्रक्रिया के अगले चरण के लिए 75 पुलिस थानों को चुना गया।
अंतिम चरण में, सेवा वितरण के मानकों का मूल्यांकन करने और पुलिसिंग में सुधार की तकनीकों की पहचान करने के लिए 19 मापदंडों की पहचान की गई थी। इस हिस्से का समग्र स्कोरिंग में 80 प्रतिशत योगदान था और शेष 20 प्रतिशत पुलिस स्टेशन के बुनियादी ढांचे और कर्मियों तक पहुंच और नागरिकों की प्रतिक्रिया पर आधारित था। शामिल नागरिकों की श्रेणियां आसपास के रिहायशी इलाकों, आस-पास के बाजारों और पुलिस स्टेशनों को छोड़ने वाले नागरिकों से थीं। प्रतिक्रिया के लिए जिन नागरिकों से संपर्क किया गया था, उनमें 4,056 उत्तरदाता शामिल थे, जिसमें प्रत्येक चुने गए स्थान से लगभग 60 लोग थे।
महामारी की अवधि के दौरान सर्वेक्षण को पूरा करने के लिए सभी राज्यों ने पूर्ण सहयोग के साथ इस वर्ष के सर्वेक्षण में भाग लिया। पुलिस स्टेशनों की वार्षिक रैंकिंग हमारे पुलिस कर्मियों की कड़ी मेहनत का प्रतीक है, जो हमारे पुलिस बलों को प्रोत्साहित करती है और भविष्य में मार्गदर्शन के लिए देश में पुलिसिंग के कई पहलुओं पर प्रतिक्रिया भी प्रदान करती है। यह पुलिस स्टेशनों में भौतिक आधारभूत ढांचे, पुलिस थानों के स्तर पर संसाधनों और उनकी कमी को दर्शाता है। पुलिस स्टेशनों की रैंकिंग की वार्षिक कवायद सुधार के लिए एक निरंतर मार्गदर्शक के रूप में काम करती है।
Comments