राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना इकाई पंजाब द्वारा वेबीनार के माध्यम से पंजाब की संत परंपरा और प्रदेश पर आधारित संगोष्ठी का आयोजन.
राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना इकाई पंजाब द्वारा वेबीनार के माध्यम से पंजाब की संत परंपरा और प्रदेश पर आधारित संगोष्ठी का आयोजन.
प्रमुख अतिथि प्रोफेसर विनोद तनेजा जी, अमृतसर ; विशिष्ट अतिथि श्री सुरेश चंद्र शुक्ला, ओस्लो नार्वे ; मुख्य वक्ता डॉक्टर शैलेंद्र कुमार शर्मा, अध्यक्ष हिंदी अध्ययन शाला, विक्रम विश्व विद्यालय, उज्जैन ; मुख्य अतिथि श्री बृजकिशोर शर्मा, अध्यक्ष, राष्ट्रीय शिक्षक संघ चेतना ; विशेष अतिथि वक्ता डॉ ब्रह्मदेव शर्मा, लुधियाना ; विशिष्ट वक्ता पूनम सपरा, पटियाला एवं संगोष्ठी के सूत्रधार डॉक्टर राजेंद्र साहिल ने संत परंपरा एवं गुरु वाणी के बारे में विस्तृत रूप से बताया.
सरस्वती वंदना पूर्णिमा कौशिक ने एवं शब्द वाणी डॉ प्रवीण मालानी ने प्रस्तुत की. स्वागत भाषण प्रदेश अध्यक्ष श्री राजेंद्र सर ने किया.
संगोष्ठी में संस्था परिचय डॉक्टर प्रभु चौधरी, महासचिव, राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना, उज्जैन द्वारा एवं संचालन डॉक्टर मुक्ता कोशिक, महासचिव, इकाई छत्तीसगढ़ ने तथा आभार पंजाब इकाई के सचिव डॉ विनोद कुमार ने माना.
इस अवसर पर डॉक्टर साहब शहाबुद्दीन, कार्यकारी अध्यक्ष एवं अनेक साहित्यकार, शोधार्थी उपस्थित रहे.
राष्ट्रीय संगोष्ठी में समस्त वक्ताओं ने गुरु नानक देव से गुरु गोविंद सिंह जी तक की संतो की चर्चा की और उनके द्वारा किए गए राष्ट्र धर्म एवं संस्कृति की रक्षा के योगदान को याद किया.
समारोह की अध्यक्षता डॉक्टर हरिसिंह पाल, महामंत्री नागरी लिपि परिषद, नई दिल्ली ने की.
इस अवसर पर राष्ट्रीय शिक्षक संघ चेतना के वरिष्ठ उपाध्यक्ष राव कुलदीप सिंह भोपाल आदि उपस्थित रहे.
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