मध्यप्रदेश उपचुनाव के नतीजे : 28 में से 19 सीटों पर भाजपा की धमाकेदार जीत, 9 पर कांग्रेस का कब्जा ; शिवराज के 3 मंत्री इमरती, दंडोतिया और कंसाना हारे
मध्यप्रदेश उपचुनाव के नतीजे : 28 में से 19 सीटों पर भाजपा की धमाकेदार जीत, 9 पर कांग्रेस का कब्जा ;
शिवराज के 3 मंत्री - इमरती, दंडोतिया और कंसाना हारे;
भोपाल। मध्य प्रदेश की 28 सीटों पर हुए उपचुनाव में भाजपा ने धमाके दार जीत दर्ज करते हुए 19 सीटों पर अपना कब्जा जमा लिया है। ज्यादातर सीटों पर कांग्रेस के उम्मीदवारों को करारी हार का सामना करना पड़ा। कांग्रेस के खाते में महज 9 सीटें ही आईं। उपचुनाव में जीत हासिल करने के लिए कांग्रेस ने कर्जमाफी के साथ राज्यसभा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित कांग्रेस छोड़कर भाजपा में गए विधायकों की सौदेबाजी को मुख्य मुद्दा बनाया था, लेकिन जनता को यह पसंद नहीं आया। वहीं, जीत के बाद पीएम मोदी ने प्रदेश की जनता का आभार जताया। उन्होंने कहा कि इन परिणामों के बाद शिवराज जी के नेतृत्व में मध्य प्रदेश की विकास यात्रा अब और तेज गति से बढ़ेगी।
मध्य प्रदेश में 28 विधानसभा सीटों के लिए हुए उपचुनाव के नतीजे देर रात घोषित हो गए। भाजपा ने 19 सीटें तो कांग्रेस ने नौ सीटें जीती हैं। कोरोना संक्रमण की वजह से मतगणना का काम देर रात तक चला। इस बार 1,441 मतदान केंद्र भी अधिक बनाए गए थे। वहीं, पहली बार 80 साल से अधिक आयु, निशक्तजन, कोरोना संक्रमित और संदिग्ध मरीजों को डाक मतपत्र के माध्यम से घर से मतदान की सुविधा दी गई थी। इनकी गणना में अतिरिक्त समय लगने की वजह से मतगणना में देरी हुई और नतीजे घोषित होने में भी विलंब हुआ।
विधानसभा उपचुनाव के नतीजे घोषित
- विधानसभा - जीत - हार
- अंबाह-कमलेश जाटव भाजपा - सत्यप्रकाश सखवार कांग्रेस
- ग्वालियर-प्रद्युम्न सिंह तोमर भाजपा - सुनील शर्मा कांग्रेस
- भांडेर- रक्षा संतराम सरौनिया भाजपा - फूलसिंह बरैया कांग्रेस
- पोहरी-सुरेश धाकड़ भाजपा - कैलाश कुशवाह बहुजन समाज पार्टी
- बमोरी-महेंद्र सिंह सिसौदिया भाजपा - कन्हैयालाल अग्रवाल कांग्रेस
- अशोकनगर-जजपाल सिंह जज्जी भाजपा - आशा दोहरे कांग्रेस
- मुंगावली-बृजेंद्र सिंह यादव भाजपा - कन्हईराम लोधी कांग्रेस
- सुरखी- गोविंद सिंह राजपूत भाजपा - पारुल साहू केशरी कांग्रेस
- मलहरा-प्रद्युम्न सिंह लोधी भाजपा - रामसिया भारती कांग्रेस
- अनूपपुर-बिसाहूलाल सिंह भाजपा - विश्वनाथ सिंह कांग्रेस
- सांची-डॉ. प्रभुराम चौधरी भाजपा - मदनलाल चौधरी कांग्रेस
- हाटपीपल्या-मनोज चौधरी भाजपा - राजवीर सिंह बघेल कांग्रेस
- मांधाता-नारायण सिंह पटेल भाजपा - उत्तमपाल सिंह कांग्रेस
- नेपानगर-सुमित्रादेवी कास्डेकर भाजपा - रामकिशन पटेल कांग्रेस
- बदनावर- राजवर्धन सिंह दत्तीगांव भाजपा - कमलसिंह पटेल कांग्रेस
- सुवासरा-हरदीप सिंह डंग भाजपा - राकेश पाटीदार कांग्रेस
- सांवेर-तुलसीराम सिलावट भाजपा - प्रेमचंद गुड्डू कांग्रेस
- मेहगांव-ओपीएस भदौरिया भाजपा - हेमंत कटारे कांग्रेस
- जौरा-सूबेदार सिंह रजौधा भाजपा - पंकज उपाध्याय कांग्रेस
- ग्वालियर पूर्व-डॉ.सतीश सिकरवार कांग्रेस - मुन्नालाल गोयल भाजपा
- सुमावली-अजब सिंह कुशवाह कांग्रेस - एदल सिंह कंषाना भाजपा
- मुरैना-राकेश मावई कांग्रेस - रघुराज सिंह कंषाना भाजपा
- डबरा- सुरेश राजे कांग्रेस - इमरती देवी भाजपा
- दिमनी-रविंद्र सिंह तोमर कांग्रेस - गिर्राज दंडोतिया भाजपा
- करैरा-प्रागीलाल जाटव कांग्रेस - जसमंत जाटव भाजपा
- ब्यावरा-रामचंद्र दांगी कांग्रेस - नारायण सिंह पंवार भाजपा
- आगर- विपिन वानखेड़े कांग्रेस - मनोज ऊंटवाल भाजपा
- गोहद-मेवाराम जाटव कांग्रेस - रणवीर जाटव भाजपा
मप्र में एक बार फिर पूर्ण बहुमत की सरकार बन गई है। दो साल के सियासी उतार-चढ़ाव के बाद हुए उपचुनाव में 28 में से 19 सीटें जीतकर भाजपा 107 से 126 सीटों पर पहुंच गई जो बहुमत के आंकड़े 115 से 11 सीटें ज्यादा है। कांग्रेस को नौ सीटों पर जीत मिली है। उपचुनाव के स्पष्ट जनादेश से साफ है कि जनता ने शिवराज सिंह पर भरोसा दिखाया है।
कांग्रेस सरकार का तख्ता पलट करने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया खेमे के 19 में से 13 लोगों ने जीत दर्ज की। जबकि मंत्री इमरती देवी और गिर्राज दंडोतिया के साथ जसमंत जाटव, रणवीर जाटव, रघुराज कंसाना और मुन्नालाल गोयल हार गए। एक अन्य मंत्री एंदल सिंह कंसाना भी चुनाव हारे। खास बात यह भी है कि पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता कमलनाथ और दिग्विजय सिंह की जोड़ी का असर चंबल-ग्वालियर में ही दिखाई दिया। यहां की 16 सीटों में से सात पर कांग्रेस को जीत मिली। बाकी जगहों पर मुख्यमंत्री शिवराज-सिंधिया की जोड़ी चली। ग्वालियर-चंबल के बाहर की नौ सीटों पर 20 हजार से अधिक वोटों की हार-जीत हुई।
सिंधिया के 6 समर्थक हारे, 6 शिवराज समर्थक जीते
सिंधिया ने जब पार्टी बदली, 22 विधायकों ने कांग्रेस छोड़ी थी। इनमें 19 सिंधिया समर्थक थे। तीन को भाजपा ने तोड़ा था। ये तीन थे- एंदल सिंह कंसाना, बिसाहू लाल और हरदीप डंग। सिंधिया गुट के 19 में से 6 हारे। जीते तेरह। शिवराज गुट के 9 में से तीन हारे। जीते छह। 229 की मौजूदा क्षमता में बहुमत के लिए 115 चाहिए। सिंधिया गुट को छोड़ भाजपा अब 107+6=113 हो गई है। उसे 2 की ही जरूरत होगी।
अन्य सात में से एक निर्दलीय और बसपा के दो विधायक भाजपा के पक्ष में हैं। बाकी भी विरोधी तो नहीं ही हैं। फिर भी सरकार सिंधिया गुट के बिना कम्फर्ट में नहीं रहेगी। यही वजह है कि सिंधिया का कद भाजपा में बढ़ गया है। अब अगले विस्तार में सिंधिया को केंद्र में मंत्री पद मिलने की संभावना भी बढ़ गई है। भाजपा सिंधिया के चेहरे का इस्तेमाल अन्य राज्यों में कर सकती है, क्योंकि मप्र में सरकार बनाकर चुनाव जीतने वाला फाॅर्मूला कामयाब हो गया है। इसका पहला असर राजस्थान में हो सकता है।
कमलनाथ और दिग्विजय गद्दार: ज्योतिरादित्य
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने उपचुनाव के रिजल्ट के बाद एक बार फिर कमलनाथ और दिग्विजय पर निशाना साधा। उन्होंने कहा- नतीजों ने साबित किया है कि कमलनाथ और दिग्विजय सिंह गद्दार हैं। दरअसल, भाजपा में शामिल होने के बाद लगातार कांग्रेस नेता उन्हें गद्दार कहते थे।
भाजपा की सबसे छोटी और बड़ी जीत
भांडेर सीट पर भाजपा की रक्षा संतराम सिरोनिया ने सबसे छोटी जीत दर्ज की। रक्षा ने महज 161 वोटों से कांग्रेस के फूलसिंह बरैया को हराया। वहीं, सांची में भाजपा प्रत्याशी और मंत्री प्रभुराम चौधरी ने सबसे बड़ी जीत दर्ज की है। प्रभुराम को 1 लाख 15 हजार 511 वोट मिले। उन्होंने 63 हजार 809 वोटों के अंतर से कांग्रेस के मदन लाल चौधरी को हराया।
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