Skip to main content

जल्द होगी निगम मंडलों में नियुक्तियां, 19 को सीएम हाउस में अहम बैठक

जल्द होगी निगम मंडलों में नियुक्तियां, 19 को सीएम हाउस में अहम बैठक



https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=3486149914835514&id=100003216196317

भोपाल, बुधवार, 18 नवम्बर, 2020 । मंत्रिमंडल विस्तार के साथ अब निगम मंडल में भी नियुक्तियों का दौर जल्द शुरू होगा। इसमें संगठन के लिए समर्पित कार्यकर्ताओं समेत विधानसभा चुनाव में हारे हुए नेताओं को भी एडजस्ट किया जाएगा। इसके अलावा मंत्री पद पाने से वंचित रहने वाले विधायकों को भी कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया जा सकता है। इस मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान संगठन नेताओं से चर्चा कर रहे हैं।


तीन से चार वरिष्ठ बनेंगे मंत्री

19 नवम्बर को ज्योतिरादित्य सिंधिया के भोपाल आगमन के दौरान सीएम हाउस में भी महत्वपूर्ण बैठक होगी, जिसमें इस मामले पर निर्णय लिया जा सकता है। गौरतलब है कि सिंधिया समर्थकों को एडजस्ट करने के फेर में भाजपा के कई सीनियर विधायक मंत्री बनने से वंचित रह गए हैं। इनमें वे नेता भी शामिल हैं जो शिवराज कैबिनेट में दो से तीन बार मंत्री रह चुके हैं। संगठन इन नेताओं को महत्व देना चाहता है। तय यह किया गया है कि तीन से चार वरिष्ठ नेताओं को क्षेत्रीय और जातीय संतुलन के हिसाब से मंत्री बनाया जाएगा। इसके साथ ही कुछ विधायकों को निगम मंडल में कैबिनेट मंत्री दर्जे के साथ एडजस्ट किया जाएगा। सरकार इसके लिए अध्यादेश पहले ही ला चुकी है। अब विधानसभा में शीतकालीन सत्र में इसे पेश करने की तैयारी है। इसके साथ ही जातिगत गणित साधने कुछ विधानसभा चुनाव हारे हुए नेताओं को भी निगम मंडल और आयोग में पदाधिकारी बनाया जाएगा। इसके साथ ही विकास प्राधिकरण में भी नियुक्तियां की जाएगी।


सिंधिया के साथ बैठक के बाद केंद्रीय नेतृत्व से चर्चा करेंगे सीएम

सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया शुक्रवार को भोपाल में रहेंगे। इस दौरान अन्य कार्यक्रमों के साथ उनकी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ सीएम हाउस पर बैठक है। इसमें प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और संगठन मंत्री सुभाष भगत भी मौजूद रहेंगे। सूत्रों की मानें तो इस बैठक में इन सारे विषयों पर चर्चा कर निर्णय लिया जाएगा। इसके बाद सीएम पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व से चर्चा करेंगे।


बीजेपी के कार्यक्रम में शामिल होंगे सिंधिया

ज्योतिरादित्य सिंधिया भाजपा की मास्टर ट्रेनर्स प्रशिक्षण कार्यशाला में भी शामिल होंगे। वह इसमें वक्ता के रूप में रहेंगे। इस कार्यशाला में 350 से अधिक पदाधिकारियों को बुलाया जा रहा है। इसमें जिलाध्यक्ष से लेकर अन्य पदाधिकारी शामिल है। संगठन तंत्र के विस्तार और पार्टी की रीति नीति से निचले स्तर तक के कार्यकर्ताओं को अवगत कराने के लिए भाजपा जिला से लेकर मंडल स्तर तक प्रशिक्षण शिविर आयोजित कर रही है। प्रदेश भाजपा कार्यालय में होने वाले इस प्रशिक्षण शिविर में सीएम शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, संगठन मंत्री सुहास भगत समेत अन्य नेता अपना उद्बोधन देंगे।


Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खबर

Comments

Popular posts from this blog

आधे अधूरे - मोहन राकेश : पाठ और समीक्षाएँ | मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे : मध्यवर्गीय जीवन के बीच स्त्री पुरुष सम्बन्धों का रूपायन

  आधे अधूरे - मोहन राकेश : पीडीएफ और समीक्षाएँ |  Adhe Adhure - Mohan Rakesh : pdf & Reviews मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे - प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा हिन्दी के बहुमुखी प्रतिभा संपन्न नाट्य लेखक और कथाकार मोहन राकेश का जन्म  8 जनवरी 1925 को अमृतसर, पंजाब में  हुआ। उन्होंने  पंजाब विश्वविद्यालय से हिन्दी और अंग्रेज़ी में एम ए उपाधि अर्जित की थी। उनकी नाट्य त्रयी -  आषाढ़ का एक दिन, लहरों के राजहंस और आधे-अधूरे भारतीय नाट्य साहित्य की उपलब्धि के रूप में मान्य हैं।   उनके उपन्यास और  कहानियों में एक निरंतर विकास मिलता है, जिससे वे आधुनिक मनुष्य की नियति के निकट से निकटतर आते गए हैं।  उनकी खूबी यह थी कि वे कथा-शिल्प के महारथी थे और उनकी भाषा में गज़ब का सधाव ही नहीं, एक शास्त्रीय अनुशासन भी है। कहानी से लेकर उपन्यास तक उनकी कथा-भूमि शहरी मध्य वर्ग है। कुछ कहानियों में भारत-विभाजन की पीड़ा बहुत सशक्त रूप में अभिव्यक्त हुई है।  मोहन राकेश की कहानियां नई कहानी को एक अपूर्व देन के रूप में स्वीकार की जाती हैं। उनकी कहानियों में आधुनिक जीवन का कोई-न-कोई विशिष्ट पहलू उजागर

मालवी भाषा और साहित्य : प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा

MALVI BHASHA AUR SAHITYA: PROF. SHAILENDRAKUMAR SHARMA पुस्तक समीक्षा: डॉ श्वेता पंड्या Book Review : Dr. Shweta Pandya  मालवी भाषा एवं साहित्य के इतिहास की नई दिशा  लोक भाषा, लोक साहित्य और संस्कृति का मानव सभ्यता के विकास में अप्रतिम योगदान रहा है। भाषा मानव समुदाय में परस्पर सम्पर्क और अभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम है। इसी प्रकार क्षेत्र-विशेष की भाषा एवं बोलियों का अपना महत्त्व होता है। भारतीय सभ्यता और संस्कृति से जुड़े विशाल वाङ्मय में मालवा प्रदेश, अपनी मालवी भाषा, साहित्य और संस्कृति के कारण महत्त्वपूर्ण स्थान रखता है। यहाँ की भाषा एवं लोक-संस्कृति ने  अन्य क्षेत्रों पर प्रभाव डालते हुए अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है। मालवी भाषा और साहित्य के विशिष्ट विद्वानों में डॉ. शैलेन्द्रकुमार शर्मा का नाम बड़े आदर से लिया जाता है। प्रो. शर्मा हिन्दी आलोचना के आधुनिक परिदृश्य के विशिष्ट समीक्षकों में से एक हैं, जिन्होंने हिन्दी साहित्य की विविध विधाओं के साथ-साथ मालवी भाषा, लोक एवं शिष्ट साहित्य और संस्कृति की परम्परा को आलोचित - विवेचित करने का महत्त्वपूर्ण एवं सार्थक प्रयास किया है। उनकी साहित्य

हिंदी कथा साहित्य / संपादक प्रो. शैलेंद्र कुमार शर्मा

हिंदी कथा साहित्य की भूमिका और संपादकीय के अंश : किस्से - कहानियों, कथा - गाथाओं के प्रति मनुष्य की रुचि सहस्राब्दियों पूर्व से रही है, लेकिन उपन्यास या नॉवेल और कहानी या शार्ट स्टोरी के रूप में इनका विकास पिछली दो सदियों की महत्त्वपूर्ण उपलब्धि है। हिंदी में नए रूप में कहानी एवं उपन्यास  विधा का आविर्भाव बीसवीं शताब्दी में हुआ है। वैसे संस्कृत का कथा - साहित्य अखिल विश्व के कथा - साहित्य का जन्मदाता माना जाता है। लोक एवं जनजातीय साहित्य में कथा – वार्ता की सुदीर्घ परम्परा रही है। इधर आधुनिक हिन्दी कथा साहित्य का विकास संस्कृत - कथा - साहित्य अथवा लोक एवं जनजातीय कथाओं की समृद्ध परम्परा से न होकर, पाश्चात्य कथा साहित्य, विशेषतया अंग्रेजी साहित्य के प्रभाव रूप में हुआ है।  कहानी कथा - साहित्य का एक अन्यतम भेद और उपन्यास से अधिक लोकप्रिय साहित्य रूप है। मनुष्य के जन्म के साथ ही साथ कहानी का भी जन्म हुआ और कहानी कहना - सुनना मानव का स्वभाव बन गया। सभी प्रकार के समुदायों में कहानियाँ पाई जाती हैं। हमारे देश में तो कहानियों की सुदीर्घ और समृद्ध परंपरा रही है। वेद - उपनिषदों में वर्णित यम-यम