Skip to main content

मास्क नहीं पहनने वालों को खुली जेल में 10 घंटे रखा जायेगा, स्पॉट फाइन होगा ,19 नवंबर से विशेष अभियान, कलेक्टर ने कोरोना वायरस समीक्षा बैठक में दिए निर्देश

 मास्क नहीं पहनने वालों को खुली जेल में 10 घंटे रखा जायेगा, स्पॉट फाइन होगा ,19 नवंबर से विशेष अभियान, कलेक्टर ने कोरोना वायरस समीक्षा बैठक में दिए निर्देश 


उज्जैन 18 नवंबर । कलेक्टर श्री आशीष सिंह ने उज्जैन शहर के सभी मजिस्ट्रेट एवं पुलिस अधिकारियों की बैठक में निर्देश दिए हैं कि 19 नवंबर से कोरोनावायरस से बचाव के लिए मास्क नहीं पहनने वालों के विरुद्ध विशेष अभियान चलाया जाए । इस अभियान में खुली जेल में उल्लंघन कर्ता व्यक्तियों को 10 घंटे तक रखा जाए जा सकता है एवं जुर्माना अलग से लगाया जाएगा ।



कलेक्टर ने आज बृहस्पति भवन में कोरोनावायरस के बढ़ते प्रकरणों को लेकर समीक्षा की एवं दिशा निर्देश दिए । बैठक में पुलिस अधीक्षक श्री सत्येंद्र कुमार शुक्ल, एडीएम श्री नरेंद्र सूर्यवंशी , एएसपी श्री अमरेंद्र सिंह , मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ महावीर खंडेलवाल , उज्जैन शहर के एसडीएम एवं कार्यपालक मजिस्ट्रेट व पुलिस अधिकारी मौजूद थे ।


कलेक्टर ने बैठक में निम्नानुसार दिशा निर्देश दिए:-


* मास्क नहीं पहनने वालों के विरुद्ध कड़ाई से पेश आने के निर्देश दिए ।उल्लंघन कर्ताओं को खुली जेल में 10 घंटे तक रखा जाएगा।


* ऐसे कोरोना पॉजिटिव मरीज जो घर पर आइसोलेशन में रहकर अपना उपचार करवा रहे हैं से होम आइसोलेशन का कड़ाई से पालन करवाने के लिए निर्देश दिए हैं । कलेक्टर ने कहा है कि बीच-बीच में जाकर यह देखा जाए कि कोरोना पॉजिटिव मरीज अपने घर से बाहर तो नही घूम रहा है । ऐसी स्थिति पाए जाने पर संबंधित के विरुद्ध महामारी एक्ट में प्रकरण दर्ज करते हुए जुर्माना वसूला जाए ।


* कलेक्टर ने होम आइसोलेशन की जांच के लिए जांच के लिए पृथक से 5 टीम बनाने के निर्देश दिए हैं .


* कलेक्टर ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को कहा है कि होम आइसोलेशन में उपचार करवा रहे मरीजों की जांच के लिए कमांड एंड कंट्रोल रूम द्वारा गठित की गई टीम घर पर जाकर मरीजों की जांच पूर्व अनुसार ही करते रहे यह सुनिश्चित किया जाए ।


* कलेक्टर ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को माधव नगर एवं चरक हॉस्पिटल की व्यवस्थाओं को चाक-चौबंद करने के निर्देश दिए हैं . उन्होंने प्रतिदिन कोरोनावायरस की जांच के लिए 750 सैंपल्स की जांच का लक्ष्य निर्धारित किया है ।


* कलेक्टर ने निर्देशित किया है कि कोरोना की जांच ,प्रबंधन एवम उपचार में किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी ।


* कलेक्टर ने सभी इंसिडेंट कमांडर एवं चिकित्सा अधिकारियों से कहा है कि वर्तमान में प्रतिदिन कोरोनावायरस के पॉजिटिव प्रकरण बढ़ रहे हैं ऐसी स्थिति में सभी को गम्भीरता से कार्य करने की आवश्यकता है ।उन्होंने कहा कि आगामी 2 माह चुनौतीपूर्ण है और इस समय सभी काम छोड़कर कानून व्यवस्था एवं कोरोनावायरस महामारी के प्रबंधन में लगने की आवश्यकता है ।


Comments

मध्यप्रदेश समाचार

देश समाचार

Popular posts from this blog

आधे अधूरे - मोहन राकेश : पाठ और समीक्षाएँ | मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे : मध्यवर्गीय जीवन के बीच स्त्री पुरुष सम्बन्धों का रूपायन

  आधे अधूरे - मोहन राकेश : पीडीएफ और समीक्षाएँ |  Adhe Adhure - Mohan Rakesh : pdf & Reviews मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे - प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा हिन्दी के बहुमुखी प्रतिभा संपन्न नाट्य लेखक और कथाकार मोहन राकेश का जन्म  8 जनवरी 1925 को अमृतसर, पंजाब में  हुआ। उन्होंने  पंजाब विश्वविद्यालय से हिन्दी और अंग्रेज़ी में एम ए उपाधि अर्जित की थी। उनकी नाट्य त्रयी -  आषाढ़ का एक दिन, लहरों के राजहंस और आधे-अधूरे भारतीय नाट्य साहित्य की उपलब्धि के रूप में मान्य हैं।   उनके उपन्यास और  कहानियों में एक निरंतर विकास मिलता है, जिससे वे आधुनिक मनुष्य की नियति के निकट से निकटतर आते गए हैं।  उनकी खूबी यह थी कि वे कथा-शिल्प के महारथी थे और उनकी भाषा में गज़ब का सधाव ही नहीं, एक शास्त्रीय अनुशासन भी है। कहानी से लेकर उपन्यास तक उनकी कथा-भूमि शहरी मध्य वर्ग है। कुछ कहानियों में भारत-विभाजन की पीड़ा बहुत सशक्त रूप में अभिव्यक्त हुई है।  मोहन राकेश की कहानियां नई कहानी को एक अपूर्व देन के रूप में स्वीकार की जाती ...

खाटू नरेश श्री श्याम बाबा की पूरी कहानी | Khatu Shyam ji | Jai Shree Shyam | Veer Barbarik Katha |

संक्षेप में श्री मोरवीनंदन श्री श्याम देव कथा ( स्कंद्पुराणोक्त - श्री वेद व्यास जी द्वारा विरचित) !! !! जय जय मोरवीनंदन, जय श्री श्याम !! !! !! खाटू वाले बाबा, जय श्री श्याम !! 'श्री मोरवीनंदन खाटू श्याम चरित्र'' एवं हम सभी श्याम प्रेमियों ' का कर्तव्य है कि श्री श्याम प्रभु खाटूवाले की सुकीर्ति एवं यश का गायन भावों के माध्यम से सभी श्री श्याम प्रेमियों के लिए करते रहे, एवं श्री मोरवीनंदन बाबा श्याम की वह शास्त्र सम्मत दिव्यकथा एवं चरित्र सभी श्री श्याम प्रेमियों तक पहुंचे, जिसे स्वयं श्री वेद व्यास जी ने स्कन्द पुराण के "माहेश्वर खंड के अंतर्गत द्वितीय उपखंड 'कौमारिक खंड'" में सुविस्तार पूर्वक बहुत ही आलौकिक ढंग से वर्णन किया है... वैसे तो, आज के इस युग में श्री मोरवीनन्दन श्यामधणी श्री खाटूवाले श्याम बाबा का नाम कौन नहीं जानता होगा... आज केवल भारत में ही नहीं अपितु समूचे विश्व के भारतीय परिवार ने श्री श्याम जी के चमत्कारों को अपने जीवन में प्रत्यक्ष रूप से देख लिया हैं.... आज पुरे भारत के सभी शहरों एवं गावों में श्री श्याम जी से सम्बंधित संस्थाओं...

दुर्गादास राठौड़ : जिण पल दुर्गो जलमियो धन बा मांझल रात - प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा

अमरवीर दुर्गादास राठौड़ : जिण पल दुर्गो जलमियो धन बा मांझल रात। - प्रो शैलेन्द्रकुमार शर्मा माई ऐड़ा पूत जण, जेहड़ा दुरगादास। मार मंडासो थामियो, बिण थम्बा आकास।। आठ पहर चौसठ घड़ी घुड़ले ऊपर वास। सैल अणी हूँ सेंकतो बाटी दुर्गादास।। भारत भूमि के पुण्य प्रतापी वीरों में दुर्गादास राठौड़ (13 अगस्त 1638 – 22 नवम्बर 1718)  के नाम-रूप का स्मरण आते ही अपूर्व रोमांच भर आता है। भारतीय इतिहास का एक ऐसा अमर वीर, जो स्वदेशाभिमान और स्वाधीनता का पर्याय है, जो प्रलोभन और पलायन से परे प्रतिकार और उत्सर्ग को अपने जीवन की सार्थकता मानता है। दुर्गादास राठौड़ सही अर्थों में राष्ट्र परायणता के पूरे इतिहास में अनन्य, अनोखे हैं। इसीलिए लोक कण्ठ पर यह बार बार दोहराया जाता है कि हे माताओ! तुम्हारी कोख से दुर्गादास जैसा पुत्र जन्मे, जिसने अकेले बिना खम्भों के मात्र अपनी पगड़ी की गेंडुरी (बोझ उठाने के लिए सिर पर रखी जाने वाली गोल गद्देदार वस्तु) पर आकाश को अपने सिर पर थाम लिया था। या फिर लोक उस दुर्गादास को याद करता है, जो राजमहलों में नहीं,  वरन् आठों पहर और चौंसठ घड़ी घोड़े पर वास करता है और उस पर ही बैठकर बाट...