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लेखक एवं आलोचक प्रो शर्मा सहित दुनिया के विशिष्टजनों को अर्पित किया गया महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार 2020

लेखक एवं आलोचक प्रो शर्मा सहित दुनिया के विशिष्टजनों को अर्पित किया गया महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार 2020


गांधी जी की 151 वीं जयंती पर महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार अलंकरण समारोह ओस्लो, नॉर्वे में वर्चुअल प्लेटफॉर्म पर सम्पन्न



सत्याग्रह, विश्वशांति और अहिंसा के महानायक महात्मा गांधी की 151 वीं जयंती पर ओस्लो, नॉर्वे की संस्था भारतीय - नार्वेजीय सूचना एवं सांस्कृतिक फोरम द्वारा दुनिया के प्रतिष्ठित समाजसेवियों, संस्कृतिकर्मियों, साहित्यकारों और पत्रकारों को प्रथम महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार 2020 से अलंकृत किया गया। 2 अक्टूबर को दोपहर में आयोजित सम्मान अलंकरण समारोह में समाजसेवा, विश्वशांति, चिंतन, साहित्य, संस्कृति एवं पत्रकारिता के क्षेत्र में अमूल्य योगदान के लिए दुनिया के विभिन्न हिस्सों के विशिष्टजनों को सम्मान के रूप में प्रशस्ति पत्र और ताम्र फलक वर्चुअल प्लेटफॉर्म पर अर्पित किए गए।



साहित्य एवं संस्कृति के क्षेत्र में अनुपम योगदान के लिए इस वर्ष के अंतरराष्ट्रीय महात्मा गांधी पुरस्कार के लिए चुने गए व्यक्तियों में प्रसिद्ध लेखक, आलोचक एवं विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के कुलानुशासक प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा शामिल थे। प्रोफेसर शर्मा ने साहित्य विमर्श, रंगमंच, संस्कृति, गांधी विचार, लोक साहित्य, देवनागरी लिपि सहित विभिन्न क्षेत्रों से जुड़ी चालीस से अधिक पुस्तकों का लेखन एवं संपादन किया है। उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर महात्मा गांधी के 150 वें जयंती वर्ष पर विविधायामी नवाचारी गतिविधियां संयोजित कीं।



ओस्लो में आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मान समारोह की मुख्य अतिथि नार्वेजीय अरबाइदर पार्टी की राजनेत्री एवं ओस्लो नगर पार्लियामेंट की संस्कृति मंत्री सुश्री रीना मारिआन हानसेन थीं। आयोजन के प्रति ओस्लो की मेयर श्रीमती मारिआने बोर्गेन ने शुभकामनाएं व्यक्त कीं।



कार्यक्रम के अध्यक्ष भारतीय - नार्वेजीय सूचना एवं सांस्कृतिक फोरम, ओस्लो के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष, वरिष्ठ प्रवासी साहित्यकार एवं मीडिया विशेषज्ञ श्री सुरेश चंद्र शुक्ल शरद आलोक ने विशिष्ट जनों को महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार 2020 अलंकरण की घोषणा की।



समाजसेवा एवं विश्वशांति के क्षेत्र में अमूल्य योगदान के लिए चिंतक, समाजसेवी एवं सम्पादक श्री गुलाब कोठारी, जयपुर को महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार एवं लाइफ टाइम अचीवमेंट - सर्वोच्च सम्मान अर्पित किया गया। इस श्रेणी में गोवा की पूर्व राज्यपाल, राजनेत्री एवं लेखिका श्रीमती मृदुला सिन्हा, नई दिल्ली, ओस्लो के समाचार पत्र आकेर्सआवीस ग्रूरुददालेन के सम्पादक एवं समाजसेवी यालमार शेलांद, नॉर्वे एवं यूनाइटेड किंगडम के वरिष्ठ समाजसेवी और राजनीतिज्ञ श्री वीरेन्द्र शर्मा, लन्दन को सम्मानित किया गया।



साहित्य एवं संस्कृति के क्षेत्र में अविस्मरणीय योगदान के लिए इस वर्ष का अंतरराष्ट्रीय महात्मा गांधी पुरस्कार प्रसिद्ध लेखक एवं आलोचक प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा, उज्जैन, वरिष्ठ साहित्यकार प्रो निर्मला एस मौर्य, चेन्नई, हिंदी एवं पंजाबी के प्रसिद्ध लेखक प्रो हरमहेन्द्र सिंह बेदी, अमृतसर और नॉर्वेजियन लेखिका इंन्विल्ड क्रिस्तीने हेरजोग, ओस्लो को अर्पित किया गया।



पत्रकारिता के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान के लिए वरिष्ठ पत्रकार श्री विजय विनीत, वाराणसी, संपादक श्रीमती सर्वमित्रा सुरजन, नई दिल्ली, सम्पादक राजीव सिंह, लखनऊ, सांस्कृतिक पत्रकार श्री राजेश विक्रान्त, मुंबई एवं मीडिया विश्लेषक प्रो सन्तोष तिवारी, लखनऊ को महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार 2020 से सम्मानित किया गया।



चिंतक, समाजसेवी एवं सम्पादक श्री गुलाब कोठारी, जयपुर ने संबोधित करते हुए कहा कि सत्य कहने में बहुत साधारण लगता है, किंतु वह एक ही तत्त्व सदैव रहेगा। पशुता के संस्कारों के कारण हिंसा बार - बार उभर आती है। संस्कारों का पूरा परिष्कार होने पर ही हिंसा छूटेगी।



संबोधित करते हुए लेखक प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा ने कहा कि महात्मा गांधी एक असाधारण नेता और महामानव थे। उन्होंने परस्पर प्रेम, मानवता, समानता, न्याय और अहिंसा के लिए आवाज उठाई, जो विश्व फलक पर आज सर्वमान्य है। वे गहरी भारतीय आस्था के लिए जाने जाते हैं, लेकिन उन्होंने सभी धर्मों और विचारों के सम्मान और समन्वय पर बल दिया। उन्होंने मनुष्य द्वारा खींची गई खाइयों को पाटने के लिए अपना संपूर्ण जीवन लगा दिया।



कार्यक्रम को गोवा की पूर्व राज्यपाल एवं वरिष्ठ लेखिका डॉ मृदुला सिन्हा, ब्रिटेन के मेंबर ऑफ पार्लियामेंट श्री वीरेंद्र शर्मा, प्रोफेसर हरमहेंद्र सिंह बेदी, प्रोफेसर निर्मला एस मौर्य आदि ने भी संबोधित किया।



कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि केंद्रीय हिंदी निदेशालय, नई दिल्ली के श्री दीपक पांडेय थे।


कार्यक्रम सचिव एवं सूत्रधार श्री थूरस्ताइन विंगेर, नॉर्वे एवं संगीता शुक्ला दिदरिक्सेन थीं। 


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