रेल मंत्रालय ने 21.09.2020 से 20 जोड़ी क्लोन स्पेशल ट्रेन चलाने की घोषणा की |
कुछ खास मार्गों पर यात्रा की भारी मांग को देखते हुए रेल मंत्रालय ने 21.09.2020 से 20 जोड़ी क्लोन स्पेशल ट्रेनें (नीचे दिए गए लिंक में लिस्ट उपलब्ध है) चलाने का फैसला किया है। ये क्लोन ट्रेनें अपने तय समय पर चलेंगी और पूरी तरह से आरक्षित ट्रेन होगी। इनका ठहराव संचालन से जुड़े हाल्ट तक ही सीमित रहेगा। 19 जोड़ी क्लोन ट्रेनों को हमसफर रेक्स का इस्तेमाल करके चलाया जाएगा। एक जोड़ी 04251/04252 लखनऊ-दिल्ली क्लोन स्पेशल ट्रेन जनशताब्दी के रूप में चलेगी। हमसफर रेक्स के लिए किराया हमसफर ट्रेनों के जितना होगा और जनशताब्दी रेक्स के लिए जनशताब्दी जितना किराया होगा। एआरपी (एडवांस्ड रिजर्वेशन पीरियड) 10 दिनों का होगा। ये क्लोन स्पेशल ट्रेनें पहले से चल रही स्पेशल ट्रेनों से अतिरिक्त होंगी। 20 जोड़ी क्लोन स्पेशल ट्रेनों का लिंक. (For CLEAR QUALITY LIST OF TRAINS) Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खबर Bekhabaron Ki Khabar, magazine in Hindi by Radheshyam Chourasiya / Bekhabaron Ki Khabar: Read on mobile & tablets - http://www.readwhere.com/publication/6480/Bekhabaron-ki-khabar |
आधे अधूरे - मोहन राकेश : पाठ और समीक्षाएँ | मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे : मध्यवर्गीय जीवन के बीच स्त्री पुरुष सम्बन्धों का रूपायन
आधे अधूरे - मोहन राकेश : पीडीएफ और समीक्षाएँ | Adhe Adhure - Mohan Rakesh : pdf & Reviews मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे - प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा हिन्दी के बहुमुखी प्रतिभा संपन्न नाट्य लेखक और कथाकार मोहन राकेश का जन्म 8 जनवरी 1925 को अमृतसर, पंजाब में हुआ। उन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय से हिन्दी और अंग्रेज़ी में एम ए उपाधि अर्जित की थी। उनकी नाट्य त्रयी - आषाढ़ का एक दिन, लहरों के राजहंस और आधे-अधूरे भारतीय नाट्य साहित्य की उपलब्धि के रूप में मान्य हैं। उनके उपन्यास और कहानियों में एक निरंतर विकास मिलता है, जिससे वे आधुनिक मनुष्य की नियति के निकट से निकटतर आते गए हैं। उनकी खूबी यह थी कि वे कथा-शिल्प के महारथी थे और उनकी भाषा में गज़ब का सधाव ही नहीं, एक शास्त्रीय अनुशासन भी है। कहानी से लेकर उपन्यास तक उनकी कथा-भूमि शहरी मध्य वर्ग है। कुछ कहानियों में भारत-विभाजन की पीड़ा बहुत सशक्त रूप में अभिव्यक्त हुई है। मोहन राकेश की कहानियां नई कहानी को एक अपूर्व देन के रूप में स्वीकार की जाती ...
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