Skip to main content

मध्यप्रदेश साहूकारी संशोधन विधेयक एवं अनुसूचित जनजाति ऋण मुक्ति विधेयक को कैबिनेट की स्वीकृति ; विभाग वितरण के पश्चात कैबिनेट की पहली बैठक में गरीबों के हित में लिया गया बड़ा निर्णय 

भोपाल : सोमवार, जुलाई 13, 2020, 19:14 IST


मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आज मंत्रालय में राज्य मंत्रिमंडल के सदस्यों के बीच विभाग वितरण के पश्चात सम्पन्न पहली कैबिनेट बैठक में गरीबों के हित में बड़े फैसले लिए गए। म.प्र. साहूकारी संशोधन विधेयक एवं अनुसूचित जनजाति ऋण मुक्ति विधेयक 2020 को कैबिनेट की स्वीकृति दे दी गई। अब आगे की कार्रवाई की जाएगी।


मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि आदिवासियों को साहूकारों के चंगुल से मुक्त कराने के लिए मध्यप्रदेश अनुसूचित जनजाति ऋण मुक्ति विधेयक लाया जा रहा है, जिसमें अनुसूचित क्षेत्रों में निवासरत अनुसूचित जनजाति वर्ग के सभी व्यक्तियों के 15 अगस्त 2020 तक के सभी ऋण ब्याज सहित माफ किए जाने का प्रावधान किया जा रहा है। साथ ही अन्य वर्गों को भी साहूकारों के चंगुल से छुड़ाने के लिए मध्यप्रदेश साहूकार (संशोधन विधेयक 2020) लाया जा रहा है।


मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि वर्तमान में प्रदेश में कोरोना की चुनौती है परन्तु साथ ही यह जनता के सेवा का अवसर भी है। हम पूरी टीम भावना के साथ मिलकर जनता की बेहतर से बेहतर सेवा करें। प्रदेश के विकास एवं जनता के कल्याण केलिए हम सब तत्पर है।


मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आज मंत्रालय में मंत्रीगणों के बीच विभागों वितरण के बाद पहली कैबिनेट बैठक को संबोधित किया। बैठक में राज्य मंत्रीमंडल के सभी सदस्य तथा अधिकारीगण मौजूद थे।


सोमवार को विभागीय समीक्षा, मंगलवार को कैबिनेट


मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि हर सोमवार एवं मंगलवार को सभी मंत्रीगणों को भोपाल में ही रहना है। सोमवार को वे विभागीय समीक्षा करें तथा उस दिन विधायकगणों से मिलने का एक निश्चित समय निर्धारित करें। मंगलवार को 11 बजे से कैबिनेट की बैठक होगी। (अपरिहार्य कारणों को छोड़कर)


विभाग का प्रस्तुतिकरण मंत्रीगण करें


मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कैबिनेट की बैठक में विभागीय संक्षेपिका का प्रस्तुतीकरण मंत्रीगण स्वयं करें। इस कार्य में विभागीय ए.सी.एस. एवं पी.एस. उनकी मदद करेंगे।


प्रभार केजिलों में महीने में कम से कम 2 दिन जाएं


मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि वर्तमान में मंत्रिमंडल में 34 सदस्य हैं, अत: कुछ मंत्रीगणों को 01 तथा कुछ को 02 जिले प्रभार के दिए जाएंगे। प्रभारी मंत्रीगण अपने प्रभार के जिले में माह में कम से कम 02 दिन दौरा करें। साथ ही वहां रात्रि विश्राम भी करें। दौरे के दौरान समीक्षा बैठक, योजनाओं का क्रियान्वयन, निर्माण कार्यों की स्थिति देखें तथा जनता के साथ संवाद करें।


15 अगस्त को जनता के सामने रखेंगे आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का रोडमैप


मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि हमें हमारे यशस्वी एवं दूरदर्शी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को पूरा करने के लिए आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के लिए निरंतर कार्य करना है। मंत्रीगण अपने विभागीय अधिकारियों, विषय विशेषज्ञों, प्रबुद्धजनों की सहायता से इसके लिए रोडमैप तैयार कर लें। इस संबंध में जनता से प्राप्त सुझावों का भी अध्ययन कर लें। आगामी 15 अगस्त को आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का रोडमैप जनता के समक्ष रखा जाएगा।


सी.एम. मॉनीटरिंग सिस्टम


मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि शासकीय कार्यों की मॉनीटरिंग के लिए सी.एम. मॉनिट सिस्टम बनाया गया है, जिसके माध्यम से सभी विभागीय कार्यों एवं योजनाओं की सतत मॉनीटरिंग की जाएगी। मंत्रीगण अपनी विभागीय योजनाओं के कार्यों के लक्ष्य, भौतिक एवं वित्तीय प्रगति, आदि की जानकारी इस पर डालें।


किल कोरोना अभियान के अच्छे परिणाम


मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में डोर-टू-डोर सर्वे के माध्यम से एक-एक कोरोना मरीज की पहचान कर कोरोना को पूरी तरह समाप्त करने के लिए 'किल कोरोना' अभियान चलाया जा रहा है। इसके अच्छे परिणाम सामने आ रहे हैं। एक जुलाई को इस अभियान के शुरू होने से आज तक की अवधि में प्रदेश की कोरोना पोजिटिविटी रेट 3.78 से घटकर 3.58 रह गई है वहीं डैथ रेट 4.19 प्रतिशत से घटकर 3.64 प्रतिशत रह गई है। अभियान के अंतर्गत 14500 टैस्ट प्रतिदिन तक पहुंच गए हैं। अभी प्रदेश में 65 प्रतिशत सर्वे कार्य पूर्ण हो गया है, शेष सर्वे 2 से 3 दिन में पूरा कर लिया जाएगा।


प्रदेश के विकास एवं जनता के कल्याण में कोई कमी नहीं आने देंगे


मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में पिछली सरकार के समय की 26 हजार 218 करोड़ की देनदारियां है तथा कोरोना संकट के चलते राजस्व में काफी कमी आयी है। परन्तु प्रदेश के विकास एवं जनता के कल्याण में कोई कमी नहीं आने देंगे।



Bkk News


Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खबर


Bekhabaron Ki Khabar, magazine in Hindi by Radheshyam Chourasiya / Bekhabaron Ki Khabar: Read on mobile & tablets - http://www.readwhere.com/publication/6480/Bekhabaron-ki-khabar



Comments

मध्यप्रदेश समाचार

देश समाचार

Popular posts from this blog

खाटू नरेश श्री श्याम बाबा की पूरी कहानी | Khatu Shyam ji | Jai Shree Shyam | Veer Barbarik Katha |

संक्षेप में श्री मोरवीनंदन श्री श्याम देव कथा ( स्कंद्पुराणोक्त - श्री वेद व्यास जी द्वारा विरचित) !! !! जय जय मोरवीनंदन, जय श्री श्याम !! !! !! खाटू वाले बाबा, जय श्री श्याम !! 'श्री मोरवीनंदन खाटू श्याम चरित्र'' एवं हम सभी श्याम प्रेमियों ' का कर्तव्य है कि श्री श्याम प्रभु खाटूवाले की सुकीर्ति एवं यश का गायन भावों के माध्यम से सभी श्री श्याम प्रेमियों के लिए करते रहे, एवं श्री मोरवीनंदन बाबा श्याम की वह शास्त्र सम्मत दिव्यकथा एवं चरित्र सभी श्री श्याम प्रेमियों तक पहुंचे, जिसे स्वयं श्री वेद व्यास जी ने स्कन्द पुराण के "माहेश्वर खंड के अंतर्गत द्वितीय उपखंड 'कौमारिक खंड'" में सुविस्तार पूर्वक बहुत ही आलौकिक ढंग से वर्णन किया है... वैसे तो, आज के इस युग में श्री मोरवीनन्दन श्यामधणी श्री खाटूवाले श्याम बाबा का नाम कौन नहीं जानता होगा... आज केवल भारत में ही नहीं अपितु समूचे विश्व के भारतीय परिवार ने श्री श्याम जी के चमत्कारों को अपने जीवन में प्रत्यक्ष रूप से देख लिया हैं.... आज पुरे भारत के सभी शहरों एवं गावों में श्री श्याम जी से सम्बंधित संस्थाओं...

आधे अधूरे - मोहन राकेश : पाठ और समीक्षाएँ | मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे : मध्यवर्गीय जीवन के बीच स्त्री पुरुष सम्बन्धों का रूपायन

  आधे अधूरे - मोहन राकेश : पीडीएफ और समीक्षाएँ |  Adhe Adhure - Mohan Rakesh : pdf & Reviews मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे - प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा हिन्दी के बहुमुखी प्रतिभा संपन्न नाट्य लेखक और कथाकार मोहन राकेश का जन्म  8 जनवरी 1925 को अमृतसर, पंजाब में  हुआ। उन्होंने  पंजाब विश्वविद्यालय से हिन्दी और अंग्रेज़ी में एम ए उपाधि अर्जित की थी। उनकी नाट्य त्रयी -  आषाढ़ का एक दिन, लहरों के राजहंस और आधे-अधूरे भारतीय नाट्य साहित्य की उपलब्धि के रूप में मान्य हैं।   उनके उपन्यास और  कहानियों में एक निरंतर विकास मिलता है, जिससे वे आधुनिक मनुष्य की नियति के निकट से निकटतर आते गए हैं।  उनकी खूबी यह थी कि वे कथा-शिल्प के महारथी थे और उनकी भाषा में गज़ब का सधाव ही नहीं, एक शास्त्रीय अनुशासन भी है। कहानी से लेकर उपन्यास तक उनकी कथा-भूमि शहरी मध्य वर्ग है। कुछ कहानियों में भारत-विभाजन की पीड़ा बहुत सशक्त रूप में अभिव्यक्त हुई है।  मोहन राकेश की कहानियां नई कहानी को एक अपूर्व देन के रूप में स्वीकार की जाती ...

दुर्गादास राठौड़ : जिण पल दुर्गो जलमियो धन बा मांझल रात - प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा

अमरवीर दुर्गादास राठौड़ : जिण पल दुर्गो जलमियो धन बा मांझल रात। - प्रो शैलेन्द्रकुमार शर्मा माई ऐड़ा पूत जण, जेहड़ा दुरगादास। मार मंडासो थामियो, बिण थम्बा आकास।। आठ पहर चौसठ घड़ी घुड़ले ऊपर वास। सैल अणी हूँ सेंकतो बाटी दुर्गादास।। भारत भूमि के पुण्य प्रतापी वीरों में दुर्गादास राठौड़ (13 अगस्त 1638 – 22 नवम्बर 1718)  के नाम-रूप का स्मरण आते ही अपूर्व रोमांच भर आता है। भारतीय इतिहास का एक ऐसा अमर वीर, जो स्वदेशाभिमान और स्वाधीनता का पर्याय है, जो प्रलोभन और पलायन से परे प्रतिकार और उत्सर्ग को अपने जीवन की सार्थकता मानता है। दुर्गादास राठौड़ सही अर्थों में राष्ट्र परायणता के पूरे इतिहास में अनन्य, अनोखे हैं। इसीलिए लोक कण्ठ पर यह बार बार दोहराया जाता है कि हे माताओ! तुम्हारी कोख से दुर्गादास जैसा पुत्र जन्मे, जिसने अकेले बिना खम्भों के मात्र अपनी पगड़ी की गेंडुरी (बोझ उठाने के लिए सिर पर रखी जाने वाली गोल गद्देदार वस्तु) पर आकाश को अपने सिर पर थाम लिया था। या फिर लोक उस दुर्गादास को याद करता है, जो राजमहलों में नहीं,  वरन् आठों पहर और चौंसठ घड़ी घोड़े पर वास करता है और उस पर ही बैठकर बाट...