कोविड-19 पर अपडेट ; ठीक होने की दर तेजी से बढ़कर 60 प्रतिशत के नजदीक पहुंची ; वर्तमान में, सक्रिय मामलों की संख्या 2,26,947 है
कोविड-19 पर अपडेट
ठीक होने की दर तेजी से बढ़कर 60 प्रतिशत के नजदीक पहुंची
ठीक हुए मामलों और सक्रिय मामलों के बीच का अंतर बढ़कर 1,32,912 हुआ
सरकार द्वारा सभी स्तरों पर कोविड-19 के प्रसार, रोकथाम और प्रबंधन की दिशा में किए जा रहे समन्वित प्रयास के कारण उत्साहजनक परिणाम सामने आ रहे हैं, जिससे ठीक होने वाले मामलों और सक्रिय मामलों की संख्या के बीच का अंतर लगातार बढ़ रहा है। वर्तमान समय में, कोविड-19 के सक्रिय मामलों की तुलना में ठीक हुए लोगों की संख्या 1,32,912 ज्यादा है।
कोविड-19 से संबंधित मामलों का समय पर नैदानिक प्रबंधन करने के परिणामस्वरूप, प्रतिदिन 10,000 से ज्यादा लोग स्वस्थ्य हो रहे हैं। पिछले 24 घंटे के दौरान, कोविड-19 के कुल 11,881 रोगियों को ठीक किया गया है, जिससे स्वस्थ्य हुए लोगों का कुल आंकड़ा बढ़कर 3,59,859 हो चुका है। इस आंकड़े ने ठीक होने की दर को बढ़ाकर 59.52 प्रतिशत तक पहुंचा दिया है।
वर्तमान में, सक्रिय मामलों की संख्या 2,26,947 है और सभी मामले चिकित्सा निगरानी के अंतर्गत हैं।
कोविड-19 से ठीक हुए मामलों की संख्या के हिसाब से शीर्ष 15 राज्य हैं:
क्रम संख्या | राज्य/केन्द्र शासित प्रदेश | ठीक हुए लोगों की संख्या |
1. | महाराष्ट्र | 93,154 |
2. | दिल्ली | 59,992 |
3. | तमिलनाडु | 52,926 |
4. | गुजरात | 24,030 |
5. | उत्तर प्रदेश | 16,629 |
6. | राजस्थान | 14,574 |
7. | पश्चिम बंगाल | 12,528 |
8. | मध्य प्रदेश | 10,655 |
9. | हरियाणा | 10,499 |
10. | तेलंगाना | 8,082 |
11. | कर्नाटक | 8,063 |
12. | बिहार | 7,946 |
13. | आंध्र प्रदेश | 6,988 |
14. | असम | 5,851 |
15. | ओड़िशा | 5,353 |
ठीक होने की दर के अनुसार शीर्ष 15 राज्य हैं:
क्रम संख्या | राज्य/केन्द्र शासित प्रदेश | ठीक होने की दर |
1. | चंडीगढ़ | 82.3% |
2. | मेघालय | 80.8% |
3. | राजस्थान | 79.6% |
4. | उत्तराखंड | 78.6% |
5. | छत्तीसगढ़ | 78.3% |
6. | त्रिपुरा | 78.3% |
7. | बिहार | 77.5% |
8. | मिजोरम | 76.9% |
9. | मध्य प्रदेश | 76.9% |
10. | झारखंड | 76.6% |
11. | ओड़िशा | 73.2% |
12. | गुजरात | 72.3% |
13. | हरियाणा | 70.3% |
14. | लद्दाख | 70.1% |
15. | उत्तर प्रदेश | 69.1% |
"टेस्ट, ट्रेस, ट्रीट" रणनीति के अनुसार, प्रत्येक दिन जांच किए जाने वाले नमूनों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है, जिसमें आज तक 90 लाख से ज्यादा नमूनों की जांच की जा चुकी है। पिछले 24 घंटे के दौरान 2,29,588 नमूनों की जांच की गई है। आज की तारीख में, जांचे गए नमूनों की कुल संख्या 90,56,173 है।
कोविड-19 का परीक्षण करने वाले नैदानिक प्रयोगशालाओं का नेटवर्क लगातार बढ़ रहा है, भारत में अब प्रयोगशालाओं की कुल संख्या बढ़कर 1,065 हो गई हैं, इसमें सरकारी क्षेत्र में 768 और निजी क्षेत्र में 297 प्रयोगशालाएं हैं। इनमें शामिल हैं:
- रियल-टाइम आरटी पीसीआर आधारित परीक्षण प्रयोगशालाएं: 578 (सरकारी: 366 + निजी: 212)
- ट्रुनेट आधारित परीक्षण प्रयोगशालाएं: 398 (सरकारी: 370 + निजी: 28)
- सीबीनाट आधारित परीक्षण प्रयोगशालाएं: 89 (सरकारी: 32 + निजी: 57)
कोविड-19 से संबंधित तकनीकी मुद्दों, दिशा-निर्देशों और सलाहों के बारे में सभी प्रामाणिक और अद्यतन जानकारी के लिए, नियमित रूप से देखें: https://www.mohfw.gov.in/ और @MoHFW_INDIA
कोविड-19 से संबंधित तकनीकी प्रश्नों को technicalquery.covid19@gov.in पर और अन्य प्रश्नों को ncov2019@gov.in पर ईमेल और @CovidIndiaSeva पर ट्वीट करके पूछा जा सकता है।
कोविड-19 से संबंधित किसी भी जानकारी के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के हेल्पलाइन नंबर- : +91-11-23978046 or 1075 (टोल फ्री) पर कॉल करें। कोविड-19 पर राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों के हेल्पलाइन नंबरों की सूची https://www.mohfw.gov.in/pdf/coronvavirushelplinenumber.pdf पर उपलब्ध है।
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बाधाओं को समाप्त करने से अधिक संख्या में कोविड -19 परीक्षण करने का मार्ग प्रशस्त हुआ
अब, निजी चिकित्सक भी कोविड -19 टेस्ट की सलाह दे सकते हैं
कोविड -19 परीक्षणों की कुल संख्या जल्द ही 1 करोड़ हो जायेगी
देश में कोविड -19 के लिए परीक्षण किए जा रहे लोगों की कुल संख्या जल्द ही एक करोड़ हो जायेगी।
यह भारत सरकार द्वारा सभी अड़चनों को हटाने के कारण संभव हुआ है। केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों ने अधिक संख्या में कोविड -19 परीक्षण करने का मार्ग प्रशस्त किया है।
अब तक, नैदानिक परीक्षण नेटवर्क के माध्यम से 90,56,173 परीक्षण किए गए हैं और इस नेटवर्क का तेजी से विस्तार किया जा रहा है। अब देश में 1065 परीक्षण प्रयोगशालाएं हैं, जिनमें 768 सार्वजनिक क्षेत्र में हैं और 297 निजी प्रयोगशालाएं हैं। प्रति दिन परीक्षण करने की क्षमता भी तेजी से बढ़ रही है। कल, कोविड -19 के लिए 2,29,588 लोगों का परीक्षण किया गया।
केंद्र सरकार द्वारा घोषित एक महत्वपूर्ण निर्णय के माध्यम से, कोविड -19 परीक्षण अब किसी भी पंजीकृत चिकित्सक की सलाह (पर्चे) से किया जा सकता है और इसके लिए विशेष रूप से सरकारी चिकित्सक होना जरूरी नहीं रह गया है। केंद्र ने राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों को निजी चिकित्सकों समेत सभी योग्य चिकित्सकों को जल्द से जल्द परीक्षण की सुविधा देने के लिए तत्काल कदम उठाने की सलाह दी है, ताकि आईसीएमआर दिशानिर्देशों के अनुसार परीक्षण के लिए मानदंडों को पूरा करने वाले किसी भी व्यक्ति का कोविड परीक्षण किया जा सके।
जांच- पता लगाना- उपचार (टेस्ट-ट्रैक-ट्रीट) महामारी का जल्दी पता लगाने और नियंत्रण के लिए महत्वपूर्ण रणनीति है। केंद्र ने राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों को राज्य / केन्द्र शासित प्रदेशों के सभी कोविड -19 परीक्षण प्रयोगशालाओं की पूर्ण क्षमता का उपयोग सुनिश्चित करने के लिए सभी संभव कदम उठाने की सलाह दी है। इससे सभी प्रयोगशालाओं, विशेषकर निजी प्रयोगशालाओं की पूर्ण क्षमता का उपयोग सुनिश्चित होगा। इस प्रकार लोग अत्यधिक लाभान्वित होंगे।
एक दूरगामी कदम के माध्यम से, आईसीएमआर ने दृढ़ता से सिफारिश की है कि प्रयोगशालाओं को आईसीएमआर दिशानिर्देशों के अनुसार किसी भी व्यक्ति का परीक्षण करने के लिए स्वतंत्र होना चाहिए और राज्य अधिकारियों को किसी व्यक्ति पर परीक्षण सबंधी रोक नहीं लगानी चाहिए, क्योंकि प्रारंभिक परीक्षण वायरस को नियंत्रित करने में और जीवन को बचाने में मदद करेगा।
भारत सरकार ने राज्यों से आरटी – पीसीआर के साथ रैपिड एंटीजेन पॉइंट-ऑफ-केयर परीक्षणों का उपयोग करके बड़े पैमाने पर परीक्षण करने का आग्रह किया है, जो कोविड -19 के निदान के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। रैपिड एंटीजन परीक्षण त्वरित, सरल व सुरक्षित है और इसे आईसीएमआर द्वारा निर्दिष्ट मानदंडों के अनुरूप नियंत्रण वाले क्षेत्रों के साथ-साथ अस्पतालों में किया जा सकता है। आईसीएमआर ने इसे वैधता दी है। ऐसे किटों से नागरिकों को अधिक विकल्प उपलब्ध होंगे।
केंद्र ने राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों से कहा है कि वे परीक्षण शिविरों का आयोजन करके तथा मोबाइल वैन आदि का उपयोग करके एक अभियान के रूप में बड़े पैमाने पर परीक्षण की सुविधा प्रदान करें। ऐसे क्षेत्रों में जहाँ कोविड -19 मामलों की संख्या अधिक है, वहां परीक्षण की सुविधा घर पर ही उपलब्ध की जानी चाहिए। इससे लक्षण वाले सभी लोगों व उनके संपर्कों के नमूने लिए जा सकेंगे और रैपिड एंटीजन टेस्ट का उपयोग करके उन नमूनों का परीक्षण किया जा सकेगा।
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