Skip to main content

कोविड-19 के संकट से निकालकर विकास पथ पर बढ़ गया है मध्यप्रदेश 

सरकार के सौ दिन


 चौथी बार मुख्यमंत्री बने श्री चौहान की  दूर दृष्टि और हौसले से मिल रही कामयाबी


✍️ अशोक मनवानी, उप संचालक, मुख्यमंत्री प्रेस प्रकोष्ठ



मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री  शिवराज सिंह चौहान के  मजबूत हौसले ने मध्यप्रदेश को कोविड 19 के  संकट से उबार दिया है। पिछले तीन माह गवाह हैं कि किस तरह मप्र कोविड 19  से किस तरह बच सका।
जिस तरह पूरा देश प्रधानमंत्री श्री मोदी की दूरदर्शिता और कोरोना वायरस का सामना करने के सिलसिले में लिए गए  उनके फैसलों के लिए उनका आदर करता है उसी तरह मुख्यमंत्री श्री चौहान के प्रति प्रदेश की जनता आभार के शब्द कहने में पीछे नहीं हटती जिन्होंने मध्य प्रदेश को इस बड़ी समस्या से बचा कर सशक्त अर्थव्यवस्था के मार्ग पर बढ़ने के लिए तैयार किया है। 


यह सर्व ज्ञात तथ्य है कि मध्य प्रदेश  में मार्च महीने की शुरुआत में ही कोविड-19 की आहट सुन ली गई थी। यह अलग बात है कि सरकार के स्तर पर तो  न तो बचाव की कोई योजना बन रही थी न कोई ऐसी तैयारी ही दिख रही थी कि कोई बड़ा संकट हमारे सामने आने वाला है।मार्च के करीब तीन सप्ताह   बीतने के बाद मध्यप्रदेश में सत्ता परिवर्तन की स्थिति बन गई। तीन बार प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में सफलतम कार्यकाल पूर्ण कर चुके अनुभवी राजनेता ,प्रशासनिक क्षमताओं के धनी ,राज्य के प्रत्येक वर्ग के कल्याण का सोच रखने वाले, धर्म अध्यात्म और दर्शन से जुड़े अध्ययेता, सरल हृदय श्री शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री का पदभार संभाला। इसी समय कोरोना वायरस का फैलाव बढ़ने लगा था ।मुख्यमंत्री पद का जिम्मा संभालते ही नियमित समीक्षा और  अनुश्रवण से श्री चौहान ने तत्काल ही सभी स्थितियों को भांप लिया था । उन्होंने दूरदर्शी सोच का परिचय देते हुए आवश्यक इंतजाम किए। 


पहली बैठक से ही भरसक प्रयास
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने स्वास्थ्य विभाग के अफसरों को पहली बैठक में ही निर्देश दे दिए कि पर्याप्त बेड, क्वॉरेंटाइन सेंटर के लिए भवनों के प्रबंध ,  वायरस की टेस्टिंग और आवश्यक साधनों  और जांच उपकरणों की व्यवस्था की जाए,मुख्यमंत्री श्री चौहान प्रथम बैठक से ही जनता को  कोरोना से बचाने के लिए एग्रेसिव कार्यवाही चाहते रहे।प्रदेश में  आनन फानन आवश्यक संख्या में  पीपीई किट  मंगवाई गई। पॉजिटिव पाए गए रोगियों का इलाज शुरू हुआ।सबसे बड़ी समस्या  से राज्य के दो बड़े नगर इंदौर और भोपाल  जूझ  रहे थे जहां निरंतर पॉजिटिव रोगियों की संख्या बढ़ रही थी।रोगियों की संख्या में  इजाफा होते देख कर मुख्यमंत्री श्री चौहान की नींद गायब हो गई । उन्होंने कमर कस ली । उनका दिन का चैन और  रात की नींद  गायब हो गई।सोते जागते कलेक्टरों से बातचीत ,बड़े अधिकारियों से व्यवस्थाओं के बारे में पूछताछ और एक एक नागरिक के कष्ट को दूर करने की चिंता की उन्होंने। इस बीच प्रधानमंत्री श्री मोदी ने 15 दिन के  लॉकडाउन को बढ़ाते हुए देश की जनता को इस तकलीफ से बचाने का निर्णय लिया। उसी के अनुरूप मध्यप्रदेश में सभी प्रबंध सुनिश्चित किए गए। कुछ नगरों से पुलिस द्वारा लोगों के आने-जाने पर बहुत सख्ती बरते जाने की खबरें शिकायत के रूप में आई ,लेकिन लोगों की जिंदगी बचाने के लिए यह जरूरी था । इसे जल्द ही प्रदेश के नागरिक भी समझ गए। 


शहरों के मोहल्लों के नाम  रट लिए शिवराज जी ने
कोविड-19 से प्रदेश में जो भी मौतें हुई ,उन्होंने मुख्यमंत्री श्री चौहान को दुखी और द्रवित  भी किया। उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंस में जिलों में बातचीत करते हुए को रो ना  से हुई एक एक मौत की वजह को जानने की कोशिश की ।यहां तक कि उन्हें उन इलाकों का नाम याद हो गया जहां ज्यादा मामले सामने आए। कंटेनमेंट इलाकों में व्यवस्थाएं करना आवश्यक थी ,वहां जरूरी खाद्यान्न और घरेलू उपयोग की वस्तुएं लोगों को मिले इसका प्रबंध भी सुनिश्चित किया गया ।मुख्यमंत्री श्री चौहान ने सूचना प्रौद्योगिकी का भरपूर इस्तेमाल करते हुए विस्तार पूर्वक जिला वार समीक्षाएं की ।यही कारण है कि मुख्यमंत्री श्री चौहान यह जानते हैं कि इंदौर के  टाटपट्टी बाखल ,सागर के सदर और भोपाल के जहांगीराबाद इलाके  हॉटस्पॉट कैसे बने, क्यों बने और उनका समाधान कैसे हो सकता है? यह बारीक विश्लेषण करने  का माद्दा  मुख्यमंत्री श्री चौहान में ही है।


गेहूं खरीदी की सभी व्यवस्थाएं जमाईं
इस बड़ी विपदा से निपटने के साथ ही समानांतर रूप से श्री चौहान ने  राज्य के एक बड़े तबके किसानों की चिंता करते हुए गेहूं की खरीदी के लिए सभी व्यवस्थाएं  भी जमाई। संबंधित विभागों और एजेंसियों को सक्रिय किया गया। खरीदी केंद्र बढ़ाए गए ।सोशल डिस्टेंसिंग के साथ व्यवस्थित तरीके से गेहूं की खरीदी का काम शुरू हुआ जो जून माह के पहले सप्ताह में राष्ट्रीय रिकॉर्ड के साथ पूरा हुआ। इस पूरे कार्य में कोई किसान संक्रमित नहीं हुआ। किसानों को सोशल  डिस्टेंसिंग का महत्व  भी बताया गया।जहां तक प्रदेश के आदिवासी भाइयों के कल्याण की बात है या  विद्यार्थियों के हित में छात्रवृत्ति का पैसा देने  की बात है या महिला कल्याण से जुड़े फैसले लेने की बात है, मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रत्येक मोर्चे पर परिणाम मूलक कार्य की हिदायत अफसरों को दी। इसके नतीजे  भी अच्छे आए। आज प्रदेश में कोरोना  से  प्रभावित हुई अर्थव्यवस्था को संभालने में यह फैसले काम आ रहे हैं । ऑन लाइन छात्रवृत्ति का पैसा देने,मध्यान्ह भोजन की राशि देने,संबल योजना के  तहत जन्म से मृत्यु तक विभिन्न कार्यों के लिए हितग्राहियों को आर्थिक सहायता देने की शुरुआत हुई। खाद्यान बांटने का काम हुआ।दो महीने का अग्रिम अनाज भी दिया गया। मनरेगा के अंतर्गत प्रवासी मजदूरों को रोजगार दिया गया। उनकी रोजी-रोटी की व्यवस्था हो   गई ।बैगा ,भारिया और सहरिया जनजाति सहित अन्य आदिवासियों के हित में फैसले लिए गए ।तेंदूपत्ता संग्राहक  को राशि के भुगतान, कारखाना श्रमिकों को 8 की बजाय 12 घंटे काम का विकल्प देकर उनकी आमदनी बढ़ाने और अधिकारियों, कर्मचारियों के लिए कल्याणकारी प्रावधान कर उनकी चिंता को दूर किया गया। केंद्र सरकार से मिले सहयोग के कारण भी  मध्य प्रदेश कोविड-19 की बड़ी समस्या से निपटने में सक्षम हुआ है, लेकिन मुख्यमंत्री श्री चौहान का हौसला और जुनून  इसलिए  विशेष महत्व रखता है क्योंकि निराशा और अवसाद की स्थिति में जा रहे लोगों को हिम्मत देते हुए मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रतिदिन सुबह-शाम कोरोना वायरस से प्रभावित लोगों के उपचार और देखरेख का जिम्मा लिया ।


पूर्व के कीर्तिमान दर्ज हैं विकास के इतिहास में
मध्य प्रदेश पूर्व में औद्योगिक क्षेत्र में निवेश ,सुशासन, विभिन्न वर्गों के लिए पंचायतों के आयोजन और उनके कल्याण के लिए नई-नई योजनाओं के निर्माण के लिए जाना जाता रहा है। इन सब का श्रेय मुख्यमंत्री श्री चौहान के प्रभावशाली नेतृत्व को ही जाता है ।पूर्व के 13 वर्ष के मुख्यमंत्री पद के सुदीर्घ अनुभव का लाभ आज प्रदेश की जनता को प्राप्त हो रहा है । मध्य प्रदेश के विकास के इतिहास में   कई महत्वपूर्ण अध्याय मुख्यमंत्री श्री चौहान के प्रयासों के कारण लिखे जाना संभव हुए हैं । इतिहास में दर्ज इन अध्यायों की  साक्षी प्रदेश की जनता भी है। कोविड 19 के  संकट से निकलने के बाद मध्य प्रदेश फिर से मजबूत अर्थ तंत्र के साथ देश के अग्रणी प्रांतों में शामिल होगा। यही नहीं अन्य क्षेत्रों में उदाहरण बन कर  भी सामने आएगा, इसका विश्वास प्रदेश की जनता को भी हो चुका है।


अशोक मनवानी


उप संचालक, मुख्यमंत्री प्रेस प्रकोष्ठ


Bkk News


Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खबर


Bekhabaron Ki Khabar, magazine in Hindi by Radheshyam Chourasiya / Bekhabaron Ki Khabar: Read on mobile & tablets - http://www.readwhere.com/publication/6480/Bekhabaron-ki-khabar


Comments

मध्यप्रदेश समाचार

देश समाचार

Popular posts from this blog

आधे अधूरे - मोहन राकेश : पाठ और समीक्षाएँ | मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे : मध्यवर्गीय जीवन के बीच स्त्री पुरुष सम्बन्धों का रूपायन

  आधे अधूरे - मोहन राकेश : पीडीएफ और समीक्षाएँ |  Adhe Adhure - Mohan Rakesh : pdf & Reviews मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे - प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा हिन्दी के बहुमुखी प्रतिभा संपन्न नाट्य लेखक और कथाकार मोहन राकेश का जन्म  8 जनवरी 1925 को अमृतसर, पंजाब में  हुआ। उन्होंने  पंजाब विश्वविद्यालय से हिन्दी और अंग्रेज़ी में एम ए उपाधि अर्जित की थी। उनकी नाट्य त्रयी -  आषाढ़ का एक दिन, लहरों के राजहंस और आधे-अधूरे भारतीय नाट्य साहित्य की उपलब्धि के रूप में मान्य हैं।   उनके उपन्यास और  कहानियों में एक निरंतर विकास मिलता है, जिससे वे आधुनिक मनुष्य की नियति के निकट से निकटतर आते गए हैं।  उनकी खूबी यह थी कि वे कथा-शिल्प के महारथी थे और उनकी भाषा में गज़ब का सधाव ही नहीं, एक शास्त्रीय अनुशासन भी है। कहानी से लेकर उपन्यास तक उनकी कथा-भूमि शहरी मध्य वर्ग है। कुछ कहानियों में भारत-विभाजन की पीड़ा बहुत सशक्त रूप में अभिव्यक्त हुई है।  मोहन राकेश की कहानियां नई कहानी को एक अपूर्व देन के रूप में स्वीकार की जाती हैं। उनकी कहानियों में आधुनिक जीवन का कोई-न-कोई विशिष्

तृतीय पुण्य स्मरण... सादर प्रणाम ।

https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=1003309866744766&id=395226780886414 Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खबर Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खबर Bkk News Bekhabaron Ki Khabar, magazine in Hindi by Radheshyam Chourasiya / Bekhabaron Ki Khabar: Read on mobile & tablets -  http://www.readwhere.com/publication/6480/Bekhabaron-ki-khabar

खाटू नरेश श्री श्याम बाबा की पूरी कहानी | Khatu Shyam ji | Jai Shree Shyam | Veer Barbarik Katha |

संक्षेप में श्री मोरवीनंदन श्री श्याम देव कथा ( स्कंद्पुराणोक्त - श्री वेद व्यास जी द्वारा विरचित) !! !! जय जय मोरवीनंदन, जय श्री श्याम !! !! !! खाटू वाले बाबा, जय श्री श्याम !! 'श्री मोरवीनंदन खाटू श्याम चरित्र'' एवं हम सभी श्याम प्रेमियों ' का कर्तव्य है कि श्री श्याम प्रभु खाटूवाले की सुकीर्ति एवं यश का गायन भावों के माध्यम से सभी श्री श्याम प्रेमियों के लिए करते रहे, एवं श्री मोरवीनंदन बाबा श्याम की वह शास्त्र सम्मत दिव्यकथा एवं चरित्र सभी श्री श्याम प्रेमियों तक पहुंचे, जिसे स्वयं श्री वेद व्यास जी ने स्कन्द पुराण के "माहेश्वर खंड के अंतर्गत द्वितीय उपखंड 'कौमारिक खंड'" में सुविस्तार पूर्वक बहुत ही आलौकिक ढंग से वर्णन किया है... वैसे तो, आज के इस युग में श्री मोरवीनन्दन श्यामधणी श्री खाटूवाले श्याम बाबा का नाम कौन नहीं जानता होगा... आज केवल भारत में ही नहीं अपितु समूचे विश्व के भारतीय परिवार ने श्री श्याम जी के चमत्कारों को अपने जीवन में प्रत्यक्ष रूप से देख लिया हैं.... आज पुरे भारत के सभी शहरों एवं गावों में श्री श्याम जी से सम्बंधित संस्थाओं